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Jal Jeevan Mission: जुलाई तक प्रदेश के हर घर नल से पहुंचेगा जल, योजना पर जारी है सियासी हलचल

जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission) केंद्र सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है. इसके तहत हर घर नल से जल पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है. हिमाचल सरकार इस योजना के तहत इसी साल हर घर तक नल से जल पहुंचाने का दावा कर रही है. जबकि केंद्र सरकार ने देशभर के लिए ये लक्ष्य 2024 रखा है. हिमाचल सरकार के पास अपने दावों के आधार पर कुछ आंकड़े भी हैं. लेकिन कांग्रेस इसपर सवाल उठा रही है.

jal jeevan mission in himachal pradesh
जल जीवन मिशन योजना
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Published : Jan 20, 2022, 9:19 PM IST

शिमला: दुनिया में शायद ही कोई ऐसी जगह हो जहां गर्मियों के दौरान पानी की किल्लत ना होती हो. आज भी कई घर ऐसे हैं जहां पानी का नल नहीं पहुंचा है. पानी की किल्लत के मामले में हिमाचल प्रदेश भी अछूता नहीं है. प्रदेश के अनेक हिस्सों से गर्मियों के मौसम में पेयजल की किल्लत होती है. हालांकि हर घर नल होने के मामले में हिमाचल नई इबारत लिखने वाला है.

जल जीवन मिशन- केंद्र सरकार की इस योजना का लक्ष्य पेयजल की समस्या को दूर करना है. केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय की इस योजना के तहत देश के हर घर नल से पेयजल पहुंचाने (Tap water connection to every household) की योजना है. 15 अगस्त 2019 को पीएम मोदी ने इस मिशन की शुरुआत की थी. जिसके कार्यान्वयन के लिए 3.50 लाख करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है. इस योजना के तहत शहरी औऱ ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को पानी की सुविधा उपलब्ध करवाना है.

jal jeevan mission in himachal pradesh
जल जीवन मिशन योजना की बारे में...

हिमाचल में लगे रिकॉर्डतोड़ नल- इस योजना के तहत हर घर नल से जल पहुंचाने के मामले में हिमाचल का प्रदर्शन शानदार रहा है. जल शक्ति विभाग ने पिछले दो वर्षों में 7.93 लाख घरों को नल से शुद्ध जल उपलब्ध करवाया गया, जो पिछले 72 वर्षों में लगे 7.63 लाख नलों से अधिक है. यानि जितने नल प्रदेश में पिछले 2 सालों में लग गए हैं उतने पिछले 7 दशक से ज्यादा वक्त में भी नहीं लग पाए थे. योजना के मुताबिक राज्य के सभी स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों को भी इस योजना से जोड़कर पेयजल उपलब्ध करवाया गया है.

jal jeevan mission in himachal pradesh
जल जीवन मिशन योजना के लाभ.

राष्ट्रीय लक्ष्य से पहले हिमाचल पूरा करेगा टारगेट- केंद्र सरकार ने इस योजना के तहत साल 2024 तक हर घर में नल से जल पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया है. लेकिन हिमाचल सरकार ने जुलाई 2022 तक राज्य के हर घर में नल से जल देने का लक्ष्य रखा है. हिमाचल में 14.5 लाख घरों में नल लगाए जा चुके हैं और पानी की सप्लाई भी. जलशक्ति मंत्री के अनुसार हिमाचल में कुल 17 लाख घरों में नल लगाए जाने हैं, जिनके माध्यम से स्वच्छ जल उपलब्ध करवाया जाएगा.

योजना पर खर्च- वर्ष 2019 में शुरू हुए जल जीवन मिशन के अन्तर्गत राज्य को जल जीवन मिशन के तहत किए जाने वाले विभिन्न कार्यों के लिए 2260 करोड़ की धनराशि आवंटित हुई है, जिसमें से जल शक्ति विभाग द्वारा तैयार की गई विभिन्न योजनाओं के कार्यान्वयन पर अब तक 1107 करोड़ रुपये व्यय किए जा चुके हैं.

