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स्विट्जरलैंड के बाद अन्य देश भी चखेंगे Himachali Apple Juice, पराला में चालू होगा वर्ल्ड क्लास जूस प्लांट - Apple production in Himachal

हिमाचल प्रदेश में सबसे अधिक सेब उगाने (Apple production in Himachal) वाले जिला शिमला के पराला इलाके में विश्व स्तरीय एप्पल जूस प्लांट इस सेब सीजन में उत्पादन शुरू कर देगा. यहां एक (Apple Juice Plant will start in Parala) सीजन में 20 मीट्रिक टन से अधिक एप्पल जूस तैयार किया जाएगा. खास बात यह है कि इस प्लांट में ऐसी मशीनरी लगाई गई है जो एक साथ एप्पल जूस, एप्पल विनेगर यानी सेब का सिरका और एप्पल वाइन तैयार करेगी. प्रदेश में 15 जून के बाद एप्पल सीजन शुरू होता है. लो बेल्ट का सेब मार्केट में आ जाता है, इसलिए निगम भी इस प्लांट को जल्दी चलाने की तैयारी में है.

Himachali Apple Juice
हिमाचली सेब का जूस
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Published : May 24, 2022, 7:45 PM IST

शिमला: देश की एप्पल स्टेट हिमाचल प्रदेश के लाल रसीले सेब दुनिया भर की पसंद बन रहे हैं. अपने विशिष्ट गुणों के कारण हिमाचल के सेब का जूस देश-दुनिया में पहचान बना चुका है. इस समय स्विट्जरलैंड और जापान हिमाचल प्रदेश से एप्पल जूस कंसंट्रेट खरीद रहे हैं. इस कड़ी में अब और भी देश शामिल होंगे. कारण यह है कि हिमाचल प्रदेश में सबसे अधिक सेब उगाने वाले जिला शिमला के पराला इलाके में विश्व स्तरीय एप्पल जूस प्लांट (Apple Juice Plant will start in Parala) इस सेब सीजन में उत्पादन शुरू कर देगा. यहां एक सीजन में 20 मीट्रिक टन से अधिक एप्पल जूस तैयार किया जाएगा.

खास बात यह है कि इस प्लांट में ऐसी मशीनरी लगाई गई है जो एक साथ एप्पल जूस, एप्पल विनेगर यानी सेब का सिरका और एप्पल वाइन तैयार करेगी. इस प्लांट के फंक्शनल होने के बाद हिमाचल की फ्रूट इंडस्ट्री में एक नया अध्याय आरंभ होगा. अभी स्विट्जरलैंड हिमाचल से 100 मीट्रिक टन एप्पल कंसंट्रेट खरीदता है. जापान ने भी हिमाचल से ट्रायल के तौर पर एप्पल कंसंट्रेट खरीदा था. उसके बाद जापान ने भी हिमाचल को एक बड़ा ऑर्डर दिया था. देश के बड़े शहरों और कंपनियों में भी हिमाचल के जूस व सेब से तैयार अन्य उत्पाद खरीदते हैं. पराला में अत्याधुनिक प्लांट स्थापित होने के बाद दुनिया के अन्य देशों को भी हिमाचल के जूस का स्वाद चखाया जाएगा. बागवानी विभाग ने इसके लिए प्रारंभिक योजना तैयार कर ली है.

इससे पहले कि पराला फ्रूट कंसंट्रेट प्लांट (Apple Juice Plant will start in Parala) की बात करें, हिमाचल के परवाणू प्लांट के बारे में जानना जरूरी है. हिमाचल में बागवानी विभाग के तहत यह गतिविधियां हिमाचल प्रदेश हॉर्टिकल्चर प्रोड्यूस एंड मार्केटिंग को-ऑपरेशन यानी एचपीएमसी के बैनर तले चलती हैं. हिमाचल में परवाणू में स्थापित एप्पल जूस प्लांट के बाद शिमला जिला के पराला में बड़ा प्लांट लगाया गया है. इसके शुरू होने के बाद हिमाचल के बागवानों को कई तरह के लाभ होंगे. उल्लेखनीय है कि परवाणू में 2019 से 2021 तक 2326 मीट्रिक टन से अधिक एप्पल जूस कंसंट्रेट तैयार किया गया. इस दौरान 28 हजार 817 मीट्रिक टन सेब से कंसंट्रेट बनाया गया. परवाणू प्लांट को भी आधुनिक बनाने के लिए टेंडर हो चुके हैं.

