शिमलाः ई-सेवाओं के क्षेत्र में देशभर में धाक जमा चुके हिमाचल प्रदेश ने अब एक और मील का पत्थर तय करने की दिशा में कदम बढ़ाया है. देश की पहली ई-विधानसभा वाले राज्य हिमाचल में जल्द ही ई-कैबिनेट की बैठक भी पेपरलेस होगी. आईटी विभाग ने इस बारे में सारी तैयारियां पूरी कर ली हैं.
मुख्यमंत्री कार्यालय से हरी झंडी मिलते ही उम्मीद जताई जा रही है कि अगले महीने यानी फरवरी तक हिमाचल में पहली ई-कैबिनेट आयोजित की जा सकती है. प्रदेश सरकार के आईटी विभाग ने सभी संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों को शुरुआती प्रशिक्षण दे दिया है. इस प्रोजेक्ट पर करीब एक साल से काम चल रहा था.
ई-कैबिनेट के लिए सॉफ्टवेयर तैयार
ई-कैबिनेट के लिए विशेष रूप से एक सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है. कैबिनेट मिनिस्टर और प्रशासनिक अधिकारियों के लिए इस प्रक्रिया से जुड़े खास कंप्यूटर सिस्टम की व्यवस्था भी की गई है. प्रदेश सरकार के आईटी विभाग के निर्देशक आशुतोष गर्ग के अनुसार ही ई-कैबिनेट से जुड़ी सारी तैयारियां कर ली हैं. मुख्य सचिव को भी तैयारियों के संबंध में अवगत करवाया गया है.
वहीं, मीडिया से रूबरू होते हुए सीएम जयराम ठाकुर ने हिमाचल में पहली ई-कैबिनेट के सवाल के जवाब में कहा कि सरकार की ओर से कोशिश की जा रही है कि इसे जल्द ही लागू किया जाए.
हिमाचल में देश की पहली ई-विधानसभा हुई है स्थापित
उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश को देश की पहली ई-विधानसभा स्थापित करने का गौरव हासिल है. अगस्त 2014 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार के समय हिमाचल में ई-विधानसभा ने काम करना शुरू किया था. विधानसभा के पेपर लेस होने पर हर साल 15 करोड़ रुपए की बचत होती है. इससे 6096 पेड़ भी कटने से बचते हैं. अब कैबिनेट होने से भी सारा काम हो जाएगा. इससे भी कागज की बचत होगी और साथ ही हिमाचल के खाते में एक नई उपलब्धि जुड़ेगी.
ये भी पढ़ें- साइबर अपराधियों का नया पैंतरा, आधार कार्ड और पैन कार्ड वेरिफिकेशन से लोगों को बना रहे ठगी शिकार