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शिमलाः हिमाचल हाईकोर्ट ने सनवारा के ढाबा मालिक के हत्यारोपी की जमानत याचिका की खारिज

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Published : Oct 30, 2020, 8:44 PM IST

प्रदेश हाईकोर्ट सनवारा के ढाबा मालिक के हत्यारोपी की जमानत याचिका 0खारिज कर दी है. जस्टिस बारोवालिया ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि अपराध की गंभीरता को देखते हुए, याचिकाकर्ता की भूमिका कथित अपराध के दृष्टिगत प्रतीत होती है कि वह साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ कर सकता है और न्याय से भाग सकता है.

himachal court on Sonwara murder case
himachal court on Sonwara murder case

शिमलाः हिमाचल हाईकोर्ट ने सनवारा के ढाबा मालिक के हत्यारोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी. हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति चंद्रभूषण बारोवालिया ने राहुल मलिक द्वारा दायर की गई याचिका पर यह फैसला सुनाया है. राहुल मलिक पर आरोप है कि उसने कथित रूप से ढाबा मालिक पर फायरिंग की थी.

अभियोजन पक्ष के अनुसार, 26 जून, 2016 को आरोपियों ने परम जीत सिंह पर कथित रूप से गोलीबारी की. जो कि जिला सोलन के धरमपुर के सनवारा में एक ढाबा चलाता था. मृतक की पत्नी की शिकायत पर 27 जून 2016 को भारतीय दंड संहिता की धारा 302, 307, 147, 148, 149 आर्म्स एक्ट की धारा 25 और 29 के तहत धर्मपुर पुलिस स्टेशन जिला सोलन में प्रार्थी के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया गया था.

शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि वह अपने पति, परम जीत सिंह के साथ सनवारा में एक रेस्तरां (ढाबा) चलाते थे. ढाबे की देखभाल उनका भतीजा हसनदीप भी कर रहा था. 26 जून 2016 को, जब वह कपड़े धो रही थी, लगभग 05 बजे, 10/15 व्यक्तियों का एक पर्यटक समूह ढाबे में आया. इसके बाद भोजन की ताजगी को लेकर एक विवाद पैदा हुआ और हाथापाई हुई.

पर्यटक समूह का एक व्यक्ति वाहन के पास गया. एक पिस्तौल लाया और उसके पति परम जीत सिंह पर फायर किया. हसनदीप को भी उसके सीने पर बंदूक की नोक से मारा. याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में तर्क दिया कि वह पिछले चार सालों से अधिक समय से सलाखों के पीछे है और ट्रायल जल्द पूरा होने की संभावना नहीं है. हालांकि, दूसरी ओर अभियोजन एजेंसी कहा कि याचिकाकर्ता को जमानत पर रिहा नहीं किया जा सकता.

याचिकाकर्ता, जिसने खुले में फायरिंग की और परिणामस्वरूप ढाबा मालिक की मृत्यु हो गई और एक और व्यक्ति को गंभीर चोटें भी लगीं. याचिका को खारिज करते हुए, जस्टिस बारोवालिया ने कहा कि अपराध की गंभीरता को देखते हुए, याचिकाकर्ता की भूमिका कथित अपराध के दृष्टिगत प्रतीत होती है कि वह साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ कर सकता है और न्याय से भाग सकता है. यह याचिका को स्वीकार करने के लिए न्यायिक विवेक के दृष्टिगत उचित मामला नहीं है.

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शिमलाः हिमाचल हाईकोर्ट ने सनवारा के ढाबा मालिक के हत्यारोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी. हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति चंद्रभूषण बारोवालिया ने राहुल मलिक द्वारा दायर की गई याचिका पर यह फैसला सुनाया है. राहुल मलिक पर आरोप है कि उसने कथित रूप से ढाबा मालिक पर फायरिंग की थी.

अभियोजन पक्ष के अनुसार, 26 जून, 2016 को आरोपियों ने परम जीत सिंह पर कथित रूप से गोलीबारी की. जो कि जिला सोलन के धरमपुर के सनवारा में एक ढाबा चलाता था. मृतक की पत्नी की शिकायत पर 27 जून 2016 को भारतीय दंड संहिता की धारा 302, 307, 147, 148, 149 आर्म्स एक्ट की धारा 25 और 29 के तहत धर्मपुर पुलिस स्टेशन जिला सोलन में प्रार्थी के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया गया था.

शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि वह अपने पति, परम जीत सिंह के साथ सनवारा में एक रेस्तरां (ढाबा) चलाते थे. ढाबे की देखभाल उनका भतीजा हसनदीप भी कर रहा था. 26 जून 2016 को, जब वह कपड़े धो रही थी, लगभग 05 बजे, 10/15 व्यक्तियों का एक पर्यटक समूह ढाबे में आया. इसके बाद भोजन की ताजगी को लेकर एक विवाद पैदा हुआ और हाथापाई हुई.

पर्यटक समूह का एक व्यक्ति वाहन के पास गया. एक पिस्तौल लाया और उसके पति परम जीत सिंह पर फायर किया. हसनदीप को भी उसके सीने पर बंदूक की नोक से मारा. याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में तर्क दिया कि वह पिछले चार सालों से अधिक समय से सलाखों के पीछे है और ट्रायल जल्द पूरा होने की संभावना नहीं है. हालांकि, दूसरी ओर अभियोजन एजेंसी कहा कि याचिकाकर्ता को जमानत पर रिहा नहीं किया जा सकता.

याचिकाकर्ता, जिसने खुले में फायरिंग की और परिणामस्वरूप ढाबा मालिक की मृत्यु हो गई और एक और व्यक्ति को गंभीर चोटें भी लगीं. याचिका को खारिज करते हुए, जस्टिस बारोवालिया ने कहा कि अपराध की गंभीरता को देखते हुए, याचिकाकर्ता की भूमिका कथित अपराध के दृष्टिगत प्रतीत होती है कि वह साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ कर सकता है और न्याय से भाग सकता है. यह याचिका को स्वीकार करने के लिए न्यायिक विवेक के दृष्टिगत उचित मामला नहीं है.

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