शिमला: ब्रिटिश हुकूमत के समय स्थापित शिमला आईस स्केटिंग रिंक के विकास को लेकर पर्यटन विभाग के पास क्या रोडमैप है, हाईकोर्ट ने इसे लेकर हलफनामा (High Court seeks roadmap for development) मांगा है. हाईकोर्ट ने पर्यटन विभाग के निदेशक को इस संदर्भ में प्रस्तावित रोडमैप पेश करने के आदेश (Himachal High Court seeks affidavit) दिए हैं. शिमला आइस स्केटिंग (Shimla Ice Skating Rink) रिंक को लेकर एक मामला हाईकोर्ट में आया है.
पिछली बार इस मामले में सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने पर्यटन विभाग को भी पार्टी बनाया था. अब इस केस की सुनवाई के दौरान अदालत के समक्ष तथ्य पेश किए गए कि 13 मार्च 2020 को अतिरिक्त मुख्य सचिव (पर्यटन और नागरिक उड्डयन) की अध्यक्षता में आइस स्केटिंग रिंक के विकास के संबंध में बैठक आयोजित की गई थी.
इस बैठक के बाद राज्य सरकार के संबंधित विभागों ने कुछ अन्य बैठकें आयोजित की. ऐसी ही एक बैठक हाल ही में हुई थी. पर्यटन विभाग ने अदालत में बैठकों को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट की. इस पर हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान व न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने
पर्यटन विभाग के निदेशक को अपने हलफनामे के साथ बैठक के मिनट्स अदालत के समक्ष रखने के निर्देश दिए.
पिछले आदेश के अनुसार शिमला नगर निगम ने भी रिपोर्ट दाखिल कर बताया है कि एचआरटीसी या बस स्टैंड प्रबंधन की सामग्री स्केटिंग रिंक में रखी गई और इसे 30 नवंबर, 2022 तक हटा दिया जाएगा. अपने पूर्व के आदेश में जिला युवा सेवा एवं खेल अधिकारी द्वारा रिंक को खाली करने के संबंध में जारी पत्र पर रोक लगाते हुए खंडपीठ ने नगर निगम शिमला को वस्तुस्थिति अदालत में रखने के निर्देश दिए थे.
अब मामले को आगे की सुनवाई के लिए 12 अक्टूबर को सूचीबद्ध किया. उल्लेखनीय है कि आइस स्केटिंग क्लब शिमला ने याचिका दाखिल कर आरोप लगाया है कि 3 सितंबर 2022 को खेल विभाग ने क्लब के सचिव को 10 दिनों के भीतर रिंक परिसर खाली करने के लिए एक पत्र जारी किया है. क्लब ने दलील दी थी कि यह पत्र समझौते के नियमों और शर्तों का उल्लंघन करता है. अब मामले की सुनवाई 12 अक्टूबर (Hearing in Shimla ice skating rink on October 12) को होगी.