शिमलाः हिमाचल लोक सेवा आयोग ने इंटरव्यू के अंकों के आधार पर ही नौकरियों के लिए चयन करने की पुरानी व्यवस्था को जारी रखने का फैसला लिया है. तीन महीने पहले ही आयोग ने नई चयन प्रक्रिया लागू करने का फैसला लिया था, लेकिन अब इस फैसले को लागू करने से पहले ही टाल दिया गया है.
हिमाचल लोकसेवा आयोग के माध्यम से 1971 में बनी चयन प्रक्रिया के आधार पर सरकारी विभागों में क्लास एक और दो की भर्ती होती आ रही है, जिसे वर्तमान में भी लागू रखने का निर्णय लिया है. अब पहले की तरह लिखित परीक्षा के अंक मेरिट में शामिल नहीं किए जाएंगे. इंटरव्यू के अंक ही सर्वोपरि होंगे.
तीन महीने पहले आयोग ने जो पॉलिसी बनाई थी उसके अनुसार लिखित परीक्षा के 65 और इंटरव्यू के 35 फीसदी अंकों से नौकरियों के लिए चयन करने का फैसला लिया था. सरकारी विभागों में क्लास वन और टू की भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए यह नई व्यवस्था की गई थी.
आयोग के अध्यक्ष मेजर जनरल डीवीएस राणा ने नौकरियों में लगने वाले भाई-भतीजावाद के आरोपों को समाप्त करने के लिए इस नई व्यवस्था को लागू करने का ऐलान किया था, लेकिन अब इस महत्वपूर्ण फैसले पर रोक लगा दी गई है. राज्य लोक सेवा आयोग ने मई और जुलाई में हुई बैठकों में लिए गए नई व्यवस्था के फैसले को रोकने को लेकर कार्यालय से आदेश जारी किया है.
भर्ती प्रक्रिया के लिए बनाई गई नई व्यवस्था पर कुछ समय के लिए रोक लगाई गई है. इसे लेकर आयोग को कई सुझाव और आपत्तियां मिली हैं. इन पर विस्तार से चर्चा करने के लिए रोक लगाई गई है. नई व्यवस्था ऐसे पदों की भर्ती के लिए गई की थी जहां आरएंडपी नियम स्पष्ट नहीं थे.
इसके अलावा बोर्डों, निगमों के विभिन्न पदों सहित डॉक्टरों, कृषि विकास अधिकारी, बागवानी विकास अधिकारी, असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और असिस्टेंट इंजीनियरों के पदों की भर्ती भी नई तरीके से होनी थी.
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