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बागवानों को राहत: सीधे खाते में आएगी पैकेजिंग मटेरियल पर GST की राशि - relief on GST to apple growers

हिमाचल सरकार ने बागवानों को बड़ी राहत प्रदान की (horticulture department of Himachal) है. प्रदेश सरकार ने सभी बागवानों को, जिन्होंने एक अप्रैल 2022 के बाद सेब की पेटियां और ट्रे खरीदी (apple packaging material) हैं. उन्हें वस्तु और कर सेवा का 6 प्रतिशत उपदान बागवानी विभाग एवं एचपीएमसी के माध्यम से दिया जाएगा. पढ़ें पूरी खबर...

horticulture department of Himachal
सेब पैकेजिंग मैटेरियल पर अब हिमाचल बागवानी विभाग बागवानों को सीधी देगा जीएसटी की राहत राशि
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Published : Jul 31, 2022, 12:56 PM IST

शिमला: बागवानों को बड़ी राहत देते हुए सरकार ने अब तय किया है कि प्रदेश में सभी बागवानों को, जिन्होंने 01 अप्रैल 2022 के बाद सेब की पेटियां और ट्रे खरीदी हैं. उन्हें वस्तु और कर सेवा का 6 प्रतिशत उपदान बागवानी विभाग एवं एचपीएमसी के माध्यम से दिया (horticulture department of Himachal) जाएगा. मुख्य सचिव की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार प्रदेश के बागवान अपने संबंधित उद्यान विभाग के कार्यालय में जाकर एक फॉर्म पर अपना प्रार्थना पत्र देंगे.

जिसके साथ बिल की कॉपी, बिकी प्रकरण, परिवहन वस्तु रसीद, बाजार शुल्क की प्रति उपलब्ध करवाएंगें, ताकि उनके आधार युक्त बैंक खातों में इस 6 प्रतिशत का लाभ सरकार द्वारा एचपीएमसी के माध्यम से सीधा जमा करवाया जा (apple packaging material) सके. इसके अतिरिक्त एचपीएमसी द्वारा बेचे गए कार्टन और ट्रे पर भी यह उपदान उपलब्ध रहेगा. सरकार द्वारा यह निर्णय भी लिया गया कि इस सारे जीएसटी के खर्च को प्रदेश सरकार द्वारा वहन किया जाएगा.

सेब बागवानों की समस्या को हल करने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में उन्होंने एक कमेटी का गठन किया जिसमें वित्त, आबकारी और कराधान, उद्यान, कृषि एवं सहकारिता विभाग के सचिव सदस्य बनाए गए हैं. मुख्य सचिव की अध्यक्षता में शनिवार को हुई बैठक में यह निर्णय लिया (relief on GST to apple growers) गया. एचपीएमसी को एक करोड़ पेटियों के पैकेजिंग सामग्री उपलब्ध करवाने के आदेश दिए गए हैं.

उन्होंने कहा कि एचपीएमसी को यह निर्देश जारी किये गये कि इस बार के सेव सीजन को ध्यान में रखते हुए वह कम से कम एक करोड़ पेटियों के पैकेजिंग सामग्री के आबटन की तैयारी कर लें. जिसमें से उनके द्वारा 50 प्रतिशत की तैयारी की जा चुकी (apple orchard problems) है. यह करवाना इसलिए आवश्यक है ताकि बागवानों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पडे. बैठक में सरकार द्वारा यह भी तय किया गया कि 8 करोड़ 65 लाख रूपये की धनराशी जो प्रदेश सरकार ने अभी विभाग को दी है.

उसका भुगतान बागवानों को तुरंत करने के आदेश दिए हैं, ताकि 2021 तक एमआईएस की अदायगी पूर्ण रूप से चुकता कर दी जाए. बैठक में यह भी कहा गया कि इस वर्ष की अदायगी करने के लिए सरकार द्वारा धन की उपलब्धता कराई जाती रहेगी ताकि बागवानों को कोई संकट न हो. इसके अलावा बागवानों से संबधित उपकरण, एंटी हेलनेट और अन्य संबधित उपकरणों की अदायगी के लिए विभाग जैसे ही इस वर्ष के बजट का व्यय कर लेगा, उसे तुरंत अतिरिक्त बजट के प्रावधान करने की व्यवस्था कर दी जाएगी.

