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वीकेंड पर शिमला-मनाली में उमड़ रही पर्यटकों की भारी भीड़, कोविड प्रोटोकॉल का जमकर हो रहा उल्लंघन - कोविड प्रोटोकॉल का जमकर हो रहा उल्लंघन

डेल्टा वेरिएंट के खतरे के बीच वीकेंड पर शिमला-मनाली में पर्यटकों की भारी आमद देखने को मिल रही है. इस दौरान कोविड प्रोटोकॉल का भी पालन नहीं हो रहा है. कई जगहों पर पर्यटक बिना मास्क के घूमते हुए दिख रहे है. भीड़ बढ़ने से जहां स्वाभाविक तौर पर सोशल डिस्टेंसिंग के नियम की धज्जियां उड़ रही हैं. तो वहीं, दूसरी ओर पर्यटक सही तरह से मास्क भी नहीं लगा रहे. ऐसे में कोरोना का खतरा बढ़ता हुआ नजर आ रहा है.

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Published : Jul 9, 2021, 10:47 AM IST

शिमलाः देशभर में कोरोना संक्रमण के आंकड़ों में गिरावट देखने को मिल रही है, लेकिन कोरोना के डेल्टा वेरिएंट का खतरा सरकार-प्रशासन की चिंता बढ़ाए हुए है. संक्रमण के आंकड़ों में गिरावट के बीच देश अनलॉक हो चुका है. अनलॉक के बीच हिमाचल प्रदेश में पर्यटकों की आमद में भारी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. इस बढ़ोतरी के बीच जहां एक ओर पर्यटन कारोबारियों को बड़ी राहत मिली है. तो वहीं, दूसरी ओर कोरोना प्रोटोकॉल का भी जमकर उल्लंघन हो रहा है.

हिल स्टेशनों में बढ़ रही पर्यटकों की भीड़ से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय भी चिंतित दिख रहा है. हिमाचल सरकार भी शिमला, मनाली, जैसे हिल स्टेशनों पर पर्यटकों की भीड़ से खासी चिंतित है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार हिल स्टेशनों की यात्रा करने वाले लोग कोविड उपयुक्त व्यवहार का पालन नहीं कर रहे हैं. यदि प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया गया तो हम प्रतिबंधों में ढील को फिर से रद्द कर सकते हैं.

भीड़ बढ़ने से जहां स्वाभाविक तौर पर सोशल डिस्टेंसिंग के नियम की धज्जियां उड़ रही हैं. तो वहीं, दूसरी ओर पर्यटक सही तरह से मास्क भी नहीं लगा रहे. ऐसे में कोरोना का खतरा बढ़ता हुआ नजर आ रहा है. पर्यटकों के मास्क न लगाने के साथ कोरोना का उल्लंघन होने से स्थानीय लोगों की चिंताएं भी बढ़ी हुई हैं.

वहीं, पीएम मोदी ने कोरोना के मामलों पर चिंता जताई है और कहा कि जरा सी भी लापरवाही कोरोना के खिलाफ हमारी लड़ाई को कमजोर करेगी. उन्होंने कहा कि कोविड-19 का संकट अभी टला नहीं है, इसलिए लापरवाही के लिए कोई स्थान नहीं होना चाहिए.

कोरोना महामारी ने देश के साथ विश्व को बुरी तरह प्रभावित किया है. ऐसे में सब कुछ सरकार और प्रशासन पर नहीं छोड़ा जा सकता. आम लोगों के लिए भी जरूरी है कि नियमों का सही तरह पालन करें. महामारी के इस दौर में सरकार-प्रशासन लगातार लोगों की सुरक्षा के लिए काम कर रहा है. ऐसे में आम लोगों का भी दायित्व है कि संक्रमण से बचाव के लिए प्रोटोकॉल का सही तरह पालन करें.

मैदानी इलाकों में पड़ रही चिलचिलाती गर्मी से राहत पाने के लिए पर्यटक पहाड़ी राज्य हिमाचल का रुख कर रहे हैं. 4 और 5 जुलाई को राजधानी शिमला में 10 हजार से ज्यादा गाड़ियों का प्रवेश दर्ज किया गया. वहीं, पर्यटन नगरी मनाली में भी 5 हजार से ज्यादा पर्यटक पहुंचे हैं. पर्यटकों की बढ़ती संख्या से कोरोना का खतरा बढ़ रहा है. हालांकि, प्रदेश सरकार की ओर से सभी से नियमों का पालन करने की अपील की जा रही है, लेकिन पर्यटकों द्वारा इस अपील को नजरअंदाज किया जा रहा है.

अनलॉक के बीच हिमाचल प्रदेश में पर्यटकों की आमद बढ़ने से होटल और पार्किंग भी फुल हैं. इसके अलावा हिमाचल प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों में जाम की समस्या भी पैदा हो गई है. पर्यटकों के वाहनों की वजह से प्रदेश के विभिन्न इलाकों में जाम की समस्या पैदा हो गई है. ऐसे में ट्रैफिक व्यवस्था को बनाए रखने में प्रदेश प्रशासन और पुलिस को परेशानी उठानी पड़ रही है.

