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250 करोड़ के स्कॉलरशिप घोटाले में CBI को फटकार, हाईकोर्ट ने कहा: जांच पूरी करने की समय सीमा बताए एजेंसी

करीब 250 करोड़ रुपए के छात्रवृति घोटाले में धीमी जांच पर अदालत ने सीबीआई को फटकार लगाई है. हिमाचल हाई कोर्ट ने सीबीआई से पूछा है (Himachal High Court on Scholarship scam) कि जांच के लिए आपको और कितना समय चाहिए?

Himachal High Court on Scholarship scam
हिमाचल हाई कोर्ट (फाइल फोटो).
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Published : Jul 13, 2022, 7:35 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश के इतिहास में अब तक के सबसे बड़े घोटाले में हाईकोर्ट ने जांच एजेंसी के रवैये पर नाराजगी जताई है. करीब 250 करोड़ रुपए के छात्रवृति घोटाले में धीमी जांच पर अदालत ने सीबीआई को फटकार लगाई है. हाई कोर्ट ने सीबीआई से पूछा है कि जांच के लिए आपको और कितना समय चाहिए? अदालत ने सीबीआई को शपथ पत्र दाखिल कर जांच में लगने वाले समय के बारे में सारी जानकारी देने को कहा है. मामले की सुनवाई हिमाचल हाई कोर्ट (Himachal High Court) के मुख्य न्यायाधीश अमजद एहतेशाम सईद और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने की.

उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व अदालत ने (Scholarship scam in Himachal) जांच एजेंसी सीबीआई को जांच में तेजी लाकर इसे पूरा करने और सक्षम क्षेत्राधिकार वाले न्यायालय के समक्ष आरोप पत्र दाखिल करने के आदेश जारी किए थे. सीबीआई ने इस मामले में आठवीं स्टेटस रिपोर्ट हाई कोर्ट में पेश की है. इस रिपोर्ट के अनुसार घोटाले में सीबीआई द्वारा की गई अब तक की जांच में 1176 संस्थानों की संलिप्तता का पता चला है. सीबीआई ने बताया है कि अब तक 266 निजी संस्थानों में से 28 संस्थानों के छात्रवृत्ति घोटाले में शामिल होने के सुबूत हैं.

वहीं, सीबीआई की ओर से कोर्ट को बताया गया (Himachal High Court on Scholarship scam) कि 28 में से 15 संस्थानों की जांच पहले ही पूरी हो चुकी है और 7 आरोप पत्र दाखिल किए जा चुके हैं. बाकी बचे 13 संस्थानों के खिलाफ जांच अभी जारी है. मुख्य न्यायाधीश एए सईद और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने प्रार्थी श्याम लाल की तरफ से दाखिल की गई जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि जांच 3 सालों से चल रही है परंतु अभी तक भी पूरी नही हुई. हाई कोर्ट ने सीबीआई को जांच पूरी करने में लगने वाले समय की जानकारी देने के आदेश जारी किए. अब इस मामले पर सुनवाई 19 सितंबर को निर्धारित की गई है.

उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश में छात्रों को मिलने वाली स्कॉलरशिप राशि अरसे तक पात्र छात्रों को नहीं मिली. बाद में शिकायत हुई तो पता चला कि फर्जी नामों से स्कॉलरशिप राशि हड़प ली गई. इसमें शिक्षा विभाग के अधिकारी तक शामिल थे. बाद में घोटाले की जांच सीबीआई को दी गई. तीन साल से जांच चल रही है. सीबीआई का कहना है कि चूंकि घोटाले के तार कई राज्यों व लोगों से जुड़े हैं और एविडेंस जुटाने में समय लगा रहा है, ऐसे में देरी होना स्वाभाविक है. हाई कोर्ट ने सीबीआई को शपथपत्र दाखिल कर जांच में कितना समय लगेगा, इसके बारे में जानकारी देने को कहा है.

ये भी पढे़ं- Sub Inspector Taking Bribe: हिमाचल पुलिस का सब इंस्पेक्टर 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार

शिमला: हिमाचल प्रदेश के इतिहास में अब तक के सबसे बड़े घोटाले में हाईकोर्ट ने जांच एजेंसी के रवैये पर नाराजगी जताई है. करीब 250 करोड़ रुपए के छात्रवृति घोटाले में धीमी जांच पर अदालत ने सीबीआई को फटकार लगाई है. हाई कोर्ट ने सीबीआई से पूछा है कि जांच के लिए आपको और कितना समय चाहिए? अदालत ने सीबीआई को शपथ पत्र दाखिल कर जांच में लगने वाले समय के बारे में सारी जानकारी देने को कहा है. मामले की सुनवाई हिमाचल हाई कोर्ट (Himachal High Court) के मुख्य न्यायाधीश अमजद एहतेशाम सईद और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने की.

उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व अदालत ने (Scholarship scam in Himachal) जांच एजेंसी सीबीआई को जांच में तेजी लाकर इसे पूरा करने और सक्षम क्षेत्राधिकार वाले न्यायालय के समक्ष आरोप पत्र दाखिल करने के आदेश जारी किए थे. सीबीआई ने इस मामले में आठवीं स्टेटस रिपोर्ट हाई कोर्ट में पेश की है. इस रिपोर्ट के अनुसार घोटाले में सीबीआई द्वारा की गई अब तक की जांच में 1176 संस्थानों की संलिप्तता का पता चला है. सीबीआई ने बताया है कि अब तक 266 निजी संस्थानों में से 28 संस्थानों के छात्रवृत्ति घोटाले में शामिल होने के सुबूत हैं.

वहीं, सीबीआई की ओर से कोर्ट को बताया गया (Himachal High Court on Scholarship scam) कि 28 में से 15 संस्थानों की जांच पहले ही पूरी हो चुकी है और 7 आरोप पत्र दाखिल किए जा चुके हैं. बाकी बचे 13 संस्थानों के खिलाफ जांच अभी जारी है. मुख्य न्यायाधीश एए सईद और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने प्रार्थी श्याम लाल की तरफ से दाखिल की गई जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि जांच 3 सालों से चल रही है परंतु अभी तक भी पूरी नही हुई. हाई कोर्ट ने सीबीआई को जांच पूरी करने में लगने वाले समय की जानकारी देने के आदेश जारी किए. अब इस मामले पर सुनवाई 19 सितंबर को निर्धारित की गई है.

उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश में छात्रों को मिलने वाली स्कॉलरशिप राशि अरसे तक पात्र छात्रों को नहीं मिली. बाद में शिकायत हुई तो पता चला कि फर्जी नामों से स्कॉलरशिप राशि हड़प ली गई. इसमें शिक्षा विभाग के अधिकारी तक शामिल थे. बाद में घोटाले की जांच सीबीआई को दी गई. तीन साल से जांच चल रही है. सीबीआई का कहना है कि चूंकि घोटाले के तार कई राज्यों व लोगों से जुड़े हैं और एविडेंस जुटाने में समय लगा रहा है, ऐसे में देरी होना स्वाभाविक है. हाई कोर्ट ने सीबीआई को शपथपत्र दाखिल कर जांच में कितना समय लगेगा, इसके बारे में जानकारी देने को कहा है.

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