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लवी मेले में लोगों की पहली पंसद बनी मक्की की रोटी और सरसों के साग, ढाबे पर लगी लोगों की भीड़

अंतरराष्ट्रीय लवी मेले में मक्की की रोटी और सरसों के साग का स्वाद लेने के लिए लोगों की खूब भीड़ लग रही है, मेले में मक्की की रोटी के साथ-साथ बाजरा और कोदे की रोटी भी लोगों को मिल रही है.

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Published : Nov 22, 2019, 8:48 PM IST

शिमला: रामपुर में अंतरराष्ट्रीय लवी मेले में मक्की की रोटी और सरसों का साग लोगों को खूब पसंद आ रहा है. लोग सरसों का साग और मक्की की रोटी चटखारे लेकर खा रहे हैं. लवी मेले में सरसों के साग और मक्की की रोटी का स्वाद लेने के लिए ढाबे पर लोगों की खूब भीड़ देखी जा रही है.

ढाबा मालिक ने बताया कि वो हर साल लवी मेले में मक्की की रोटी और सरसों के साग का ढाबा चलाते हैं और लोग भी बढ़े चाव से खाते हैं. उन्होंने बताया कि मक्की की रोटी और सरसों के साग का स्वाद चखने के लिए लोग सुबह ही ढाबे पर आना शुरू कर देते हैं.

ढाबा मालिक ने बताया कि इस बार लवी मेले में मक्की की रोटी के साथ-साथ बाजरा और कोदे की रोटी भी लोगों को खिला रहे हैं. उन्होंने बताया कि ये रोटियां बहुत ही गुणकारी होती हैं.

वीडियो

वहीं, लोगों ने बताया कि मक्की की रोटी सरसों का साग खाने के लिए वो लवी मेले में आए जरूर आते हैं, क्योंकि ये रोटी साल भर में एक बार खाने को मिलती है. सरसों का साग और मक्की की रोटी आमतौर पर घर में भी बनाई जाती है, लेकिन लवी मेले में मिलने वाली रोटी और साग कहीं ज्यादा स्वादिष्ट है.

शिमला: रामपुर में अंतरराष्ट्रीय लवी मेले में मक्की की रोटी और सरसों का साग लोगों को खूब पसंद आ रहा है. लोग सरसों का साग और मक्की की रोटी चटखारे लेकर खा रहे हैं. लवी मेले में सरसों के साग और मक्की की रोटी का स्वाद लेने के लिए ढाबे पर लोगों की खूब भीड़ देखी जा रही है.

ढाबा मालिक ने बताया कि वो हर साल लवी मेले में मक्की की रोटी और सरसों के साग का ढाबा चलाते हैं और लोग भी बढ़े चाव से खाते हैं. उन्होंने बताया कि मक्की की रोटी और सरसों के साग का स्वाद चखने के लिए लोग सुबह ही ढाबे पर आना शुरू कर देते हैं.

ढाबा मालिक ने बताया कि इस बार लवी मेले में मक्की की रोटी के साथ-साथ बाजरा और कोदे की रोटी भी लोगों को खिला रहे हैं. उन्होंने बताया कि ये रोटियां बहुत ही गुणकारी होती हैं.

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वहीं, लोगों ने बताया कि मक्की की रोटी सरसों का साग खाने के लिए वो लवी मेले में आए जरूर आते हैं, क्योंकि ये रोटी साल भर में एक बार खाने को मिलती है. सरसों का साग और मक्की की रोटी आमतौर पर घर में भी बनाई जाती है, लेकिन लवी मेले में मिलने वाली रोटी और साग कहीं ज्यादा स्वादिष्ट है.

Intro:रामपुर बुशहर


Body:रामपुर में अंतरराष्ट्रीय लवी मेले में छल्ली की रोटी और सरसों के साग का स्वाद लेने के लिए लोगों की खूब भीड़ जुट रही है । छल्ली की रोटी और सरसों का साग लोगों को यहां पर साल में एक बार ही खाने को मिलता है जिससे खाने के लिए लोग की सुबह से ही भीड़ लगी रहती है
वही इस बारे में सागर ढाबा के ढाबा मालिक का कहना है कि वे यहां पर कुल्लू से हर साल लवी मेले में आते हैं और इस मेले में छल्ली की रोटी और सरसों का साग बनाकर लोगों को खूब खिलाते हैं जिसके लिए यहां पर लोगों की सुबह से ही भीड़ जुट जाती है।
उनका कहना है कि इस बार वे लोगों को छल्ली की रोटी के साथ-साथ बाजरा की रोटी वह कोदे की रोटी भी खिला रहे हैं। जिन्हें लोग खूब पसंद कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि यह रोटी बहुत ही गुणकारी होती है इनमें कई औषधीय गुण पाए जाते हैं इसलिए भी कई लोग इन रोटियों को खाना पसंद करते हैं।

वहीं लोग का भी कहना है कि लवी मेले में छल्ली की रोटी सरसों का साग खाने के लिए वे अपने घरों से स्पेशल आते हैं । क्योकि यह रोटी उन्होंने खाने के लिए मेले में ही मिलती है ।

बाईट : कुल्लू से आए व्यापारी सागर ।




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