ETV Bharat / city

गिरिगंगा नदी में प्रदूषण का मामला, हाईकोर्ट ने मलबा गिराने पर लगाई रोक - नगर निगम शिमला

प्रदेश हाईकोर्ट ने गिरि गंगा नदी को प्रदूषित करने के मामले में कड़ा संज्ञान लिया है. न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश सी बी बारोवालिया की खंडपीठ (Ban on dumping debris in Giri Ganga river) ने खड़ापत्थर से लेकर गिरिपुल तक किसी भी तरह का मलबा गिराने पर तुरन्त प्रभाव से रोक लगा दी है.

Himachal Pradesh High Court
Ban on dumping debris in Giri Ganga river
author img

By

Published : May 18, 2022, 9:34 PM IST

Updated : May 19, 2022, 6:19 AM IST

शिमला: प्रदेश हाईकोर्ट ने गिरि गंगा नदी को प्रदूषित करने के मामले में कड़ा संज्ञान लिया है. न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश सी बी बारोवालिया की खंडपीठ ने खड़ापत्थर से लेकर गिरिपुल तक किसी भी तरह का मलबा गिराने पर तुरन्त प्रभाव से रोक लगा दी है. ज्ञात रहे कि गिरि गंगा नदी से शिमला शहर के लिए पेयजल की आपूर्ति की जा रही है. बारिश होने पर इसमें गाद आ जाने पर जलापूर्ति बाधित हो जाती है.

शिमला शहर में पानी की किल्लत को लेकर स्थानीय अधिवक्ता विजय अरोड़ा द्वारा दायर याचिका में अदालत ने यह आदेश पारित किए. पिछली सुनवाई के दौरान न्यायालय (Ban on dumping debris in Giri Ganga river) को बताया था कि गुम्मा में बिजली की आपूर्ति बाधित होने के कारण पानी की समस्या पैदा हो गयी थी. शिमला जल प्रबंधन बोर्ड ने अदालत को बताया कि (Ban on dumping debris in Giri Ganga river) इस तरह की समस्या से निपटने के लिए उन्होंने बिजली बोर्ड के पास नए ट्रांसफार्मर के लिए 2 करोड़ 87 लाख 65 हजार रुपये जमा करवा लिए हैं.

बिजली बोर्ड की ओर से अदालत को सुनिश्चित करवाया गया कि दो सप्ताह के भीतर नया ट्रांसफार्मर लगा दिया जाएगा. हाईकोर्ट ने नगर निगम को आदेश दिए कि वह सर्दियों में बिजली की आपूर्ति बाध्य रहने या कम वोल्टेज के रहते सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा जैसी अतिरिक्त ऊर्जा जुटाने बारे संभावनाएं तलाशे, ताकि पानी की सप्लाई बंद न हो. मामले पर पिछली सुनवाई के दौरान अदालत को यह भी अवगत करवाया गया कि गुम्मा से कोटखाई तक हो रही अवैध डंपिंग के कारण प्राकृतिक स्रोत सूखने की कगार पर है. जल स्रोतों में पानी की कमी होने के कारण भी बहुत कम मात्रा में पानी उठाया जा रहा है इसलिए शिमला शहर को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है.

संजौली स्थित चिल्ड्रन पार्क के गेट के पास निगम द्वारा बनाये बहुमंजिला भवन को गिराने के आदेश: हाई कोर्ट ने नगर निगम चिल्ड्रन पार्क में बुक कैफे और सार्वजनिक शौचालय बनाने पर निगम आयुक्त को कड़ी फटकार लगाई है. कोर्ट ने संजौली स्थित चिल्ड्रन पार्क के गेट के पास निगम द्वारा बनाये बहुमंजिला भवन को तुरंत गिराने के आदेश पारित किए हैं. मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक व न्यायाधीश संदीप शर्मा की खंडपीठ ने नगर निगम शिमला से इस बाबत दो सप्ताह के भीतर अनुपालना रिपोर्ट तलब की है.

नगर निगम शिमला को चिल्ड्रन पार्क की (Himachal Pradesh High Court) ड्राइंग और मैप अदालत के समक्ष पेश करने के आदेश भी दिए गए हैं. स्थानीय निवासी पीयूष वोहरा की ओर से दायर आवेदन पर हाई कोर्ट ने ये आदेश पारित किए. आवेदन के माध्यम से अदालत को बताया गया कि चिल्ड्रेन पार्क का कुल क्षेत्र 179.41 वर्ग मीटर है जिसमें प्रस्तावित सार्वजनिक शौचालय का 16.64 वर्ग मीटर क्षेत्र भी शामिल है.

अदालत ने खेद जताया कि पहले ही आकार में छोटे पार्क को शौचालय बनाकर और छोटा किया जा रहा है. चिल्ड्रन पार्क में सार्वजनिक शौचालय बनाने के खिलाफ अदालत को 51 स्थानीय लोगों ने भी शिकायती पत्र भेजा है. अदालत से शिकायत की गई है कि नगर निगम चिल्ड्रन पार्क में बुक कैफे और सार्वजनिक शौचालय बनाया जा रहा है. अदालत ने पिछली सुनवाई के दौरान नगर निगम को चिल्ड्रन पार्क में शौचालय न बनाये जाने के आदेश जारी किए थे. नगर निगम की ओर से अदालत को बताया गया कि चिल्ड्रन पार्क में सार्वजनिक शौचालय नहीं बनाए जा रहे हैं.

