शिमला: हिमाचल में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस मौजूदा विधायकों के टिकट नहीं काटेगी. सोमवार को दिल्ली में हुई प्रदेश चुनाव समिति की बैठक में सिटिंग विधायकों को (HP CONGRESS MEETING DECISION) ही चुनावी प्रत्याशी बनाने की संस्तुति हाईकमान से करने का निर्णय लिया गया. इसके साथ ही प्रदेश से एआईसी सचिव और टिकट की दौड़ में शामिल पूर्व पार्टी प्रदेशाध्यक्षों को भी टिकट देने की पैरवी समिति ने की है. ऐसे में एआईसीसी. सचिव सुधीर शर्मा, राजेश धर्माणी और रघुवीर बाली का टिकट तय माना जा रहा है.
स्क्रीनिंग कमेटी को भेजे जाएंगे पैनल: चुनाव समिति की बैठक में 35 सीटों पर सिंगल नाम भेजने पर सहमति बनी है. कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष एवं प्रदेश चुनाव समिति की अध्यक्ष प्रतिभा सिंह की अध्यक्षता (Himachal Congress State Election Committee meeting) में यह बैठक हुई. जिसमे कांग्रेस नेता आनंद शर्मा भी मौजूद रहे. इस दौरान सभी 68 सीटों के टिकटों को लेकर बारी-बारी चर्चा की गई और जिन सीटों पर सहमति नहीं बनी, वहां दमदार दावेदारों के नामों का पैनल तय कर स्क्रीनिंग कमेटी को भेजने का निर्णय हुआ है. ऐसे में अब स्क्रीनिंग कमेटी आगामी प्रकिया अमल में लाएगी और हाईकमान को नाम फाइनल कर भेजेगी.
विवादित सीटों पर केंद्रीय चुनाव समिति लेगी निर्णय: इसके साथ ही जिन सीटों पर ज्यादा विवाद रहेगा, उन पर अंतिम निर्णय केंद्रीय चुनाव समिति लेगी. बैठक में नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्रिहोत्री, सुखविंद्र सिंह सुक्खू, विप्लव ठाकुर, आशा कुमारी, ठाकुर कौल सिंह कुलदीप राठौर, धनीराम शांडिल, रामलाल ठाकुर, सुधीर शर्मा, कुलदीप कुमार, रघुबीर सिंह बाली के साथ ही पार्टी के फ्रंटल संगठनों के प्रमुख शामिल रहे.
शिमला सीट से 7 नेताओं का पैनल: हिमाचल प्रदेश चुनाव समिति की बैठक में शिमला शहरी सीट के टिकट को लेकर भी खासी माथा पच्ची हुई. सूचना के अनुसार ऐसे में करीब 7 लोगों के नाम पैनल में भेजे गए है. ऐसे में अब स्क्रीनिंग कमेटी के सर्वे में जो दावेदार सबसे सशक्त उभकर सामने आएगा उसको ही टिकट मिलेगा. इसी सीट से कई वरिष्ठ नेता टिकट की दौड़ में शामिल हैं.
टिकट के लिए मांगे थे आवेदन: कांग्रेस ने टिकट के लिए इच्छुक दावेदारों से आवेदन (Himachal assembly elections) मांगे थे. इसके तहत करीब 1345 आवेदन पार्टी को मिले. इसके बाद आवेदनों की छंटनी हुई तो आंकड़ा 700 के आसपास रह गया. इसी बीच अब जहां सहमति नहीं बनी है, वहां दावेदारों के नाम को शार्ट लीस्ट कर पैनल बनाए गए है.
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