शिमलाः हिमाचल हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को प्राथमिक सहायक अध्यापकों को सिर्फ जेबीटी भर्ती और पदोन्नति नियमों के अनुसार ही नियमित करने आदेश दिए हैं. न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने अपने आदेशो में स्पष्ट किया कि प्राथमिक सहायक अध्यापक की नियमिति याचिका के अंतिम फैसले पर निर्भर करेगी.
प्रार्थी संतोष और अन्य द्वारा दायर याचिका की सुनवाई के बाद अदालत ने प्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. याचिका में आरोप लगाया गया है कि प्रदेश सरकार द्वारा प्राथमिक सहायक अध्यापक को नियमित करने का निर्णय जेबीटी भर्ती और पदोन्नति नियमों और एनसीटीई के दिशा-निर्देशों के विपरीत है.
इसमें दलील दी गई है कि जेबीटी भर्ती और पदोन्नति नियमों के अनुसार सिर्फ दो ही तरीके से भर्ती की जा सकती है, पहली कमीशन से और दूसरी बैच वाइज से और वो भी अनुबंध आधार पर, लेकिन राज्य सरकार प्राथमिक सहायक अध्यापकों को नियमों को ताक पर रख कर न केवल जेबीटी के काडर में शामिल कर रही है, बल्कि उन्हें सीधे नियमित किया जा रहा है.
इस मामले में याचिका के माध्यम से अदालत को बताया गया कि प्रार्थी जोकि कमीशन पास कर जेबीटी के पद पर अनुबंध आधार पर नौकरी कर रहे हैं और राज्य सरकार की पॉलिसी के अनुसार अपने नियमितीकरण कर इंतजार कर रहे हैं, वे प्राथमिक सहायक अध्यापक से वरीयता सूचि में जूनियर हो जाएंगे.
यही नहीं प्राथमिक सहायक अध्यापक की नियमितीकरण बिना टेट पास किए की जा रही है जोकि नियमों और एनसीटीई के दिशा निर्देशों के विपरीत है. एनसीटीई ने राज्य सरकार को बिलकुल स्पष्ट किया है कि स्कूल टीचर बनने के लिए टेट पास होना जरुरी है जिसमें किसी भी शर्त पर छूट नहीं दी जा सकती.
अदालत के ध्यान में लाया गया कि राज्य सरकार द्वारा गत 5 अगस्त को निर्णय लिया था कि प्राथमिक सहायक अध्यापक को जेबीटी पद पर भर्ती और पदोन्नति नियमों के अनुसार नियमित किया जाएगा, लेकिन निदेशक प्राथमिक शिक्षा ने 10 अगस्त को निर्णय लिया कि प्राथमिक सहायक अध्यापक को नियमित करने के लिए टेट पास होने की जरुरत नहीं है.
अदालत ने अपने निर्णय में कहा कि निदेशक द्वारा टेट में छूट दिए जाने का अधिकार नहीं है. जब राज्य सरकार ने 5 अगस्त को निर्णय लिया था कि प्राथमिक सहायक अध्यापक को जेबीटी पद पर भर्ती और पदोन्नति नियमों के अनुसार नियमित किया जाएगा और नियमों के अनुसार टेट पास होना जरूरी है.
अदालत ने अपने निर्णय में स्पष्ट किया कि प्राथमिक सहायक अध्यापक की नियमितीकरण न केवल इस याचिका के अंतिम निर्णय पर निर्भर करेगी बल्कि इनका नियमितीकरण निदेशक द्वारा दिए गए नोट को नजरंदाज कर सिर्फ जेबीटी भर्ती और पदोन्नति नियमों के ही अनुसार हो. इस मामले की सुनवाई आगामी 21 सितम्बर को निर्धारित की गई है.
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