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बजट स्पेशल: आर्थिकी सुधारने को जल विद्युत-पर्यटन-हॉर्टिकल्चर पर फोकस करे सरकार - IAS officer KR Bharti on himachal budget 2020

पूर्व की वीरभद्र सरकार में विशेष सचिव (वित्त) रहे केआर भारती ने ईटीवी के साथ खास बातचीत की. इस दौरान केआर भारती ने बजट 2020-21 को लेकर चर्चा की. उन्होंने कहा कि हिमाचल सरकार को आर्थिकी सुधारने के लिए जल विद्युत, पर्यटन और हॉर्टिकल्चर पर फोकस करना चाहिए.

KR Bharti on himachal budget 2020
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Published : Mar 4, 2020, 9:23 PM IST

शिमला: जयराम सरकार का तीसरा बजट 6 मार्च को पेश होने जा रहा है. 50 हजार करोड़ से अधिक के कर्ज मे डूबी सरकार के पास आर्थिक मोर्चे पर सीमित विकल्प हैं. जयराम सरकार के बजट को लेकर पूर्व आईएएस अफसर केआर भारती ने ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत की.

पूर्व की वीरभद्र सिंह सरकार में विशेष सचिव (वित्त) रहे केआर भारती ने कहा कि हिमाचल को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होने के लिए जल विद्युत, पर्यटन, बागवानी, फूड प्रोसेसिंग और कृषि जैसे क्षेत्रों में फोकस करना होगा.

वीडियो.

केआर भारती के अनुसार हिमाचल के पास जल विद्युत की आपार संभावनाएं हैं. अभी तक प्रदेश में कुल 10 हजार मेगावाट जल विद्युत का ही दोहन हो पाया है, जबकि हिमाचल की नदियों में 27 हजार मेगावाट से अधिक जल विद्युत उत्पादन की क्षमता है.

पूर्व आईएएस भारती का कहना है कि मौजूदा सरकार ने ग्लोबल इनवेस्टर्स मीट के जरिए उद्योग क्षेत्र में संभावनाएं तलाशी हैं. इससे प्रदेश में रोजगार के अवसर पैदा होंगे.

उन्होंने कहा कि हिमाचल को 15वें वित्त आयोग से 'राजस्व घाटा अनुदान' के रूप में तोहफा मिला है. उम्मीद की जानी चाहिए कि इससे हिमाचल को अपनी आर्थिक गाड़ी खींचने के लिए कर्ज की सहायता कम लेनी पड़ेगी.

ये भी पढ़ें- बजट 2020: छात्र संगठनों ने जयराम सरकार से की ये मां

शिमला: जयराम सरकार का तीसरा बजट 6 मार्च को पेश होने जा रहा है. 50 हजार करोड़ से अधिक के कर्ज मे डूबी सरकार के पास आर्थिक मोर्चे पर सीमित विकल्प हैं. जयराम सरकार के बजट को लेकर पूर्व आईएएस अफसर केआर भारती ने ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत की.

पूर्व की वीरभद्र सिंह सरकार में विशेष सचिव (वित्त) रहे केआर भारती ने कहा कि हिमाचल को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होने के लिए जल विद्युत, पर्यटन, बागवानी, फूड प्रोसेसिंग और कृषि जैसे क्षेत्रों में फोकस करना होगा.

वीडियो.

केआर भारती के अनुसार हिमाचल के पास जल विद्युत की आपार संभावनाएं हैं. अभी तक प्रदेश में कुल 10 हजार मेगावाट जल विद्युत का ही दोहन हो पाया है, जबकि हिमाचल की नदियों में 27 हजार मेगावाट से अधिक जल विद्युत उत्पादन की क्षमता है.

पूर्व आईएएस भारती का कहना है कि मौजूदा सरकार ने ग्लोबल इनवेस्टर्स मीट के जरिए उद्योग क्षेत्र में संभावनाएं तलाशी हैं. इससे प्रदेश में रोजगार के अवसर पैदा होंगे.

उन्होंने कहा कि हिमाचल को 15वें वित्त आयोग से 'राजस्व घाटा अनुदान' के रूप में तोहफा मिला है. उम्मीद की जानी चाहिए कि इससे हिमाचल को अपनी आर्थिक गाड़ी खींचने के लिए कर्ज की सहायता कम लेनी पड़ेगी.

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