शिमला: किन्नौर निवासी शिव चंद को नाबालिग से बलात्कार करने के जुर्म में दोषी ठहराए जाने (raping a minor girl in Kinnaur) के फैसले पर हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने अपनी (Himachal High Court) मुहर लगा दी है. सत्र न्यायाधीश किन्नौर ने दोषी को सात वर्ष की कठोर कारावास और दस हजार रूपये बतौर जुर्माने की सजा सुनाई थी. जिला एवं सत्र न्यायालय किन्नौर के इस निर्णय को दोषी शिव चंद ने हाई कोर्ट के समक्ष अपील के माध्यम से चुनौती दी थी.
जिसके बाद न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश सत्येन वैद्य ने दोषी की अपील को खारिज करते हुए निचली अदालत के फैसले पर अपनी मुहर लगा दी है. मामले के अनुसार शिकायतकर्ता की नाबालिग बेटी पुराने घर में पशुओं को चारा डालने गई थी, लेकिन वह वापिस नहीं आई. दूसरे दिन दोषी ने शिकायतकर्ता को फोन पर बताया कि उसने पीड़िता के साथ शादी कर ली है. नाबालिग के पिता की शिकायत पर पुलिस स्टेशन निरमंड जिला कुल्लू में दोषी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 376, 366, 363 और पोक्सो अधिनियम की धारा 4 के तहत मामला दर्ज किया गया.
मामले की जांच के बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ निचली अदालत में अभियोग चलाया. निचली अदालत ने दस गवाहों के बयानों के आधार पर दोषी को सात वर्ष की कठोर कारावास और दस हजार रूपये बतौर जुर्माने की सजा सुनाई. हाई कोर्ट ने इस मामले से जुड़े सारे रिकॉर्ड का अवलोकन करने के बाद पाया कि अभियोजन पक्ष आरोपी के खिलाफ अभियोग साबित करने में सफल रहा है और जिला एवं सत्र न्यायालय किन्नौर (District and Sessions Court Kinnaur) द्वारा दोषी को सुनाई गई सजा अभियोग द्वारा जुटाए गए सबूतों पर सही आधारित है.
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