शिमला: पुलिस द्वारा दुर्घटनाओं सहित आपराधिक मामलों में जब्त (Seized vehicles auctioned by HP Police) किए गए वाहन अक्सर पुलिस थानों के परिसर में खड़े दिख जाते हैं. पुलिस द्वारा जब्त किए गए इन वाहनों से न तो सरकार को कोई फायदा होता है और न ही पुलिस को. उल्टा पुलिस थानों के परिसर ही जब्त किए जाने वाले वाहनों से भर जाते हैं. पुलिस थाना परिसर में लंबे समय तक पड़े रहने से पुलिस के थानों में वाहनों के पार्क करने के लिए जगह भी कम पड़ जाता है. इसी समस्या को देखते हुए हिमाचल पुलिस के प्रमुख संजय कुंडू ने इन वाहनों को सरकार की अनुमति से निस्तारण के लिए एक विशेष अभियान चलाने का निर्णय लिया.
डीजीपी (DGP Himachal sanjay kundu)की इस पहल के बाद हिमाचल प्रदेश पुलिस मुख्यालय के निर्देशानुसार 1 जनवरी 2021 से राज्य के सभी जिलों में कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए दुर्घटनाओं सहित आपराधिक मामलों में जब्त किए गए वाहनों को निस्तारण के लिए विशेष अभियान चलाया (HP Police auctioned Vehicles) गया. प्रदेश के विभिन्न थानों में 1 जनवरी 2021 तक 3467 जब्त वाहन मौजूद थे. इसके बाद 1 जनवरी 2021 से 14 जनवरी 2022 तक 5336 और वाहन इस सूची में जुड़ें.
इस प्रकार जब्त किए गए कुल वाहनों की संख्या 8803 पहुंच गई थी. पुलिस ने कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए कुल 5338 वाहनों का निपटारा किया है. जिसमें वाहनों को सही मालिकों को जारी करना और सार्वजनिक नीलामी आदि शामिल हैं. उपरोक्त 5338 वाहनों में से 447 वाहनों की पुलिस ने सार्वजनिक नीलामी की, जिससे पुलिस को 81.61 लाख रुपये की आय हुई. यह राशि सरकारी खजाने में जमा की गई है. उक्त निस्तारण के फलस्वरूप पुलिस थानों के परिसरों में अब काफी स्थान खाली हो गया है.
बता दें कि दुर्घटनाओं सहित आपराधिक मामलों में संलिप्तता के कारण ऐसे वाहनों को पुलिस संपत्ति के रूप में जब्त कर लेती है. एचपी पुलिस एक्ट के (HP Police act) तहत भी पुलिस लावारिस वाहनों को अपने कब्जे में लेती है. इसके अलावा पुलिस द्वारा दण्ड प्रक्रिया संहिता के प्रावधानों के तहत चोरी या संदिग्ध परिस्थितियों में पाए जाने वाले वाहनों को भी जब्त किया जाता है और ऐसे ही वाहनों में से 447 वाहनों की पुलिस ने नीलामी की है.
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