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कुल्लू में भूमि अधिग्रहण प्रभावित मंच ने डीसी को सौंपा ज्ञापन, उठाई ये मांग

कुल्लू में भूमि अधिग्रहण प्रभावित मंच के सदस्यों ने डीसी से मुलाकात की और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को ज्ञापन भेजा. मंच के प्रदेश सह संयोजक नरेश मिन्हास ने बताया कि साल 2013 में भूमि अधिग्रहण कानून लागू किया गया था. जिसके तहत फोरलेन व अन्य विकास योजनाओं में भूमि अधिग्रहण होने पर जमीन मालिकों को चार गुना अधिक मुआवजा दिया जाना था.

भूमि अधिग्रहण प्रभावित मंच ने डीसी को सौंपा ज्ञापन
भूमि अधिग्रहण प्रभावित मंच ने डीसी को सौंपा ज्ञापन
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Published : Aug 26, 2021, 1:49 PM IST

कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में इन दिनों कई स्थानों पर फोरलेन व सड़कों की डबल लाइन का कार्य सरकार के द्वारा किया जा रहा है. वहीं, रेल लाइन के लिए भी भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है, लेकिन जमीन मालिकों को कानून के हिसाब से मुआवजा नहीं दिया जा रहा है.

जिला कुल्लू में भूमि अधिग्रहण प्रभावित मंच के सदस्यों ने डीसी से मुलाकात की और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को ज्ञापन भेजा. मंच के प्रदेश सह संयोजक नरेश मिन्हास ने बताया कि साल 2013 में भूमि अधिग्रहण कानून लागू किया गया था. जिसके तहत फोरलेन व अन्य विकास योजनाओं में भूमि अधिग्रहण होने पर जमीन मालिकों को चार गुना अधिक मुआवजा दिया जाना था.

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वहीं, इससे प्रभावित होने वाले दुकानदारों व किसानों के लिए भी पुनर्वास की योजना तैयार की गई थी, लेकिन प्रदेश में भाजपा सरकार के द्वारा अभी तक इस कानून को लागू नहीं किया गया है. जिससे प्रदेश के हजारों दुकानदारों व किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है.

नरेश मिन्हास का कहना है कि इस प्रभावित मंच के माध्यम से अब प्रदेश के मुख्यमंत्री से मांग की जा रही है. अगर किसी विकास परियोजना को लागू करना है, तो वहां पर भूमि अधिग्रहण कानून के हिसाब से ही काम किया जाना चाहिए. जिसमें कृषि योग्य भूमि को छोड़कर दूसरी भूमि का अधिग्रहण सरकार को करना चाहिए.

ये भी पढ़ें: कुल्लू मारपीट मामला: नेरचौक मेडिकल कॉलेज पहुंचे गोविंद सिंह ठाकुर, घायलों का जाना हाल

कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में इन दिनों कई स्थानों पर फोरलेन व सड़कों की डबल लाइन का कार्य सरकार के द्वारा किया जा रहा है. वहीं, रेल लाइन के लिए भी भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है, लेकिन जमीन मालिकों को कानून के हिसाब से मुआवजा नहीं दिया जा रहा है.

जिला कुल्लू में भूमि अधिग्रहण प्रभावित मंच के सदस्यों ने डीसी से मुलाकात की और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को ज्ञापन भेजा. मंच के प्रदेश सह संयोजक नरेश मिन्हास ने बताया कि साल 2013 में भूमि अधिग्रहण कानून लागू किया गया था. जिसके तहत फोरलेन व अन्य विकास योजनाओं में भूमि अधिग्रहण होने पर जमीन मालिकों को चार गुना अधिक मुआवजा दिया जाना था.

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वहीं, इससे प्रभावित होने वाले दुकानदारों व किसानों के लिए भी पुनर्वास की योजना तैयार की गई थी, लेकिन प्रदेश में भाजपा सरकार के द्वारा अभी तक इस कानून को लागू नहीं किया गया है. जिससे प्रदेश के हजारों दुकानदारों व किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है.

नरेश मिन्हास का कहना है कि इस प्रभावित मंच के माध्यम से अब प्रदेश के मुख्यमंत्री से मांग की जा रही है. अगर किसी विकास परियोजना को लागू करना है, तो वहां पर भूमि अधिग्रहण कानून के हिसाब से ही काम किया जाना चाहिए. जिसमें कृषि योग्य भूमि को छोड़कर दूसरी भूमि का अधिग्रहण सरकार को करना चाहिए.

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