हिमाचल सरकार की योजनाएं- उल्लेखनीय पहलू यह है कि हिमाचल प्रदेश में जो बस्तियां जल जीवन मिशन की गाइडलाइन के तहत कवर नहीं होती, उनके लिए राज्य सरकार के जल शक्ति विभाग ने अन्य योजनाओं का सहारा लिया है. जल जीवन मिशन के अलावा हिमाचल में 283 पेयजल योजनाओं में सुधार के लिए 1120 करोड़ रुपए की डीपीआर भी तैयार की गई है.

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हिमाचल में हर घर नल से जल योजना का डाटा.

हिमाचल को मिला था इंसेंटिव- मौजूदा वित्त वर्ष की शुरुआत से पहले हिमाचल को 221 करोड़ रुपए से अधिक का इंसेंटिव मिला था. जल जीवन मिशन में बेहतर काम करने के लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने हिमाचल को 221.28 करोड़ का इन्सेंटिव दिया है. ये इन्सेंटिव पूरे देश में सबसे अधिक है. दरअसल देश के सात राज्यों ने इस योजना के तहत अच्छा प्रदर्शन किया था और इनमें भी हिमाचल प्रदेश टॉप पर था. सातों राज्यों को कुल 464.28 करोड़ रुपये दिये गए थे, जिनमें से सबसे अधिक 221 करोड़ रुपए हिमाचल को मिले थे.

देश के सबसे ऊंचे गांव तक पहुंचा नल से जल- हिमाचल प्रदेश का लाहौल स्पीति जिला शीत मरुस्थल यानि कोल्ड डेजर्ट के नाम से जाना जाता है. जो बर्फ की मोटी चादर से ढका रहता है. इस योजना के तहत हिमाचल ने देश के सबसे ऊंचे मतदान केंद्र (highest polling station of country) वाले गांव तक नल से जल पहुंचा दिया है. लाहौल स्पीति स्थित देश के सबसे ऊंचे मतदान केंद्र वाले गांव टशीगंग के हर घर में नल से पेयजल (tap water to Tashigang village) उपलब्ध हो गया है.

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दुनिया के सबसे ऊंचे मतदान केंद्र वाले गांव टशीगंग में हर घर में नल से जल योजना के तहत मिल रही पेयजल की सुविधा.

लाहौल स्पीति में यह गांव 15 हजार 256 फुट की ऊंचाई पर है. यहां देश का सबसे ऊंचा मतदान केंद्र भी है. इलाके में 50 के करीब घर हैं. घर में ही पेयजल उपलब्ध होने से महिलाओं ने राहत की सांस ली है. लाहौल स्पीति के विधायक और राज्य सरकार के कैबिनेट मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा का कहना है कि पूरे प्रदेश सहित लाहौल स्पीति जिला में भी जल्द ही हर घर में नल से पेयजल उपलब्ध हो जाएगा. हिमाचल ने कई दुर्गम इलाकों में भी नल से जल पहुंचा दिया है.

तेजी से लग रहे हैं हर घर में नल- हिमाचल में जल जीवन मिशन की सफलता का उदाहरण मंडी जिला के नाचन विधानसभा क्षेत्र से भी मिलता है. यहां पहले ना के बराबर नल लगे थे, लेकिन जल जीवन मिशन आने के बाद स्थितियां बदली हैं. पूरे विधानसभा क्षेत्र में 22 योजनाएं मंजूर हुईं, जिनमें से 18 पूर्ण भी हो गई हैं. इस मिशन में सबसे अच्छी बात यह है कि जनजातीय जिलों में भी मिशन का काम तेजी से चल रहा है. इसके अलावा हिमाचल में 283 पेयजल योजनाओं में सुधार के लिए 1120 करोड़ रुपए की डीपीआर भी तैयार की गई है.

पानी की शुद्धता का भी रखा जा रहा ध्यान- हिमाचल में इस मिशन के तहत प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 55 लीटर पानी दिया जाना सुनिश्चित किया गया है. जल शक्ति विभाग का ध्यान उचित मात्रा में जल उपलब्ध करवाने के साथ साथ शुद्ध जल उपलब्ध कराने पर भी है. शुद्ध जल देने की दिशा में जल शक्ति विभाग द्वारा 14 जिला स्तरीय व 42 उप-मंडल स्तरीय जल परीक्षण प्रयोगशालाएं स्थापित की जा रही हैं, जिनमें से 37 प्रयोगशालाओं को राष्ट्रीय मानकों के आधार पर एन.ए.बी.एल. से प्रमाणिकता मिल चुकी है. इसके साथ एक राज्य स्तरीय प्रयोगशाला भी स्थापित की जा रही है, जिसमें जल नमूनों के राष्ट्रीय ब्यूरो मानक के हिसाब से सभी भौतिक रसायनिक व जीवाणु परीक्षण किए जाएंगे, जो शुद्ध जल की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा.

