शिमलाः हिमाचल परिवहन कर्मचारी संयुक्त समन्वय (Joint Coordination Commitee) समिति की बैठक अध्यक्ष प्यार सिंह की अध्यक्षता में हुई. बैठक में कर्मचारी प्रतिनिधियों ने चिंता व्यक्त करते हुए रोष प्रकट किया कि निगम प्रबंधन द्वारा संयुक्त समन्वय समिति के साथ पूर्व में किए गए समझौतों पर अमल नहीं किया जा रहा है.
संयुक्त समन्वय समिति ने कहा कि कर्मचारियों का डीए, 32 महीनों का नाइट ओवरटाइम, पेंशन, ग्रेच्युटी, कंप्यूटेशन, लीव एनकैशमेंट, जीपीएफ, मेडिकल रिम्बर्समेंट और कई एरियर लंबित हैं. इस समय निगम प्रबंधन की ओर से कर्मचारियों को लगभग 500 करोड़ रुपए लंबित वेतन भुगतान करना है.
संयुक्त समन्वय समिति ने मांग की है कि निगम प्रबंधन पीस मील कर्मचारियों को एकमुश्त अनुबंध आधार पर लाने और चालकों को पहले की तरह 9 हजार 880 रुपए का आरंभिक वेतनमान बहाल करें. इसके अलावा परिचालकों को आरंभिक वेतनमान एवं एसीबी स्कीम का लाभ देने निगम में रिक्त पड़े पदों को शीघ्र भरने, एसीपी पर चल रही बसों को बंद करने की भी मांग उठाई है. संयुक्त समन्वय समिति ने निगम प्रबंधन से पुरानी पेंशन की बहाली, यात्री परिवहन का राष्ट्रीयकरण, निजी रूट परमिट पर रोक लगाने और कर्मचारियों को प्रताड़ित न करने की भी मांग उठाई है.
संयुक्त समन्वय समिति ने कहा कि वह 9 से 14 सितंबर तक रोजाना गेट मीटिंग करेंगे. 14 सितंबर को कर्मचारियों की मांगों को लेकर एवं प्रबंधन के मुख्य कार्यालय के बाहर आंदोलन किया जाएगा. उन्होंने निगम प्रबंधन पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि निगम प्रबंधन ने कर्मचारियों को मांगें पूरी करने का आश्वासन दिया था, लेकिन मांगें पूरी नहीं की गई हैं. इसलिए मजबूरन आंदोलन का रास्ता अपनाने का फैसला लिया गया है.
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