शिमला: हिमाचल में आज यानि मंगलवार से व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस और आपातकालीन बटन निगरानी केंद्र को इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम 112 से जोड़ दिया गया है. इस प्रणाली में जब पैनिक बटन दबाया जाता है, तो सैटेलाइट के जरिए 112 पर एक सिग्नल प्राप्त होगा और संकट में फंसे व्यक्ति से संपर्क करने के साथ पुलिस को भी सूचित किया जा सकेगा.
डायरेक्टर ट्रांसपोर्ट अनुपम कश्यप ने कहा कि राज्य में महिलाओं और (Vehicle Location Tracking Device) बच्चों की सुरक्षा के दृष्टिगत स्थापित किए गए इस निगरानी केंद्र के माध्यम से वाहनों की चोरी और वाहन दुर्घटनाओं का पता लगाना आसान हो जाएगा. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में पंजीकृत और इस उपकरण से लैस वाहन को देश में कहीं भी ट्रैक किया जा सकता है. जो वास्तव में एक तकनीकी चमत्कार है.
अनुपम कश्यप ने कहा कि किसी भी आपातकालीन स्थिति में इस उपकरण के माध्यम से वाहन के संबंध में त्वरित व सटीक जानकारी उपलब्ध होगी. उन्होंने कहा कि 9423 से अधिक वाहनों को इस प्रणाली से जोड़ा गया है और पिछले एक साल दौरान इन वाहनों की यात्रा का पूरा विवरण निगरानी केंद्र में उपलब्ध होगा. प्रदेश सरकार राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए गंभीरता से कार्य कर रही है. राज्य सरकार ने हिमाचल प्रदेश इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी, 2022 लागू की है. उन्होंने कहा कि राज्य में अब तक कुल 1150 इलेक्ट्रिक वाहनों का पंजीकरण किया जा चुका है. सरकार ने वर्ष 2025 तक इलेक्ट्रिक वाहनों के पंजीकरण में लगभग 15 प्रतिशत की वृद्धि का लक्ष्य रखा है.
अनुपम कश्यप ने कहा कि इस तकनीक के माध्यम से (vehicle location tracking device in himachal) गाड़ी में लगा बटन दबाने के बाद आरटीओ ऑफिस में स्थापित कंट्रोल रूम में सिग्नल आएगा और साथ ही पुलिस कंट्रोल रूम में भी सिग्नल जाएगा. जिसके बाद उसकी लोकेशन के हिसाब से पुलिस स्टेशन रिएक्ट और पीड़ित को सहायता प्रदान की जाएगी. अनुपम कश्यप ने उम्मीद जताई कि इस प्रणाली के माध्यम से आने वाले समय में दुर्घटना के तुरंत बाद बचाव कार्य शुरू किया सकेगा.
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