हिमाचल में 'हर घर नल से जल' पर सियासी हलचल.

हर घर नल से जल पर सियासत- सरकारी योजनाएं हों और सियासत ना हो ऐसा बिल्कुल भी मुमकिन नहीं. योजनाओं को लेकर खुद को बेहतर बताने का रिवाज सियासत में पुराना है. इस योजना को लेकर भी ऐसा ही कुछ हो रहा है.

बीजेपी का दावा- बीजेपी आंकड़ों का हवाला देकर अपनी पीठ थपथपा रही है. बीजेपी प्रवक्ता रणधीर शर्मा के मुताबिक आजादी के बाद 7 दशक में हिमाचल में उतने नल नहीं लगे जितने बीते 2 दशक में नहीं लगे हैं. ये एक लोकप्रिय योजना है और हिमाचल ने इसमें महत्वपूर्ण योगदान दिया है, जिसकी बदौलत केंद्र से राज्य को सराहना और इंसेंटिव मिला है. इस रफ्तार से जुलाई तक पर्देश के हर घर तक नल से जल पहुंच जाएगा.

कांग्रेस के सवाल- उधर कांग्रेस इस योजना पर सवाल उठा रही है. कांग्रेस प्रवक्ता नरेश चौहान के मुताबिक योजना के तहत काम तो हो रहा है लेकिन सवाल है कि इसके लिए कितना बजट आया. और मिशन कितना सफल रहा, ये सिर्फ नल लगाने भर से नहीं हो जाता. जिस पानी के मकसद से ये नल लगाए जा रहे हैं क्या वो लोगों को मिल रहा है कि नहीं. कनेक्शन लगाने के एक वक्त बाद भी उन नलों से पानी उपलब्ध हो रहा है कि नहीं ये सबसे बड़ा सवाल है. कांग्रेस ने सरकार पर योजना में भेदभाव के आरोप लगाते हुए कहा कि ज्यादातर नल धर्मपुर, मंडी, सराज के इलाके में लगे हैं. जो मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का इलाका है.

ये भी पढ़ें: केवल पाबंदी नहीं बचाव का रास्ता, फरवरी महीने में कोरोना के पीक पर पहुंचने की आशंका: डॉ. राजीव सैजल

शिमला: दुनिया में शायद ही कोई ऐसी जगह हो जहां गर्मियों के दौरान पानी की किल्लत ना होती हो. आज भी कई घर ऐसे हैं जहां पानी का नल नहीं पहुंचा है. पानी की किल्लत के मामले में हिमाचल प्रदेश भी अछूता नहीं है. प्रदेश के अनेक हिस्सों से गर्मियों के मौसम में पेयजल की किल्लत होती है. हालांकि हर घर नल होने के मामले में हिमाचल नई इबारत लिखने वाला है.

जल जीवन मिशन- केंद्र सरकार की इस योजना का लक्ष्य पेयजल की समस्या को दूर करना है. केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय की इस योजना के तहत देश के हर घर नल से पेयजल पहुंचाने (Tap water connection to every household) की योजना है. 15 अगस्त 2019 को पीएम मोदी ने इस मिशन की शुरुआत की थी. जिसके कार्यान्वयन के लिए 3.50 लाख करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है. इस योजना के तहत शहरी औऱ ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को पानी की सुविधा उपलब्ध करवाना है.

jal jeevan mission in himachal pradesh
जल जीवन मिशन योजना की बारे में...

हिमाचल में लगे रिकॉर्डतोड़ नल- इस योजना के तहत हर घर नल से जल पहुंचाने के मामले में हिमाचल का प्रदर्शन शानदार रहा है. जल शक्ति विभाग ने पिछले दो वर्षों में 7.93 लाख घरों को नल से शुद्ध जल उपलब्ध करवाया गया, जो पिछले 72 वर्षों में लगे 7.63 लाख नलों से अधिक है. यानि जितने नल प्रदेश में पिछले 2 सालों में लग गए हैं उतने पिछले 7 दशक से ज्यादा वक्त में भी नहीं लग पाए थे. योजना के मुताबिक राज्य के सभी स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों को भी इस योजना से जोड़कर पेयजल उपलब्ध करवाया गया है.

jal jeevan mission in himachal pradesh
जल जीवन मिशन योजना के लाभ.