लोगों को राहत देने के लिए प्रदेश सरकार की ओर से नियमों में ढील दी गई है, लेकिन कोरोना का खतरा टला नहीं है. ऐसे में प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर खुद पर्यटकों के साथ स्थानीय लोगों से नियमों का पालन करने की अपील कर चुके हैं. उन्होंने पत्रकारों के साथ अनौपचारिक बातचीत में लोगों से अपील की थी कि हिमाचल प्रदेश में घूमते वक्त पर्यटक कोरोना से बचाव के नियमों का सही तरह पालन करें.

हिमाचल प्रदेश में पर्यटकों की भारी आमद से पुलिस की जिम्मेदारी भी बढ़ गई है. पर्यटन स्थलों पर जगह-जगह पुलिस के जवान तैनात किए गए हैं. जवान लोगों को मास्क लगाने और सोशल डिस्टेंसिंग का सही तरह पालन करने के लिए प्रेरित करते हुए नजर आते हैं. इसके अलावा जो लोग बार-बार अपील करने के बाद भी नहीं मानते, पुलिस की ओर से उनके चालान भी काटे जाते हैं. हालांकि, पुलिस महकमे की मुखिया संजय कुंडू ने यह स्पष्ट किया था कि उनका उद्देश्य लोगों के चालान काटना नहीं बल्कि लोगों को संक्रमण की चपेट में आने से बचाना है. ऐसे में सभी लोगों को यह समझने की जरूरत है कि नियमों का पालन न केवल उनकी बल्कि उनके परिवार की सेहत और सुरक्षा के लिए भी बेहद जरूरी है.

हिमाचल प्रदेश की जीडीपी में पर्यटन का 7 फीसदी हिस्सा है. प्रदेश में एक बड़ा वर्ग पर्यटन कारोबार पर निर्भर है. ऐसे में प्रदेश सरकार की ओर से आर्थिक सेहत में सुधार के लिए पर्यटन कारोबार को पटरी पर लाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन कोरोना की डेल्टा वेरिएंट का खतरा भी लगातार साथ चल रहा है. कोरोना से बचाव का सबसे सशक्त माध्यम टीकाकरण ही है. हालांकि, देशभर में टीकाकरण अच्छी रफ्तार से चल रहा है, लेकिन जब तक सभी लोगों का टीकाकरण नहीं हो जाता तब तक सभी लोग पूरी तरह सुरक्षित नहीं हैं. ऐसे में आर्थिक सेहत के में सुधार के उद्देश्य से खोला गया. पर्यटन कारोबार आम लोगों की सेहत को बिगाड़ने का काम कर सकता है.

ये भी पढ़ें: जयराम ठाकुर का पर्यटकों को संदेश, कहा: हिमाचल जरूर आएं पर कोरोना नियमों का करें पालन

शिमलाः देशभर में कोरोना संक्रमण के आंकड़ों में गिरावट देखने को मिल रही है, लेकिन कोरोना के डेल्टा वेरिएंट का खतरा सरकार-प्रशासन की चिंता बढ़ाए हुए है. संक्रमण के आंकड़ों में गिरावट के बीच देश अनलॉक हो चुका है. अनलॉक के बीच हिमाचल प्रदेश में पर्यटकों की आमद में भारी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. इस बढ़ोतरी के बीच जहां एक ओर पर्यटन कारोबारियों को बड़ी राहत मिली है. तो वहीं, दूसरी ओर कोरोना प्रोटोकॉल का भी जमकर उल्लंघन हो रहा है.

हिल स्टेशनों में बढ़ रही पर्यटकों की भीड़ से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय भी चिंतित दिख रहा है. हिमाचल सरकार भी शिमला, मनाली, जैसे हिल स्टेशनों पर पर्यटकों की भीड़ से खासी चिंतित है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार हिल स्टेशनों की यात्रा करने वाले लोग कोविड उपयुक्त व्यवहार का पालन नहीं कर रहे हैं. यदि प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया गया तो हम प्रतिबंधों में ढील को फिर से रद्द कर सकते हैं.

भीड़ बढ़ने से जहां स्वाभाविक तौर पर सोशल डिस्टेंसिंग के नियम की धज्जियां उड़ रही हैं. तो वहीं, दूसरी ओर पर्यटक सही तरह से मास्क भी नहीं लगा रहे. ऐसे में कोरोना का खतरा बढ़ता हुआ नजर आ रहा है. पर्यटकों के मास्क न लगाने के साथ कोरोना का उल्लंघन होने से स्थानीय लोगों की चिंताएं भी बढ़ी हुई हैं.