परवाणू प्लांट से (Himachal Apple Juice) बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड हरिद्वार को 57325 लीटर एप्पल कंसंट्रेट बेचा गया. इससे एचपीएमसी ने 69 लाख से अधिक की कमाई की. वर्ष 2019 में पतंजलि को 121 रुपए लीटर के हिसाब से एप्पल जूस कंसंट्रेट बेचा गया. परवाणू प्लांट से पंजाब के लुधियाना, बिहार के कोसी, हरियाणा के पंचकुला सहित कश्मीर की एचआईएल इंडिया कंपनी को एप्पल जूस कंसंट्रेट बेचा जाता है. इसके अलावा गाजियाबाद, बैंगलोर, कुरुक्षेत्र, संगरूर, चंडीगढ़, देहरादून, पुणे में भी कंपनियां एचपीएमसी का एप्पल जूस कंसंट्रेट खरीदती हैं. वर्ष 2019 में सवा तीन करोड़ रुपए का एप्पल जूस कंसंट्रेट बेचा गया. हर साल करोड़ों रुपए का एप्पल जूस कंसंट्रेट बेचा जाता है. परवाणू प्लांट की क्षमता 18 हजार मीट्रिक टन सालाना है.

इस सेब सीजन में पराला का अत्याधुनिक प्लांट काम करना शुरू कर देगा. 90 करोड़ रुपए से अधिक की लागत वाले इस प्लान में एप्पल जूस व एप्पल कंसंट्रेट के साथ अन्य उत्पाद भी तैयार होंगे. यह देश का पहला ऐसा प्लान होगा जहां एक साथ एक से अधिक प्रोडक्ट तैयार किए जाएंगे. इस प्लांट को तैयार करने के लिए मशीनरी स्विट्जरलैंड से मंगवाई गई है. इस प्लांट में मशीनें इंस्टॉल करने का काम भी स्विट्जरलैंड के इंजीनियर्स ने ही किया है. बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर के अनुसार पराला प्लांट में हर दिन 200 मीट्रिक टन सेब क्रश किया जाएगा. इससे रोजाना 20 एमटी एप्पल जूस तैयार होगा.

प्रदेश में 15 जून के बाद एप्पल सीजन शुरू होता है. लो बेल्ट का सेब मार्केट में आ जाता है, इसलिए निगम भी इस प्लांट को जल्दी चलाने की तैयारी में है. एचपीएमसी के महाप्रबंधक हितेश आजाद के अनुसार पराला प्लांट में 15 जुलाई से परीक्षण आरंभ कर दिया जाएगा. हिमाचल में एचपीएमसी के पास इस समय दो आधुनिक फ्रूट प्रोसेसिंग प्लांट हैं. इसके अलावा एक प्रोसेसिंग यूनिट लीज पर ली गई है. परवाणू में 18 हजार मीट्रिक टन एप्पल जूस तैयार किया जाता है. वहीं सुंदरनगर के जड़ोल में 2000 मीट्रिक टन उत्पादन होता है. लीज पर लिए गए सोलन के जाबली प्लांट में 1000 मीट्रिक टन एप्पल क्रशिंग कैपेसिटी है.

