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बिना अनुमति कबाड़ बचने के मामले पर मेयर ने की रिपोर्ट तलब, अधिकारियों पर गिर सकती है गाज - नगर निगम शिमला का कबाड़ मामला

शहर के सब्जी मंडी, संजोली, मशोबरा, चुरट में नगर निगम का कई सालों से कबाड़ पड़ा हुआ था. जिसे जल प्रबंधन निगम ने नगर निगम शिमला को बिना बताए बेच दिया है. ऐसे में महापौर ने मामले की जांच करने के निर्देश दिए हैं. वहीं, रिपोर्ट आने के बाद मामला विजिलेंस टीम को सौंपा जाएगा.

नगर निगम शिमला
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Published : Nov 17, 2019, 5:57 PM IST

शिमला: राजधानी में जल प्रबंधन निगम द्वारा कबाड़ बेचने के मामले में नगर निगम शिमला सख्त हो गया है. महापौर कुसुम सदरेट ने जल्द इस मामले में रिपोर्ट तलब करने के निर्देश दिए हैं और रिपोर्ट आने के बाद जांच के लिए ये मामला विजिलेंस टीम को सौंपने का निर्णय लिया गया है.

बता दें कि शहर में कई सालों से निगम का सब्जी मंडी, संजोली, मशोबरा, चुरट में कबाड़ पड़ा हुआ था. जिसे जल प्रबंधन निगम ने नगर निगम को बिना बताए बेच दिया है. जल निगम द्वारा जो स्क्रैप बेचा गया है, उसमें 6 लाख रुपये के ब्रास के पानी के मीटर, एमसी स्टोर में पड़े पाइप, एलबो, पम्पिंग मशीनर शामिल है.

वीडियो रिपोर्ट.

नगर निगम हापौर कुसुम सदरेट ने बताया कि कबाड़ बेचने के मामले की जांच करने के लिए निगम के आयुक्त को निर्देश दिए गए हैं और जल्द रिपोर्ट मांगी गई है. उन्होंने बताया कि कि ये नगर निगम की संपत्ति थी, जिससे जल प्रबंधन निगम ने बिना पूछे बेच दिया है.

शिमला: राजधानी में जल प्रबंधन निगम द्वारा कबाड़ बेचने के मामले में नगर निगम शिमला सख्त हो गया है. महापौर कुसुम सदरेट ने जल्द इस मामले में रिपोर्ट तलब करने के निर्देश दिए हैं और रिपोर्ट आने के बाद जांच के लिए ये मामला विजिलेंस टीम को सौंपने का निर्णय लिया गया है.

बता दें कि शहर में कई सालों से निगम का सब्जी मंडी, संजोली, मशोबरा, चुरट में कबाड़ पड़ा हुआ था. जिसे जल प्रबंधन निगम ने नगर निगम को बिना बताए बेच दिया है. जल निगम द्वारा जो स्क्रैप बेचा गया है, उसमें 6 लाख रुपये के ब्रास के पानी के मीटर, एमसी स्टोर में पड़े पाइप, एलबो, पम्पिंग मशीनर शामिल है.

वीडियो रिपोर्ट.

नगर निगम हापौर कुसुम सदरेट ने बताया कि कबाड़ बेचने के मामले की जांच करने के लिए निगम के आयुक्त को निर्देश दिए गए हैं और जल्द रिपोर्ट मांगी गई है. उन्होंने बताया कि कि ये नगर निगम की संपत्ति थी, जिससे जल प्रबंधन निगम ने बिना पूछे बेच दिया है.

Intro:शिमला शहर में नगर निगम के बेशकीमती कबाड़ को बेचने के मामले में नगर निगम सख्त हो गया है। नगर निगम की महापौर ने जल्द इस मामले में रिपोर्ट तलब की है। रिपोर्ट आने के बाद इस मामले को निगम जांच के लिए विजिलेंस को सौंपेगा। नगर निगम की मासिक बैठक में इस मामले की जांच निगम के आयुक्त को करने को कहा गया था । लेकिन अभी तक रिपोर्ट नही दी गई है। नगर निगम का कहना है कि शहर में कई वर्षों से निगम का सब्जी मंडी, संजोली, मशोबरा, चुरट में काफी कबाड़ पड़ा हुआ है जिसे जल प्रबधन निगम बनाने के बाद नगर निगम को कोई सूचना दिए बगैर ही बेच दिया गया । ऐसे में जल निगम के कई अधिकारियों पर इसकी गाज भी गिर सकती है।





Body: जल निगम द्वारा स्क्रैप जो बेचा है उसमें 6 लाख के ब्रास के पानी के मीटर भी बेच दिए है। इसके अलावा एमसी स्टोर में पड़े पाइपें, एलबो, पम्पिंग मशीनरी, शामिल था इस कबाड़ को बचने से पहले जल प्रबधंन निगम ने नगर निगम को कोई सूचना नही दी और कबाड़ बेचने से पहले जल प्रबधन निगम को नगर निगम से अनुमति लेना जरूरी था। लेकिन सारा कबाड़ जल निगम अधिकारियों ने बेच दिया है। जबकि ये कबाड़ जल निगम बनने से पहले का है। इस कबाड़ को कैसे बेचा गया इसकी जानकारी तक निगम को नही दी गई। कबाड़ को बड़े कम दामो को बेचने के आरोप भी लग रहे है और कई जगह बिना टेंडर के कबाड़ ऐसे ही बेचा गया । कहा कितना कबाड़ था और कितने में बेचा गया है इसकी जानकारी अब नगर निगम में मांगी है।



Conclusion:नगर निगम की महापौर कुसुम सदरेट का कहना है कि ये मामला काफी गंभीर है। निगम का काफी पुराना कबाड़ रखा गया था और पिछले हाउस में इस मामले की जांच की गई थी निगम के आयुक्त इस मामले की जांच कर रहे है और जल्द रिपोर्ट मांगी गई है और रिपार्ट आने के बाद इस मामले की जांच विजीलेंस से करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि ये नगर निगम की संपत्ति थी बिना नगर निगम की अनुमति के कबाड़ नही बेचा जा सकता है। इस मामले को गभीरता से लिया गया है ।
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