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मानव भारती फर्जी डिग्री मामले में इनकम टैक्स विभाग करेगा वित्तीय लेनदेन की जांच - fake degree case himachal

डीजीपी संजय कुंडू ने फर्जी डिग्री मामले को शिमला स्थित आयकर विभाग के मुख्य आयुक्त के साथ उठाया. डीजीपी ने कहा कि फर्जी डिग्रियों के अलावा अपराध के वित्तीय पहलुओं की जांच करना जरूरी है. इस कारण वित्तीय लेनदेन का मूल्यांकन आयकर विभाग द्वारा किया जाना चाहिए.

Manav Bharti fake degree case
Manav Bharti fake degree case
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Published : Sep 1, 2020, 4:29 PM IST

शिमलाः निजी विश्वविद्यालय फर्जी डिग्री मामले में पुलिस की एसआइटी की जांच से पता चला है कि मानव भारती विश्वविद्यालय में बड़ी संख्या में फर्जी डिग्रियां जारी की गईं हैं और इसके बदले भारी भरकम पैसे लिए गए. एक डिग्री दो से पांच लाख तक बेची गई.

फर्जीवाड़े से मिले पैसों से मालिक हरियाणा के करनाल के निवासी राजकुमार राणा ने हिमाचल, राजस्थान समेत कई जगहों पर अकूत संपत्ति एकत्र की. अब गैर कानूनी ढ़ंग से अर्जित कमाई की आयकर विभाग जांच करेगा.

डीजीपी संजय कुंडू ने इस मामले को शिमला स्थित आयकर विभाग के मुख्य आयुक्त के साथ उठाया. जांच करने वाली यह तीसरी एजेंसी होगी. अब तक राज्य पुलिस के अलावा मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी जांच कर रहा है.

इस संबंध में सोलन के धर्मपुर में तीन अलग-अलग मामले दर्ज हैं. डीजीपी के अनुसार विवि ने अपनी स्थापना से लेकर ही उम्मीदवारों को बड़ी संख्या में डिग्रियां जारी कीं और इसकी एवज में पैसे लिए. मानव भारती चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष राजकुमार राणा, पत्नी अशोनी कंवर, बेटी आइना राणा ट्रस्टी हैं.

अभी राणा का परिवार आस्ट्रेलिया में रह रहा है. डीजीपी ने कहा कि फर्जी डिग्रियों के अलावा अपराध के वित्तीय पहलुओं की जांच करना जरूरी है. इस कारण वित्तीय लेनदेन का मूल्यांकन आयकर विभाग द्वारा किया जाना चाहिए.

ये भी पढ़ें- ओपन मार्केट में उतरेगा खाद्य आपूर्ति निगम, दुकानदारों को थोक भाव पर मिलेगा सामान

ये भी पढ़ें- ज्वालामुखी में पकड़ा गया राजस्थान का नशा तस्कर, जांच में जुटी पुलिस

शिमलाः निजी विश्वविद्यालय फर्जी डिग्री मामले में पुलिस की एसआइटी की जांच से पता चला है कि मानव भारती विश्वविद्यालय में बड़ी संख्या में फर्जी डिग्रियां जारी की गईं हैं और इसके बदले भारी भरकम पैसे लिए गए. एक डिग्री दो से पांच लाख तक बेची गई.

फर्जीवाड़े से मिले पैसों से मालिक हरियाणा के करनाल के निवासी राजकुमार राणा ने हिमाचल, राजस्थान समेत कई जगहों पर अकूत संपत्ति एकत्र की. अब गैर कानूनी ढ़ंग से अर्जित कमाई की आयकर विभाग जांच करेगा.

डीजीपी संजय कुंडू ने इस मामले को शिमला स्थित आयकर विभाग के मुख्य आयुक्त के साथ उठाया. जांच करने वाली यह तीसरी एजेंसी होगी. अब तक राज्य पुलिस के अलावा मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी जांच कर रहा है.

इस संबंध में सोलन के धर्मपुर में तीन अलग-अलग मामले दर्ज हैं. डीजीपी के अनुसार विवि ने अपनी स्थापना से लेकर ही उम्मीदवारों को बड़ी संख्या में डिग्रियां जारी कीं और इसकी एवज में पैसे लिए. मानव भारती चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष राजकुमार राणा, पत्नी अशोनी कंवर, बेटी आइना राणा ट्रस्टी हैं.

अभी राणा का परिवार आस्ट्रेलिया में रह रहा है. डीजीपी ने कहा कि फर्जी डिग्रियों के अलावा अपराध के वित्तीय पहलुओं की जांच करना जरूरी है. इस कारण वित्तीय लेनदेन का मूल्यांकन आयकर विभाग द्वारा किया जाना चाहिए.

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