शिमला: हिमाचल प्रदेश जल रक्षकों (Himachal Jal Rakshak Sangh) ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. जल रक्षकों ने टूल डाउन स्ट्राइक शुरू कर दी है. सोमवार को राजधानी शिमला में प्रदेशभर से जल रक्षक एकत्रित हुए. इस दौरान जल रक्षकों ने अपनी मांगों को लेकर शिमला के डीसी ऑफिस के बाहर धरना प्रदर्शन (Jal Rakshak Sangh Protest in Shimla) किया और जब तक मांगे पूरी नहीं होती है तब तक शिमला में रहने का ऐलान किया. हिमाचल जल रक्षक महासंघ के अध्यक्ष रूप लाल का कहना है कि जल रक्षक लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं, बावजूद इसके सरकार मांगने की सुन रही है.
जल रक्षकों की मांग है कि उनके अनुबंध पर आने के कार्यकाल को बारह से घटाकर आठ साल किया जाए. उन्होंने कहा कि किसी भी विभाग में इतने लंबे अंतराल के बाद कर्मचारियों को कॉन्ट्रैक्ट पर नहीं लिया (Himachal Jal Rakshak Tool Down Strike) जाता. केवल जल रक्षकों के साथ ही यह भेदभाव किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अपनी मांगों को लेकर वे मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मिले थे. मुख्यमंत्री ने उन्हें जल शक्ति मंत्री से मिलने के लिए कहा था. जल शक्ति मंत्री ने उन्हें यह कहकर जाने को कहा कि सरकार की ओर से उनका मानदेय में 900 रुपए की बढ़ोतरी कर दी गई है.
रूपलाल का कहना है कि महंगाई के इस दौर में भी जल रक्षकों को केवल 4 हजार 500 रुपए वेतन मिलता है. इस महंगाई के दौर में इतने वेतन में घर का गुजर बसर करना बेहद मुश्किल (Himachal Jal Rakshak Sangh demands) है. हिमाचल जल रक्षक महासंघ की मांग है कि सरकार उनके कॉन्ट्रैक्ट में आने का कार्यकाल बारह से घटाकर आठ साल करे. इसके अलावा उनके वेतन में भी बढ़ोतरी की जाए. जल रक्षक महासंघ का कहना है कि यदि सरकार उनकी मांगे नहीं मानती है, तो वह शिमला से वापस नहीं लौटेंगे. साथ ही जल रक्षक महासंघ ने मांगे पूरी न होने तक काम बंद करने की भी चेतावनी दी है.
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