बागवानी नीति में बदलाव करते हुए सरकार ने गत वर्षों की भांति विभिन्न प्रकार के कीटनाशकों के उपदान का पुरानी योजना फिर से लागू कर दी है, जिसके अनुसार यह सारी वस्तुएं उद्यान विभाग के केन्द्रों के माध्यम से उपलब्ध होगी. सरकार के निर्देशानुसार एग्रीकल्चर मार्केटिंग बोर्ड ने छैला से सैंज रोड तक सड़क के सुधार के लिए 12.36 करोड़ रूपये स्वीकृत कर दिए गए हैं, ताकि बागवानों को यातायात की समस्या से तुरंत राहत प्रदान की जा सके.

ये भी पढ़ें: सोलन की मंडी में सुविधाओं का टोटा, दलदल के बीच हो रहा करोड़ों का सेब व्यापार, आढ़ती और बागवान परेशान

शिमला: बागवानों को बड़ी राहत देते हुए सरकार ने अब तय किया है कि प्रदेश में सभी बागवानों को, जिन्होंने 01 अप्रैल 2022 के बाद सेब की पेटियां और ट्रे खरीदी हैं. उन्हें वस्तु और कर सेवा का 6 प्रतिशत उपदान बागवानी विभाग एवं एचपीएमसी के माध्यम से दिया (horticulture department of Himachal) जाएगा. मुख्य सचिव की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार प्रदेश के बागवान अपने संबंधित उद्यान विभाग के कार्यालय में जाकर एक फॉर्म पर अपना प्रार्थना पत्र देंगे.

जिसके साथ बिल की कॉपी, बिकी प्रकरण, परिवहन वस्तु रसीद, बाजार शुल्क की प्रति उपलब्ध करवाएंगें, ताकि उनके आधार युक्त बैंक खातों में इस 6 प्रतिशत का लाभ सरकार द्वारा एचपीएमसी के माध्यम से सीधा जमा करवाया जा (apple packaging material) सके. इसके अतिरिक्त एचपीएमसी द्वारा बेचे गए कार्टन और ट्रे पर भी यह उपदान उपलब्ध रहेगा. सरकार द्वारा यह निर्णय भी लिया गया कि इस सारे जीएसटी के खर्च को प्रदेश सरकार द्वारा वहन किया जाएगा.

सेब बागवानों की समस्या को हल करने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में उन्होंने एक कमेटी का गठन किया जिसमें वित्त, आबकारी और कराधान, उद्यान, कृषि एवं सहकारिता विभाग के सचिव सदस्य बनाए गए हैं. मुख्य सचिव की अध्यक्षता में शनिवार को हुई बैठक में यह निर्णय लिया (relief on GST to apple growers) गया. एचपीएमसी को एक करोड़ पेटियों के पैकेजिंग सामग्री उपलब्ध करवाने के आदेश दिए गए हैं.

उन्होंने कहा कि एचपीएमसी को यह निर्देश जारी किये गये कि इस बार के सेव सीजन को ध्यान में रखते हुए वह कम से कम एक करोड़ पेटियों के पैकेजिंग सामग्री के आबटन की तैयारी कर लें. जिसमें से उनके द्वारा 50 प्रतिशत की तैयारी की जा चुकी (apple orchard problems) है. यह करवाना इसलिए आवश्यक है ताकि बागवानों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पडे. बैठक में सरकार द्वारा यह भी तय किया गया कि 8 करोड़ 65 लाख रूपये की धनराशी जो प्रदेश सरकार ने अभी विभाग को दी है.

उसका भुगतान बागवानों को तुरंत करने के आदेश दिए हैं, ताकि 2021 तक एमआईएस की अदायगी पूर्ण रूप से चुकता कर दी जाए. बैठक में यह भी कहा गया कि इस वर्ष की अदायगी करने के लिए सरकार द्वारा धन की उपलब्धता कराई जाती रहेगी ताकि बागवानों को कोई संकट न हो. इसके अलावा बागवानों से संबधित उपकरण, एंटी हेलनेट और अन्य संबधित उपकरणों की अदायगी के लिए विभाग जैसे ही इस वर्ष के बजट का व्यय कर लेगा, उसे तुरंत अतिरिक्त बजट के प्रावधान करने की व्यवस्था कर दी जाएगी.

बागवानी नीति में बदलाव करते हुए सरकार ने गत वर्षों की भांति विभिन्न प्रकार के कीटनाशकों के उपदान का पुरानी योजना फिर से लागू कर दी है, जिसके अनुसार यह सारी वस्तुएं उद्यान विभाग के केन्द्रों के माध्यम से उपलब्ध होगी. सरकार के निर्देशानुसार एग्रीकल्चर मार्केटिंग बोर्ड ने छैला से सैंज रोड तक सड़क के सुधार के लिए 12.36 करोड़ रूपये स्वीकृत कर दिए गए हैं, ताकि बागवानों को यातायात की समस्या से तुरंत राहत प्रदान की जा सके.

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