शिमला: हाईकोर्ट (High Court) ने सरकार से उन बच्चों की जानकारी कोर्ट (court) को देने के आदेश दिया, जिन्होंने कोरोना (corona) के कारण अपने माता-पिता में से एक को खो दिया या अनाथ हो गए. कोर्ट ने यह भी बताने का आदेश दिया कि ऐसे बच्चों की मदद या पुनर्वास के लिए राज्य सरकार ने क्या किया. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमथ (Acting Chief Justice Ravi Malimath) और न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ (Justice Jyotsna Riwal Dua) की खंडपीठ ने कोरोना महामारी से निपटने के लिए हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में अपर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाओं और बुनियादी ढांचे की कमी को उजागर करने वाली जनहित याचिका और अन्य याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया.
सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि सेब सीजन (apple season) के कारण प्रदेश में बड़ी संख्या में लेबर के प्रवेश की संभावना है. कोर्ट में कहा गया कि सेब तोड़ने का मौसम कोरोना के आगे प्रसार के लिए उत्प्रेरक के रूप में कार्य कर सकता है. इस पर सरकार की ओर से आश्वस्त किया गया कि उन जिलों में अतिरिक्त प्रयास और इनपुट लगाए जाएंगे जहां सेब की तुड़ाई होगी. न्यायालय को आश्वासन दिया गया कि उक्त उद्देश्य के लिए हिमाचल प्रदेश में प्रवेश करने वाले श्रमिकों का राज्य के उपलब्ध संसाधनों से टीकाकरण सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त सावधानी बरती जाएगी.
न्यायालय को यह भी सूचित किया गया कि तुरंत प्रभाव से सभी पर्यटकों को हिमाचल प्रदेश में प्रवेश करने की अनुमति तभी दी जाएगी जब उनके पास आरटीपीसीआर (RTPCR) परीक्षण की नेगेटिव रिपोर्ट या इस आशय का प्रमाण पत्र हो कि उन्होंने टीके का एक/दो शॉट लिया है. सरकार की ओर से कोर्ट को यह भी बताया गया कि मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखते हुए संक्रमण रोकने के लिए आने वाले दिनों में सरकार और कड़े कदम उठाएगी. मामले पर अगली सुनवाई 11 अगस्त को होगी.
ये भी पढ़ें:हिमाचल में और खोले जाएंगे गेहूं खरीदी केंद्र, धान खरीद के लिए होगी व्यवस्था: खाद्य आपूर्ति मंत्री