राष्ट्रीय लक्ष्य से पहले हिमाचल पूरा करेगा टारगेट- केंद्र सरकार ने इस योजना के तहत साल 2024 तक हर घर में नल से जल पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया है. लेकिन हिमाचल सरकार ने जुलाई 2022 तक राज्य के हर घर में नल से जल देने का लक्ष्य रखा है. हिमाचल में 14.5 लाख घरों में नल लगाए जा चुके हैं और पानी की सप्लाई भी. जलशक्ति मंत्री के अनुसार हिमाचल में कुल 17 लाख घरों में नल लगाए जाने हैं, जिनके माध्यम से स्वच्छ जल उपलब्ध करवाया जाएगा.

योजना पर खर्च- वर्ष 2019 में शुरू हुए जल जीवन मिशन के अन्तर्गत राज्य को जल जीवन मिशन के तहत किए जाने वाले विभिन्न कार्यों के लिए 2260 करोड़ की धनराशि आवंटित हुई है, जिसमें से जल शक्ति विभाग द्वारा तैयार की गई विभिन्न योजनाओं के कार्यान्वयन पर अब तक 1107 करोड़ रुपये व्यय किए जा चुके हैं.

हिमाचल सरकार की योजनाएं- उल्लेखनीय पहलू यह है कि हिमाचल प्रदेश में जो बस्तियां जल जीवन मिशन की गाइडलाइन के तहत कवर नहीं होती, उनके लिए राज्य सरकार के जल शक्ति विभाग ने अन्य योजनाओं का सहारा लिया है. जल जीवन मिशन के अलावा हिमाचल में 283 पेयजल योजनाओं में सुधार के लिए 1120 करोड़ रुपए की डीपीआर भी तैयार की गई है.

jal jeevan mission in himachal pradesh
हिमाचल में हर घर नल से जल योजना का डाटा.

हिमाचल को मिला था इंसेंटिव- मौजूदा वित्त वर्ष की शुरुआत से पहले हिमाचल को 221 करोड़ रुपए से अधिक का इंसेंटिव मिला था. जल जीवन मिशन में बेहतर काम करने के लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने हिमाचल को 221.28 करोड़ का इन्सेंटिव दिया है. ये इन्सेंटिव पूरे देश में सबसे अधिक है. दरअसल देश के सात राज्यों ने इस योजना के तहत अच्छा प्रदर्शन किया था और इनमें भी हिमाचल प्रदेश टॉप पर था. सातों राज्यों को कुल 464.28 करोड़ रुपये दिये गए थे, जिनमें से सबसे अधिक 221 करोड़ रुपए हिमाचल को मिले थे.

देश के सबसे ऊंचे गांव तक पहुंचा नल से जल- हिमाचल प्रदेश का लाहौल स्पीति जिला शीत मरुस्थल यानि कोल्ड डेजर्ट के नाम से जाना जाता है. जो बर्फ की मोटी चादर से ढका रहता है. इस योजना के तहत हिमाचल ने देश के सबसे ऊंचे मतदान केंद्र (highest polling station of country) वाले गांव तक नल से जल पहुंचा दिया है. लाहौल स्पीति स्थित देश के सबसे ऊंचे मतदान केंद्र वाले गांव टशीगंग के हर घर में नल से पेयजल (tap water to Tashigang village) उपलब्ध हो गया है.

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दुनिया के सबसे ऊंचे मतदान केंद्र वाले गांव टशीगंग में हर घर में नल से जल योजना के तहत मिल रही पेयजल की सुविधा.

लाहौल स्पीति में यह गांव 15 हजार 256 फुट की ऊंचाई पर है. यहां देश का सबसे ऊंचा मतदान केंद्र भी है. इलाके में 50 के करीब घर हैं. घर में ही पेयजल उपलब्ध होने से महिलाओं ने राहत की सांस ली है. लाहौल स्पीति के विधायक और राज्य सरकार के कैबिनेट मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा का कहना है कि पूरे प्रदेश सहित लाहौल स्पीति जिला में भी जल्द ही हर घर में नल से पेयजल उपलब्ध हो जाएगा. हिमाचल ने कई दुर्गम इलाकों में भी नल से जल पहुंचा दिया है.