एचपीएमसी के जूस पैकिंग टेट्रा पैक के (Himachal Apple Juice) तौर पर मार्केट में उपलब्ध है. परवाणू प्लांट में 12 लाख टेट्रा पैक जूस ट्रे सालाना तैयार की जाती है. एचपीएमसी ने साढ़े 11 हजार मीट्रिक टन की जूस स्टोर कैपेसिटी दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और परवाणू में टर्मिनल मार्केट्स में तैयार की है. बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर के अनुसार फ्रूट प्रोसेसिंग के क्षेत्र में हिमाचल बेहतर काम कर रहा है. एचपीएमसी के उत्पाद देश में लगभग हर राज्य में जा रहे हैं. इसके साथ ही विदेशों में भी एचपीएमसी के प्रोडक्ट्स की मांग बढ़ रही है. आने वाले समय में एचपीएमसी दुनिया के कई देशों में एचपीएमसी के उत्पाद पहुंचाएगी.

शिमला: देश की एप्पल स्टेट हिमाचल प्रदेश के लाल रसीले सेब दुनिया भर की पसंद बन रहे हैं. अपने विशिष्ट गुणों के कारण हिमाचल के सेब का जूस देश-दुनिया में पहचान बना चुका है. इस समय स्विट्जरलैंड और जापान हिमाचल प्रदेश से एप्पल जूस कंसंट्रेट खरीद रहे हैं. इस कड़ी में अब और भी देश शामिल होंगे. कारण यह है कि हिमाचल प्रदेश में सबसे अधिक सेब उगाने वाले जिला शिमला के पराला इलाके में विश्व स्तरीय एप्पल जूस प्लांट (Apple Juice Plant will start in Parala) इस सेब सीजन में उत्पादन शुरू कर देगा. यहां एक सीजन में 20 मीट्रिक टन से अधिक एप्पल जूस तैयार किया जाएगा.

खास बात यह है कि इस प्लांट में ऐसी मशीनरी लगाई गई है जो एक साथ एप्पल जूस, एप्पल विनेगर यानी सेब का सिरका और एप्पल वाइन तैयार करेगी. इस प्लांट के फंक्शनल होने के बाद हिमाचल की फ्रूट इंडस्ट्री में एक नया अध्याय आरंभ होगा. अभी स्विट्जरलैंड हिमाचल से 100 मीट्रिक टन एप्पल कंसंट्रेट खरीदता है. जापान ने भी हिमाचल से ट्रायल के तौर पर एप्पल कंसंट्रेट खरीदा था. उसके बाद जापान ने भी हिमाचल को एक बड़ा ऑर्डर दिया था. देश के बड़े शहरों और कंपनियों में भी हिमाचल के जूस व सेब से तैयार अन्य उत्पाद खरीदते हैं. पराला में अत्याधुनिक प्लांट स्थापित होने के बाद दुनिया के अन्य देशों को भी हिमाचल के जूस का स्वाद चखाया जाएगा. बागवानी विभाग ने इसके लिए प्रारंभिक योजना तैयार कर ली है.

इससे पहले कि पराला फ्रूट कंसंट्रेट प्लांट (Apple Juice Plant will start in Parala) की बात करें, हिमाचल के परवाणू प्लांट के बारे में जानना जरूरी है. हिमाचल में बागवानी विभाग के तहत यह गतिविधियां हिमाचल प्रदेश हॉर्टिकल्चर प्रोड्यूस एंड मार्केटिंग को-ऑपरेशन यानी एचपीएमसी के बैनर तले चलती हैं. हिमाचल में परवाणू में स्थापित एप्पल जूस प्लांट के बाद शिमला जिला के पराला में बड़ा प्लांट लगाया गया है. इसके शुरू होने के बाद हिमाचल के बागवानों को कई तरह के लाभ होंगे. उल्लेखनीय है कि परवाणू में 2019 से 2021 तक 2326 मीट्रिक टन से अधिक एप्पल जूस कंसंट्रेट तैयार किया गया. इस दौरान 28 हजार 817 मीट्रिक टन सेब से कंसंट्रेट बनाया गया. परवाणू प्लांट को भी आधुनिक बनाने के लिए टेंडर हो चुके हैं.

