किन्नौरः सुनिल हत्याकांड मामले को लेकर किन्नौर में राजनीति गरमाई हुई है. गुरुवार को किन्नौर जिला कांग्रेस के अध्यक्ष उमेश नेगी ने प्रदेश वन निगम उपाध्यक्ष सूरत नेगी पर पलटवार किया है. उमेश नेगी ने कहा कि किन्नौर विधायक को जनता के हर सुख-दुख में खड़े होने का अधिकार है और उन पर वन निगम उपाध्यक्ष सूरत नेगी बेबुनियाद आरोप लगाने से पीछे नहीं हटते हैं.
बता दें कि सोशल मीडिया में प्रदेश वन निगम उपाध्यक्ष सूरत नेगी ने विधायक किन्नौर जगत सिंह नेगी पर सुनिल हत्या मामले में राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा था कि वो परिवार को सांत्वना देने के बजाय उलझाने की कोशिश कर रहे हैं.
किन्नौर कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि सुनील हत्या मामले में भावानगर पुलिस के कर्मियों पर भी शक की सुई घूम रही है. इस मामले में पुलिस ने पहले नेपाली मूल के व्यक्ति पर ही मामला दर्ज किया था. किन्नौर विधायक के दबाव बनाने के बाद ही पुलिस ने दो अन्य युवकों पर काफी देरी के बाद मामला दर्ज किया.
विधायक के हस्तक्षेप के बाद ही मामले की छानबीन सही तरीके से हो रही है, लेकिन प्रदेश वन निगम उपाध्यक्ष सूरत नेगी ने सोशल मीडया पर विधायक किन्नौर जगत सिंह नेगी पर इस मामले में राजनीति करने का आरोप लगाया है जो सरासर गलत व बिना तथ्यों की बात है, जबकि पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने व असली आरोपियो को पुलिस प्रशासन के सामने लाने के लिए विधायक किन्नौर ने पुलिस को निर्देश दिए थे.
उमेश नेगी ने कहा कि वन निगम उपाध्यक्ष अपनी गरिमा को पार कर सुनील हत्या मामले में भी राजनीति करना शुरू कर दिया है, जबकि ऐसे समय मे उन्हें बिना राजनीति के पीड़ित परिवार के साथ होना चाहिए था.
बता दें कि जनजातीय जिला किन्नौर के निचार खंड के तहत काचे गांव में 6 नवंबर को सुनील की हत्या का मामला सामने आया था. इसके बाद एक नेपाली मूल के व्यक्ति को तुरन्त हिरासत में लिया गया, लेकिन काचे के ग्रामीणों को अन्य दो युवक जो सुनील के साथ 6 नवम्बर की रात को साथ थे, उन पर शक जाहिर हुआ और भावानगर में धरना प्रदर्शन किया था. इस मामले में विधायक किन्नौर जगत सिंह नेगी भी प्रदर्शन में पुलिस के कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए थे.
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