शिमलाः प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सैजल ने कहा कि पूर्व स्वास्थ्य निर्देशक द्वारा रिश्वत मांगने के मामले में प्रदेश सरकार ने तुरंत प्रारंभिक जांच के आधार पर एफआईआर दर्ज करवा दी थी और तत्कालीन निदेशक डॉ. अजय कुमार गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया था.
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि 21 मई को विभाग द्वारा डॉ. अजय कुमार गुप्ता को निलंबित करने के आदेश जारी कर दिए थे. मामले की अंतिम रिपोर्ट बनाई जा रही है. डॉ. राजीव सैजल ने कहा कि इस मामले का विभाग द्वारा की गई खरीद से कोई संबंध नहीं है. यह रिश्वत मांगने व रिश्वत देने का एक मामला है और व्यक्ति विशेष से जुड़ा है जिस पर सरकार ने दंडनीय कार्रवाई की है. इस प्रकरण से स्वास्थ्य विभाग पर लांछन नहीं लगाया जा सकता.
डॉ. राजीव सैजल ने कहा कि गिरफ्तारी में प्रदेश सरकार ने कोई देरी नहीं की. उन्होंने कहा कि 20 मई को सरकार को एक ऑडियो रिकॉर्डिंग के माध्यम से जानकारी मिली थी कि खरीद में 5 लाख रुपये की रिश्वत की मांग स्वास्थ्य निदेशक ने की रिश्वत की राशि स्वास्थ्य निदेशालय में तैनात अधिकारी को उसी दिन दिए जाने की संभावना थी.
राजीव सैजल ने कहा कि विपक्ष ने सचिवालय में सेनिटाइजर घोटाले की बात उठाई. इस मामले में प्रदेश सरकार ने उचित कार्रवाई करते हुए अधिकारियों से जवाब तलब किए हैं. मामले में जहां कुछ अधिकारियों को चेतावनी पत्र जारी किए गए हैं. वहीं, दोषी कर्मचारियों को चार्जशीट भी किया गया है. मामले की निष्पक्ष जांच के लिए जांच अधिकारी की नियुक्ति कर दी गई है.
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