शिमला: हिमाचल प्रदेश कंप्यूटर शिक्षक संघ ने राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. कंप्यूटर शिक्षक संघ का कहना है कि सरकार उनकी अनदेखी कर रही है, अभी तक किसी प्रकार की पॉलिसी नहीं बनाई गई है. जिससे कंप्यूटर शिक्षकों का भविष्य अधर में लटक गया है.
शिमला में कंप्यूटर एसोसिएशन के संयोजक अंजू शर्मा ने कहा कि सरकार ने हर वर्ग के लिए पॉलिसी बनाई है. प्रदेश में 1341 कंप्यूटर शिक्षक 24 साल से सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन किसी भी सरकार ने उनके लिए कारगर नीति नहीं बनाई है. उनका लगातार शोषण किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट ने साल 2014 में कंप्यूटर शिक्षकों के हित में पॉलिसी बनाने का निर्णय सुनाया था, लेकिन उस समय कांग्रेस सरकार इसे लागू नहीं कर पाई और अब भाजपा सरकार ने भी इसे लागू नहीं किया है.
उनका कहना है कि प्रदेश भर के स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षक (Computer Teachers Association Protest in Shimla) लगभग 90 हजार स्टूडेंट्स को आईटी शिक्षा दे रहे हैं. भविष्य को सुरक्षित करने के लिए कंप्यूटर शिक्षक लंबे समय से नीति बनाकर शिक्षा विभाग में मर्ज करने की मांग कर रहे हैं.
पॉलिसी नहीं बना सकते तो सैलरी तो बढ़ाए सरकार: हिमाचल कंप्यूटर टीचर एसोसिएशन का कहना है कि अगर सरकार उनके लिए पॉलिसी नहीं बना सकती है तो कम से कम उनका वेतन तो बढ़ाया जाए. क्योंकि कम वेतन में गुजारा करना मुश्किल हो रहा है. कंप्यूटर शिक्षकों ने सरकार को चेतावनी दी है कि सरकार ने कंप्यूटर शिक्षकों के हित में अगर कोई निर्णय नहीं लिया तो वे आंदोलन का रास्ता अपनाने के लिए मजबूर होंगे. सरकार को विधानसभा चुनाव में इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा.
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