शिमला: लंपी वायरस से पशुओं की मौत के कारण बड़ा नुकसान झेल चुके किसानों को सरकार से मिलने वाली राहत के अभी और इंतजार करना पड़ सकता है. प्रदेश में लंपी वायरस (Lumpy Virus in Himachal) से अब तक 4 हजार 567 पशुओं की मौत हो चुकी है. वहीं 83,790 पशु अब तक इस बीमारी का शिकार हो चुके हैं. जबकि ऐसे पशुओं की संख्या भी काफी अधिक होने की आशंका जताई जा रही है. जिनको उपचार नहीं मिल सका है और न ही उनकी मौत का कारण सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज हैं. लेकिन पशुपालन मंत्री वीरेंद्र कंवर (Virendra Kanwar on Lumpy Virus in Himachal) का कहना है कि लंपी नियंत्रण में है.
वीरेंद्र कंवर का कहना है कि लंपी वायरस को रोकने के लिए प्रदेश सरकार ने पहले दिन से जरूरी कदम उठाए हैं. उन्होंने कहा कि अब तक 2 लाख 26 हजार 351 पशुओं का टीकाकरण हो चुका है. उन्होंने कहा कि राज्य में 24 लाख 638 संवेदनशील पशुओं की संख्या (Animals infected with lumpi virus in hhimachal) हैं. इनमें लंपी से प्रभावित पशुओं की संख्या 83 हजार 790 है. मंत्री ने कहा कि अब तक 41 हजार 776 पशुधन को बचाया गया है. जबकि लंपी रोग से चार हजार 567 पशुओं की मौत हुई है. वर्तमान में 37 हजार 447 पशु बीमार हैं. वहीं, हिमाचल में पशु संक्रमण दर 10 से 20 प्रतिशत और मृत्यु दर 1 से 5 प्रतिशत तक है.
महामारी पर राजनीति न करे विपक्ष: पशुओं में फैले लंपी रोग पर सवाल खड़े करने वाले नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री को पशुपालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कड़ा जवाब दिया है. शिमला में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कोरोना काल में इंसानों की मौत के बाद अब मुकेश अग्निहोत्री पशुओं की मौत पर भी राजनीति कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि वर्ष 2020 में जब पूरी दुनिया में कोरोना महामारी फैली थी तब भी कांग्रेस ने राजनीति ही की थी. वीरेंद्र कंवर ने कहा कि पशुधन में फैले वायरस पर राजनीति कर मुकेश अग्निहोत्री को वोट की चिंता हो रही है. उन्होंने कहा कि मुकेश अग्निहोत्री की ऐसी मानसिकता से जाहिर है कि उन्हें सिर्फ वोट की चिंता सताने लगी है.
सरकार कर रही हर संभव प्रयास: वीरेंद्र कंवर ने कहा कि 22 जून को लंपी रोग का पहला मामला शिमला के चायली में आया था और 29 जून को इसकी पुष्टि हुई. प्रदेश सरकार ने पशुधन को बचाने के लिए पहले दिन से ही हर संभव प्रयास किए. पहली जुलाई को विभाग के सभी अधिकारियों को लंपी रोग के बारे दिशा-निर्देश जारी किए गए. उसके बाद 16 अगस्त को परे प्रदेश में इस रोग की अधिसूचना जारी की गई.
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