शिमला: हिमाचल प्रदेश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर भयावह होती जा रही है. लगातार बढ़ते मामले अब लोगों को डराने लगे हैं. प्रदेश में रोजना दर्जनों मौतें हो रही हैं और हजारों लोग इस वायरस से संक्रमित हो रहे हैं. इतना ही नहीं बड़ों के साथ-साथ अब मासूम भी इस वायरस की वजह से दम तोड़ रहे हैं. शुक्रवार को राजधानी शिमला में एक माह की मासूम की भी मौत हो गई है और अभी दो कोरोना पॉजिटिव बच्चों का इलाज आईजीएमसी में चल रहा है.
हिमाचल की राजधानी शिमला में एक महीने की बच्ची की कोरोना से मौत ने सभी को झकझोर दिया है. हर मां-बाप अपने बच्चों की सलामती को लेकर चिंता में हैं. ऐसे में ईटीवी भारत ने शिशु रोग विशेषज्ञ से बात कर इस संकट ने निपटने की तैयारियों और सावधानियों पर चर्चा की.
इस वजह से गई मासूम की जान
शिमला में एक महीने की बच्ची की मौत पर आईजीएमसी के चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ. सुरेंद्र सिंह ने कहा कि बच्ची में कोविड निमोनिया के लक्षण पाए गए थे. नोजल ब्लॉकेज की वजह से बच्ची को सांस लेने में भी परेशानी आ रही थी. जिसकी वजह से बच्ची ने दम तोड़ दिया. हालांकि, बच्ची की मां भी कोविड पॉजिटिव पाई गई थी. जिसकी वजह से बच्ची के संक्रमित होने की आशंका है.
गर्भवती महिलाओं को रखना चाहिए अपना ख्याल
डॉ. सुरेंद्र सिंह ने बताया कि लोग कोरोना से लक्षणों को छिपा रहे हैं. जिसका खामियाजा परिवार के अन्य सदस्यों को भुगतना पड़ रहा है. गर्भवती महिलाओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है. ऐसे में कोविड काल में उन्हें अपना खास ख्याल रखना चाहिए. और यदि कोरोना के लक्षण नजर आए तो फौरन टेस्ट करवाएं. इसे हल्के में न लें, अन्यथा भारी पड़ सकता है.
कोरोना के दौर में इस तरह रखें बच्चों का ख्याल
- संक्रमित बच्चे में गले में खराश, खांसी, हल्का बुखार, नाक बहना और सांस लेने में तकलीफ आदि हल्के लक्षण देखे जा सकते हैं. कई बच्चों में पेट संबंधी बीमारी हो सकती है. ऐसी स्थिति में होम आइसोलेशन के जरिए इलाज किया जा सकता है.
- विशेषज्ञों की मानें तो 90 से 100 के बीच के ऑक्सीजन सैचुरेशन लेवल हेल्दी होता है. इसके लिए 90 से ऊपर ऑक्सीजन सैचुरेशन लेवल वाले संक्रमित बच्चे को मॉडरेट कैटेगरी में रखने की सलाह दी है. इस स्थिति में बच्चों को फ्लू भी हो सकता है.
- डॉक्टर बच्चों को बुखार आने पर पैरासिटामाल लेने की सलाह देते हैं. इसके लिए बच्चे को पैरासिटामोल (10-15 मिलीग्राम/ किग्रा/खुराक) को हर चार घंटे पर दे सकते हैं.
- गले में खराश और सूखी खांसी होने पर गुनगुने गर्म पानी में नमक मिलाकर गरारा करने के लिए दें.
- कोरोना वायरस के हल्के लक्षण दिखने पर बच्चों को एंटीबायोटिक्स न देने की सलाह दी गई. विशेष परिस्थिति में डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही एंटीबायोटिक्स दें.
- गर्मी के दिनों में डिहाइड्रेशन का जोखिम बढ़ जाता है. ऐसी स्थिति में डाइट मौसमी फलों और सब्जियों को जरूर शामिल करें. इससे शरीर हायड्रेट रहेगा.
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