शिमलाः बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने कहा कि मनमोहन सिंह की यूपीए सरकार में जो पार्टियां शामिल थीं या फिर जिन्होंने समर्थन दिया था, उस दौरान एनडीए पार्टियों के लोगों ने इस किसान बिल को लेकर अपना समर्थन दिया था, लेकिन आज ये सभी पार्टियां कांग्रेस के साथ मिलकर इसका विरोध कर रही हैं. किसानों का अहित करने में ये सभी पार्टियां बराबर की दोषी हैं.
किसानों के हितों की बलि
सुरेश कश्यप ने कहा कि आज इन पार्टियों के नेता जनता में अपना विश्वास खो चुके हैं. ये निर्दोष किसानों के कंधे पर रखकर बंदूक चला रहे हैं. किसानों के हितों की बलि चढ़ा रहे हैं. पिछले कई सालों से हम सबने देखा है कि देश में कहीं पर भी कोई भी आंदोलन हो, अपना अस्तित्व बचाने के लिए ये लोग उसमें कूद पड़ते हैं और अराजकता फैलाने का प्रयास करते हैं.
पार्टीयाों ने बजूद बचाने के लिए सिद्धांतों को छोड़ा
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पार्टीयां अपना बजूद बचाने के लिए अपनी विचारधारा और अपने सिद्धांतों को छोड़कर तात्कालिक राजनीतिक लाभ के लिए मैदान में उतर आते हैं. किसान आंदोलन से जुड़े नेताओं ने प्रारंभ से ये कहा कि इसमें पॉलिटिकल पार्टियों को एंट्री नहीं देंगे, लेकिन आज जो हो रहा है, उससे किसान हितों को समर्पित और जीवनभर किसानों की सेवा करने वाले लोगों को भी गहरा धक्का लगा है.
कांग्रेस पार्टी ने इस बिल को घोषणा पत्र में किया था शामिल
उन्होंने कहा कि इस कृषि सुधार कानून का आज तमाम राजनीतिक पार्टियां पुरजोर विरोध कर रही हैं. विरोध में भारत बंद तक का आह्वान कर चुकी हैं. उसे लेकर इन राजनीतिक दलों के सुर पहले एकदम अलग थे. उन्होंने कहा जो कांग्रेस पार्टी आज इस बिल का सबसे मुखर विरोध कर रही है और किसानों को भ्रमित कर रही है, उसी कांग्रेस पार्टी ने इस बिल को 2019 के अपने घोषणापत्र में शामिल किया था. इसे उनके घोषणा पत्र में देखा जा सकता है.
सुरेश कश्यप ने कहा कि आज जब बीजेपी सरकार ने ऐसा कर दिया तो किसानों को भड़काने में राहुल गांधी ही सबसे आगे हैं. आप ये जानकर भी हैरान हो जाएंगे कि 2014 में दिल्ली में शीला दीक्षित सरकार के जाने के पीछे कांग्रेस ने सब्जियों और फलों के लिए कृषि बाजार सुधार में कमी को जिम्मेदार बताया था.
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