शिमलाः हिमाचल प्रदेश में सरकारी स्तर पर सबसे बड़े महकमे शिक्षा विभाग से जुड़ा एक अहम फैसला हुआ है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की बजट घोषणा के अनुसार सरकार ने शिक्षकों के विभिन्न वर्गों के पेंडिंग मसले सुलझाने के लिए कमेटी बनाने का फैसला लिया गया है. ऐसा प्रस्तावित है कि ये कमेटी मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनाई जाएगी.
हिमाचल में शिक्षकों के कई वर्ग हैं. पीटीए, पीएटी, जेबीटी, टीजीटी, वोकेशनल टीचर्स, शास्त्री, कला अध्यापक, एसएमसी, अनुबंध शिक्षक आदि. इन वर्गों की अलग-अलग मांगे हैं. इनसे जुड़े शिक्षक संगठन समय-समय पर सरकार को ज्ञापन के जरिए अपनी मांगों से अवगत करवाते रहते हैं. बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री कार्यालय में ऐसे ज्ञापनों की संख्या चालीस से अधिक हैं.
शिक्षक की समस्या का हाई पावर कमेटी करेगी समाधान
इन ज्ञापनों में शिक्षक संगठनों ने अपने वर्ग की मुख्य मांगों को रखा है. ऐसे में सरकार के पास यही रास्ता है कि हाई पावर कमेटी बनाकर कोई हल निकाला जाए. उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अपने बजट भाषण में ये भरोसा दिलाया था कि शिक्षकों की मांगों पर विचार किया जाएगा.
अनिल खाची की अगुवाई में बनेगी कमेटी
इसके बाद शिक्षा विभाग के सचिव राजीव शर्मा ने फाइल मूव की है. ऐसी संभावना जताई जा रही है कि मुख्य सचिव अनिल खाची की अगुवाई में कमेटी बनेगी और उसमें शिक्षा विभाग सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी शामिल होंगे. अभी शिक्षा सचिव राजीव शर्मा को पश्चिमी बंगाल में मतगणना ड्यूटी पर जाना है. वे मई के पहले सप्ताह में वापस आएंगे. उसके बाद ये प्रक्रिया तेज होगी.
डेपुटेशन से वापस आएंगे सीनियर आईएएस शुभाशीष पांडा
इसी बीच एक अन्य घटनाक्रम के तहत सीनियर आईएएस अधिकारी शुभाशीष पांडा हिमाचल वापस लौट रहे हैं. वे सोमवार को ड्यूटी ज्वाइन करेंगे. वे एम्स में महत्वपूर्ण पद पर थे. पांडा 1997 बैच के आईएएस अफसर हैं.
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