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बैठक के बीच ही बहस करने लगे जगत नेगी और सूरत सिंह, जानें पूरा मामला... - kinnaur local news

आवासीय आवंटन योजना के तहत आयोजित एक बैठक में (Housing Allotment Scheme in Kinnaur) विधायक किन्नौर जगत सिंह नेगी व प्रदेश वन निगम उपाध्यक्ष सूरत सिंह आपस में ही बहसबाजी करने लगे. बहसबाजी के दौरान ये दोनों तू-तड़ाक पर उतर आए. वहीं, बैठक के बाद विधायक जगत सिंह नेगी ने इस पूरे मामले पर बात की और सूरत सिंह पर कई आरोप लगाए.

Jagat Negi and Surat Singh fight
जगत नेगी और सूरत सिंह बहसबाजी
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Published : Mar 29, 2022, 6:00 PM IST

किन्नौर: जिला किन्नौर के रिकांगपियो में मंगलवार को डीसी किन्नौर की अध्यक्षता में जिला वेलफेयर विभाग द्वारा विभिन्न आवासीय आवंटन योजना के तहत एक बैठक का आयोजन किया गया. जिसमें विधायक किन्नौर जगत सिंह नेगी व प्रदेश वन निगम उपाध्यक्ष सूरत सिंह में जमकर (Jagat Negi and Surat Singh arguing) बहसबाजी हुई. इस दौरान डीसी किन्नौर दोनों के बीच मध्यस्था करते भी नजर आये.


वहीं, विधायक किन्नौर जगत सिंह नेगी ने मिडिया से रूबरू होते हुए कहा कि आज प्रशासन द्वारा वेलफेयर विभाग से संबंधित विभिन्न आवासीय आवंटन योजना के तहत बैठक रखी गई थी. जिसमें प्रदेश वन निगम उपाध्यक्ष सूरत सिंह को सरकार द्वारा लाभ के पद पर होने के बावजूद भी वेलफेयर विभाग के आवासीय आवंटन योजना में सदस्य रखा गया है, जबकि सरकार के लाभ के पद पर रहते हुए किसी भी विभाग में सदस्य नहीं रह सकते हैं.

जगत नेगी और सूरत सिंह बहसबाजी

उन्होंने कहा कि आज की बैठक को प्रशासन ने समयानुसार नहीं रखा था और सूरत सिंह इस बैठक में बिना तथ्यों के बात रख रहे थे. वहीं, उन्होंने कहा कि प्रशासन की ओर से डीसी ने भी इस बैठक को उनके बात सुने ही एक मिनट के अंदर समाप्त कर दिया जो नियमों के सख्त खिलाफ है. उन्होंने कहा कि इस बैठक में सूरत सिंह अपनी गरिमा को भूलकर बदतमीजी पर उत्तर गए थे, जबकि वह सरकार के नॉमिनेटेड (Jagat Negi and Surat Singh arguing) पद पर आसीन हैं न कि जनता के द्वारा चुने हुए जनप्रतिनिधि हैं.

जगत सिंह नेगी ने कहा कि प्रदेश वन निगम उपाध्यक्ष सूरत सिंह, सरकार द्वारा दिए गए पद के अनुसार काम किये बिना दूसरे कार्यक्रमों में टांग अड़ाने का काम करते हैं. उन्होंने कहा कि सूरत सिंह सरकार के किसी भी प्रोटोकॉल में आते हैं और हर बैठक में चुने हुए जनप्रतिनिधियों की कुर्सी पर बैठने का काम करते हैं. ऐसे में विधायक ने सूरत सिंह को सलाह दी है कि यदि सूरत सिंह चुने हुए जनप्रतिनिधियों के बीच बैठने का शौक रखते हैं तो पहले वार्ड मेंबर का चुनाव लड़ें. वहीं, जब सूरत नेगी से मीडिया ने बात करने की कोशिश की तो वह वाहन में बैठकर चले गए.

ये भी पढ़ें : मुकेश अग्निहोत्री पर वीरेंद्र कंवर का पलटवार, बोले: भाजपा की नहीं, कांग्रेस की आबकारी नीति से हुआ घाटा

किन्नौर: जिला किन्नौर के रिकांगपियो में मंगलवार को डीसी किन्नौर की अध्यक्षता में जिला वेलफेयर विभाग द्वारा विभिन्न आवासीय आवंटन योजना के तहत एक बैठक का आयोजन किया गया. जिसमें विधायक किन्नौर जगत सिंह नेगी व प्रदेश वन निगम उपाध्यक्ष सूरत सिंह में जमकर (Jagat Negi and Surat Singh arguing) बहसबाजी हुई. इस दौरान डीसी किन्नौर दोनों के बीच मध्यस्था करते भी नजर आये.


वहीं, विधायक किन्नौर जगत सिंह नेगी ने मिडिया से रूबरू होते हुए कहा कि आज प्रशासन द्वारा वेलफेयर विभाग से संबंधित विभिन्न आवासीय आवंटन योजना के तहत बैठक रखी गई थी. जिसमें प्रदेश वन निगम उपाध्यक्ष सूरत सिंह को सरकार द्वारा लाभ के पद पर होने के बावजूद भी वेलफेयर विभाग के आवासीय आवंटन योजना में सदस्य रखा गया है, जबकि सरकार के लाभ के पद पर रहते हुए किसी भी विभाग में सदस्य नहीं रह सकते हैं.

जगत नेगी और सूरत सिंह बहसबाजी

उन्होंने कहा कि आज की बैठक को प्रशासन ने समयानुसार नहीं रखा था और सूरत सिंह इस बैठक में बिना तथ्यों के बात रख रहे थे. वहीं, उन्होंने कहा कि प्रशासन की ओर से डीसी ने भी इस बैठक को उनके बात सुने ही एक मिनट के अंदर समाप्त कर दिया जो नियमों के सख्त खिलाफ है. उन्होंने कहा कि इस बैठक में सूरत सिंह अपनी गरिमा को भूलकर बदतमीजी पर उत्तर गए थे, जबकि वह सरकार के नॉमिनेटेड (Jagat Negi and Surat Singh arguing) पद पर आसीन हैं न कि जनता के द्वारा चुने हुए जनप्रतिनिधि हैं.

जगत सिंह नेगी ने कहा कि प्रदेश वन निगम उपाध्यक्ष सूरत सिंह, सरकार द्वारा दिए गए पद के अनुसार काम किये बिना दूसरे कार्यक्रमों में टांग अड़ाने का काम करते हैं. उन्होंने कहा कि सूरत सिंह सरकार के किसी भी प्रोटोकॉल में आते हैं और हर बैठक में चुने हुए जनप्रतिनिधियों की कुर्सी पर बैठने का काम करते हैं. ऐसे में विधायक ने सूरत सिंह को सलाह दी है कि यदि सूरत सिंह चुने हुए जनप्रतिनिधियों के बीच बैठने का शौक रखते हैं तो पहले वार्ड मेंबर का चुनाव लड़ें. वहीं, जब सूरत नेगी से मीडिया ने बात करने की कोशिश की तो वह वाहन में बैठकर चले गए.

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