वहीं, पीएम मोदी ने कोरोना के मामलों पर चिंता जताई है और कहा कि जरा सी भी लापरवाही कोरोना के खिलाफ हमारी लड़ाई को कमजोर करेगी. उन्होंने कहा कि कोविड-19 का संकट अभी टला नहीं है, इसलिए लापरवाही के लिए कोई स्थान नहीं होना चाहिए.

कोरोना महामारी ने देश के साथ विश्व को बुरी तरह प्रभावित किया है. ऐसे में सब कुछ सरकार और प्रशासन पर नहीं छोड़ा जा सकता. आम लोगों के लिए भी जरूरी है कि नियमों का सही तरह पालन करें. महामारी के इस दौर में सरकार-प्रशासन लगातार लोगों की सुरक्षा के लिए काम कर रहा है. ऐसे में आम लोगों का भी दायित्व है कि संक्रमण से बचाव के लिए प्रोटोकॉल का सही तरह पालन करें.

मैदानी इलाकों में पड़ रही चिलचिलाती गर्मी से राहत पाने के लिए पर्यटक पहाड़ी राज्य हिमाचल का रुख कर रहे हैं. 4 और 5 जुलाई को राजधानी शिमला में 10 हजार से ज्यादा गाड़ियों का प्रवेश दर्ज किया गया. वहीं, पर्यटन नगरी मनाली में भी 5 हजार से ज्यादा पर्यटक पहुंचे हैं. पर्यटकों की बढ़ती संख्या से कोरोना का खतरा बढ़ रहा है. हालांकि, प्रदेश सरकार की ओर से सभी से नियमों का पालन करने की अपील की जा रही है, लेकिन पर्यटकों द्वारा इस अपील को नजरअंदाज किया जा रहा है.

अनलॉक के बीच हिमाचल प्रदेश में पर्यटकों की आमद बढ़ने से होटल और पार्किंग भी फुल हैं. इसके अलावा हिमाचल प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों में जाम की समस्या भी पैदा हो गई है. पर्यटकों के वाहनों की वजह से प्रदेश के विभिन्न इलाकों में जाम की समस्या पैदा हो गई है. ऐसे में ट्रैफिक व्यवस्था को बनाए रखने में प्रदेश प्रशासन और पुलिस को परेशानी उठानी पड़ रही है.

लोगों को राहत देने के लिए प्रदेश सरकार की ओर से नियमों में ढील दी गई है, लेकिन कोरोना का खतरा टला नहीं है. ऐसे में प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर खुद पर्यटकों के साथ स्थानीय लोगों से नियमों का पालन करने की अपील कर चुके हैं. उन्होंने पत्रकारों के साथ अनौपचारिक बातचीत में लोगों से अपील की थी कि हिमाचल प्रदेश में घूमते वक्त पर्यटक कोरोना से बचाव के नियमों का सही तरह पालन करें.

हिमाचल प्रदेश में पर्यटकों की भारी आमद से पुलिस की जिम्मेदारी भी बढ़ गई है. पर्यटन स्थलों पर जगह-जगह पुलिस के जवान तैनात किए गए हैं. जवान लोगों को मास्क लगाने और सोशल डिस्टेंसिंग का सही तरह पालन करने के लिए प्रेरित करते हुए नजर आते हैं. इसके अलावा जो लोग बार-बार अपील करने के बाद भी नहीं मानते, पुलिस की ओर से उनके चालान भी काटे जाते हैं. हालांकि, पुलिस महकमे की मुखिया संजय कुंडू ने यह स्पष्ट किया था कि उनका उद्देश्य लोगों के चालान काटना नहीं बल्कि लोगों को संक्रमण की चपेट में आने से बचाना है. ऐसे में सभी लोगों को यह समझने की जरूरत है कि नियमों का पालन न केवल उनकी बल्कि उनके परिवार की सेहत और सुरक्षा के लिए भी बेहद जरूरी है.

हिमाचल प्रदेश की जीडीपी में पर्यटन का 7 फीसदी हिस्सा है. प्रदेश में एक बड़ा वर्ग पर्यटन कारोबार पर निर्भर है. ऐसे में प्रदेश सरकार की ओर से आर्थिक सेहत में सुधार के लिए पर्यटन कारोबार को पटरी पर लाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन कोरोना की डेल्टा वेरिएंट का खतरा भी लगातार साथ चल रहा है. कोरोना से बचाव का सबसे सशक्त माध्यम टीकाकरण ही है. हालांकि, देशभर में टीकाकरण अच्छी रफ्तार से चल रहा है, लेकिन जब तक सभी लोगों का टीकाकरण नहीं हो जाता तब तक सभी लोग पूरी तरह सुरक्षित नहीं हैं. ऐसे में आर्थिक सेहत के में सुधार के उद्देश्य से खोला गया. पर्यटन कारोबार आम लोगों की सेहत को बिगाड़ने का काम कर सकता है.

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