शिमला: प्रदेश हाईकोर्ट ने गिरि गंगा नदी को प्रदूषित करने के मामले में कड़ा संज्ञान लिया है. न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश सी बी बारोवालिया की खंडपीठ ने खड़ापत्थर से लेकर गिरिपुल तक किसी भी तरह का मलबा गिराने पर तुरन्त प्रभाव से रोक लगा दी है. ज्ञात रहे कि गिरि गंगा नदी से शिमला शहर के लिए पेयजल की आपूर्ति की जा रही है. बारिश होने पर इसमें गाद आ जाने पर जलापूर्ति बाधित हो जाती है.

शिमला शहर में पानी की किल्लत को लेकर स्थानीय अधिवक्ता विजय अरोड़ा द्वारा दायर याचिका में अदालत ने यह आदेश पारित किए. पिछली सुनवाई के दौरान न्यायालय (Ban on dumping debris in Giri Ganga river) को बताया था कि गुम्मा में बिजली की आपूर्ति बाधित होने के कारण पानी की समस्या पैदा हो गयी थी. शिमला जल प्रबंधन बोर्ड ने अदालत को बताया कि (Ban on dumping debris in Giri Ganga river) इस तरह की समस्या से निपटने के लिए उन्होंने बिजली बोर्ड के पास नए ट्रांसफार्मर के लिए 2 करोड़ 87 लाख 65 हजार रुपये जमा करवा लिए हैं.

बिजली बोर्ड की ओर से अदालत को सुनिश्चित करवाया गया कि दो सप्ताह के भीतर नया ट्रांसफार्मर लगा दिया जाएगा. हाईकोर्ट ने नगर निगम को आदेश दिए कि वह सर्दियों में बिजली की आपूर्ति बाध्य रहने या कम वोल्टेज के रहते सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा जैसी अतिरिक्त ऊर्जा जुटाने बारे संभावनाएं तलाशे, ताकि पानी की सप्लाई बंद न हो. मामले पर पिछली सुनवाई के दौरान अदालत को यह भी अवगत करवाया गया कि गुम्मा से कोटखाई तक हो रही अवैध डंपिंग के कारण प्राकृतिक स्रोत सूखने की कगार पर है. जल स्रोतों में पानी की कमी होने के कारण भी बहुत कम मात्रा में पानी उठाया जा रहा है इसलिए शिमला शहर को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है.

संजौली स्थित चिल्ड्रन पार्क के गेट के पास निगम द्वारा बनाये बहुमंजिला भवन को गिराने के आदेश: हाई कोर्ट ने नगर निगम चिल्ड्रन पार्क में बुक कैफे और सार्वजनिक शौचालय बनाने पर निगम आयुक्त को कड़ी फटकार लगाई है. कोर्ट ने संजौली स्थित चिल्ड्रन पार्क के गेट के पास निगम द्वारा बनाये बहुमंजिला भवन को तुरंत गिराने के आदेश पारित किए हैं. मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक व न्यायाधीश संदीप शर्मा की खंडपीठ ने नगर निगम शिमला से इस बाबत दो सप्ताह के भीतर अनुपालना रिपोर्ट तलब की है.

नगर निगम शिमला को चिल्ड्रन पार्क की (Himachal Pradesh High Court) ड्राइंग और मैप अदालत के समक्ष पेश करने के आदेश भी दिए गए हैं. स्थानीय निवासी पीयूष वोहरा की ओर से दायर आवेदन पर हाई कोर्ट ने ये आदेश पारित किए. आवेदन के माध्यम से अदालत को बताया गया कि चिल्ड्रेन पार्क का कुल क्षेत्र 179.41 वर्ग मीटर है जिसमें प्रस्तावित सार्वजनिक शौचालय का 16.64 वर्ग मीटर क्षेत्र भी शामिल है.

अदालत ने खेद जताया कि पहले ही आकार में छोटे पार्क को शौचालय बनाकर और छोटा किया जा रहा है. चिल्ड्रन पार्क में सार्वजनिक शौचालय बनाने के खिलाफ अदालत को 51 स्थानीय लोगों ने भी शिकायती पत्र भेजा है. अदालत से शिकायत की गई है कि नगर निगम चिल्ड्रन पार्क में बुक कैफे और सार्वजनिक शौचालय बनाया जा रहा है. अदालत ने पिछली सुनवाई के दौरान नगर निगम को चिल्ड्रन पार्क में शौचालय न बनाये जाने के आदेश जारी किए थे. नगर निगम की ओर से अदालत को बताया गया कि चिल्ड्रन पार्क में सार्वजनिक शौचालय नहीं बनाए जा रहे हैं.

Last Updated : May 19, 2022, 6:19 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.