शिमला: हिमाचल कांग्रेस ने प्रदेश की जनता को दस की संख्या में गारंटी दी (10 Announcements of Himachal congress) है. कांग्रेस ने ऐलान किया है कि सत्ता में आने पर ओपीएस बहाल की जाएगी और 18 साल से 60 साल की आयु की महिलाओं को हर महीने 1500 रुपए दिए जाएंगे. इसके अलावा पांच लाख रोजगार यानी नौकरियों की भी गारंटी है. यही नहीं, कांग्रेस ने दो रुपए किलो के हिसाब से गोबर खरीदने की गारंटी भी दी है. कांग्रेस की दस गारंटी के बीच ये सवाल उठ रहा है कि पार्टी ने सीएम फेस की कोई गारंटी नहीं (Himachal congress CM candidate) दी है. सत्ता हाथ में आने पर सीएम के लिए कौन उपयुक्त चेहरा है, इसकी कोई गारंटी नहीं है.
पार्टी के रणनीतिकार कहते हैं कि कांग्रेस हाईकमान ने हिमाचल में कलेक्टिव लीडरशिप में चुनाव लड़ने की गारंटी दी है. फिलहाल, हाईकमान ने बेशक कोई गारंटी न दी हो, लेकिन पार्टी के सीनियर मोस्ट लीडर्स में प्रमुख कौल सिंह ठाकुर (Congress Leader Kaul singh Thakur) ने कहा है कि मंडी से मुख्यमंत्री हो सकता है. वैसे कौल सिंह ठाकुर ने खुलकर कई मर्तबा कहा है कि उनमें सीएम बनने की हर योग्यता मौजूद है. कौल सिंह ठाकुर कांग्रेस के कद्दावर नेता हैं और आठ बार चुनाव जीत चुके हैं. कौल सिंह ठाकुर ने पूर्व में खुलकर कहा है कि उनमें सीएम बनने के सारे गुण हैं. ये बात अलग है कि वीरभद्र सिंह के मौजूद रहते हुए कौल सिंह की ये हसरत पूरी नहीं हुई.
कौल सिंह के बाद जिस समय वीरभद्र सिंह ने प्रदेश कांग्रेस की कमान अपने हाथ में ली थी तो वे परोक्ष रूप से कहते थे कि जो नेता अपने विधानसभा क्षेत्र में ही प्रचार तक सीमित रहते हैं, वे अन्य को चुनाव कैसे जिताएंगे. यानी वीरभद्र सिंह का साफ संकेत था कि यदि सीएम बनना है तो अपने विधानसभा क्षेत्र से बाहर निकल कर अन्य प्रत्याशियों की विजयी बनाने की क्षमता भी होनी चाहिए. खैर, यहां विषय ये है कि आने वाले विधानसभा चुनाव (Himachal assembly election 2022) में कांग्रेस की तरफ से सीएम का फेस कौन हो सकता है. चूंकि इस समय हिमाचल में पार्टी के पास वीरभद्र सिंह के कद का कोई नेता नहीं है, लिहाजा हाईकमान ने कलेक्टिव लीडरशिप में चुनाव लड़ने का फैसला लिया है.
चूंकि हिमाचल में अभी भी जनता वीरभद्र सिंह के नाम पर भावुक होकर वोट कर सकती है, इसलिए हाईकमान ने प्रतिभा सिंह को अध्यक्ष पद सौंपा है. लेकिन कांग्रेस के नेताओं की महत्वाकांक्षा जोर पकड़ लेती है और वे सीएम पद की बात मुंह से निकाल ही देते हैं. ऐसी ही बात कौल सिंह ने भी कही है. मौजूदा समय में कांग्रेस में सीएम पद के दावेदारों में मुकेश अग्निहोत्री, सुखविंद्र सिंह सुक्खू का नाम लिया जा रहा है. आनंद शर्मा तो हाईकमान से नाराज हैं और हाईकमान आनंद शर्मा से. ऐसे में आनंद शर्मा का पत्ता तो कट चुका है.
कौल सिंह ठाकुर बेशक हाशिए पर दिखते हों, लेकिन पुराने खिलाड़ी हैं तो उनकी दावेदारी को भी नजर अंदाज नहीं किया जा सकता. पूर्व में कांग्रेस में विद्या स्टोक्स कभी सीएम पद की प्रमुख दावेदारी रही हैं. लेकिन अब उनकी राजनीतिक पारी खत्म हो चुकी है. विद्या स्टोक्स की पारी पिछले चुनाव में ही ओवर हो गई थी. फिलहाल, उनका नाम यहां सिर्फ संदर्भ के रूप में दर्ज किया गया है. फिलहाल, मुकेश अग्निहोत्री व सुखविंद्र सिंह सुक्खू के अलावा कौल सिंह ठाकुर को भी रेस में मानना होगा. कौल सिंह ने यह कहकर कि सीएम मंडी से हो सकता है, एक हलचल जरूर मचा दी है. वे मंडी जिला की द्रंग सीट से चुनाव लड़ते आए हैं.
पिछले चुनाव में उन्हें भाजपा के जवाहर ठाकुर ने हराया था. वरिष्ठ मीडिया कर्मी ओपी वर्मा का कहना है कि कांग्रेस में हाईकमान ही सब कुछ तय करेगा. प्रदेश के नेता जोड़-तोड़ से अपना पक्ष मजबूत रखने की कोशिश करेंगे, लेकिन जो चेहरा हाईकमान को जंचेगा, उसके नाम की ही गारंटी सीएम के तौर पर होगी. लेकिन उससे पहले कांग्रेस को न केवल चुनाव जीतने की गारंटी हाईकमान को देनी होगी, बल्कि उसे पूरा करके भी दिखाना होगा.
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