तेजी से लग रहे हैं हर घर में नल- हिमाचल में जल जीवन मिशन की सफलता का उदाहरण मंडी जिला के नाचन विधानसभा क्षेत्र से भी मिलता है. यहां पहले ना के बराबर नल लगे थे, लेकिन जल जीवन मिशन आने के बाद स्थितियां बदली हैं. पूरे विधानसभा क्षेत्र में 22 योजनाएं मंजूर हुईं, जिनमें से 18 पूर्ण भी हो गई हैं. इस मिशन में सबसे अच्छी बात यह है कि जनजातीय जिलों में भी मिशन का काम तेजी से चल रहा है. इसके अलावा हिमाचल में 283 पेयजल योजनाओं में सुधार के लिए 1120 करोड़ रुपए की डीपीआर भी तैयार की गई है.

पानी की शुद्धता का भी रखा जा रहा ध्यान- हिमाचल में इस मिशन के तहत प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 55 लीटर पानी दिया जाना सुनिश्चित किया गया है. जल शक्ति विभाग का ध्यान उचित मात्रा में जल उपलब्ध करवाने के साथ साथ शुद्ध जल उपलब्ध कराने पर भी है. शुद्ध जल देने की दिशा में जल शक्ति विभाग द्वारा 14 जिला स्तरीय व 42 उप-मंडल स्तरीय जल परीक्षण प्रयोगशालाएं स्थापित की जा रही हैं, जिनमें से 37 प्रयोगशालाओं को राष्ट्रीय मानकों के आधार पर एन.ए.बी.एल. से प्रमाणिकता मिल चुकी है. इसके साथ एक राज्य स्तरीय प्रयोगशाला भी स्थापित की जा रही है, जिसमें जल नमूनों के राष्ट्रीय ब्यूरो मानक के हिसाब से सभी भौतिक रसायनिक व जीवाणु परीक्षण किए जाएंगे, जो शुद्ध जल की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा.

हिमाचल में 'हर घर नल से जल' पर सियासी हलचल.

हर घर नल से जल पर सियासत- सरकारी योजनाएं हों और सियासत ना हो ऐसा बिल्कुल भी मुमकिन नहीं. योजनाओं को लेकर खुद को बेहतर बताने का रिवाज सियासत में पुराना है. इस योजना को लेकर भी ऐसा ही कुछ हो रहा है.

बीजेपी का दावा- बीजेपी आंकड़ों का हवाला देकर अपनी पीठ थपथपा रही है. बीजेपी प्रवक्ता रणधीर शर्मा के मुताबिक आजादी के बाद 7 दशक में हिमाचल में उतने नल नहीं लगे जितने बीते 2 दशक में नहीं लगे हैं. ये एक लोकप्रिय योजना है और हिमाचल ने इसमें महत्वपूर्ण योगदान दिया है, जिसकी बदौलत केंद्र से राज्य को सराहना और इंसेंटिव मिला है. इस रफ्तार से जुलाई तक पर्देश के हर घर तक नल से जल पहुंच जाएगा.

कांग्रेस के सवाल- उधर कांग्रेस इस योजना पर सवाल उठा रही है. कांग्रेस प्रवक्ता नरेश चौहान के मुताबिक योजना के तहत काम तो हो रहा है लेकिन सवाल है कि इसके लिए कितना बजट आया. और मिशन कितना सफल रहा, ये सिर्फ नल लगाने भर से नहीं हो जाता. जिस पानी के मकसद से ये नल लगाए जा रहे हैं क्या वो लोगों को मिल रहा है कि नहीं. कनेक्शन लगाने के एक वक्त बाद भी उन नलों से पानी उपलब्ध हो रहा है कि नहीं ये सबसे बड़ा सवाल है. कांग्रेस ने सरकार पर योजना में भेदभाव के आरोप लगाते हुए कहा कि ज्यादातर नल धर्मपुर, मंडी, सराज के इलाके में लगे हैं. जो मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का इलाका है.

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