परवाणू प्लांट से (Himachal Apple Juice) बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड हरिद्वार को 57325 लीटर एप्पल कंसंट्रेट बेचा गया. इससे एचपीएमसी ने 69 लाख से अधिक की कमाई की. वर्ष 2019 में पतंजलि को 121 रुपए लीटर के हिसाब से एप्पल जूस कंसंट्रेट बेचा गया. परवाणू प्लांट से पंजाब के लुधियाना, बिहार के कोसी, हरियाणा के पंचकुला सहित कश्मीर की एचआईएल इंडिया कंपनी को एप्पल जूस कंसंट्रेट बेचा जाता है. इसके अलावा गाजियाबाद, बैंगलोर, कुरुक्षेत्र, संगरूर, चंडीगढ़, देहरादून, पुणे में भी कंपनियां एचपीएमसी का एप्पल जूस कंसंट्रेट खरीदती हैं. वर्ष 2019 में सवा तीन करोड़ रुपए का एप्पल जूस कंसंट्रेट बेचा गया. हर साल करोड़ों रुपए का एप्पल जूस कंसंट्रेट बेचा जाता है. परवाणू प्लांट की क्षमता 18 हजार मीट्रिक टन सालाना है.

इस सेब सीजन में पराला का अत्याधुनिक प्लांट काम करना शुरू कर देगा. 90 करोड़ रुपए से अधिक की लागत वाले इस प्लान में एप्पल जूस व एप्पल कंसंट्रेट के साथ अन्य उत्पाद भी तैयार होंगे. यह देश का पहला ऐसा प्लान होगा जहां एक साथ एक से अधिक प्रोडक्ट तैयार किए जाएंगे. इस प्लांट को तैयार करने के लिए मशीनरी स्विट्जरलैंड से मंगवाई गई है. इस प्लांट में मशीनें इंस्टॉल करने का काम भी स्विट्जरलैंड के इंजीनियर्स ने ही किया है. बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर के अनुसार पराला प्लांट में हर दिन 200 मीट्रिक टन सेब क्रश किया जाएगा. इससे रोजाना 20 एमटी एप्पल जूस तैयार होगा.

प्रदेश में 15 जून के बाद एप्पल सीजन शुरू होता है. लो बेल्ट का सेब मार्केट में आ जाता है, इसलिए निगम भी इस प्लांट को जल्दी चलाने की तैयारी में है. एचपीएमसी के महाप्रबंधक हितेश आजाद के अनुसार पराला प्लांट में 15 जुलाई से परीक्षण आरंभ कर दिया जाएगा. हिमाचल में एचपीएमसी के पास इस समय दो आधुनिक फ्रूट प्रोसेसिंग प्लांट हैं. इसके अलावा एक प्रोसेसिंग यूनिट लीज पर ली गई है. परवाणू में 18 हजार मीट्रिक टन एप्पल जूस तैयार किया जाता है. वहीं सुंदरनगर के जड़ोल में 2000 मीट्रिक टन उत्पादन होता है. लीज पर लिए गए सोलन के जाबली प्लांट में 1000 मीट्रिक टन एप्पल क्रशिंग कैपेसिटी है.

एचपीएमसी के जूस पैकिंग टेट्रा पैक के (Himachal Apple Juice) तौर पर मार्केट में उपलब्ध है. परवाणू प्लांट में 12 लाख टेट्रा पैक जूस ट्रे सालाना तैयार की जाती है. एचपीएमसी ने साढ़े 11 हजार मीट्रिक टन की जूस स्टोर कैपेसिटी दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और परवाणू में टर्मिनल मार्केट्स में तैयार की है. बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर के अनुसार फ्रूट प्रोसेसिंग के क्षेत्र में हिमाचल बेहतर काम कर रहा है. एचपीएमसी के उत्पाद देश में लगभग हर राज्य में जा रहे हैं. इसके साथ ही विदेशों में भी एचपीएमसी के प्रोडक्ट्स की मांग बढ़ रही है. आने वाले समय में एचपीएमसी दुनिया के कई देशों में एचपीएमसी के उत्पाद पहुंचाएगी.

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