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HC हाईकोर्ट ने कोरोना वायरस संक्रमण से निपटने के लिए दिए ये 7 निर्देश

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Published : Mar 19, 2020, 9:50 PM IST

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने कोरोना वायरस संक्रमण से निपटने के लिए एहतियात के तौर पर निवारण व उपचारात्मक कदम उठाते हुए अपने स्टाफ के लिए 7 निर्देश जारी किए हैं. स्टाफ के तीन बैच बनाने को कहा गया है जो एक के बाद एक 31 मार्च तक ड्यूटी पर रहेंगे. इससे न तो कोर्ट का कार्य प्रभावित होगा और न ही भीड़ बढ़ेगी.

High court issued instructions to deal with corona virus infection
हाईकोर्ट ने कोरोना वायरस संक्रमण से निपटने के दिए निर्देश

शिमलाः प्रदेश हाईकोर्ट ने कोरोना वायरस संक्रमण से निपटने के लिए एहतियात के तौर पर निवारण व उपचारात्मक कदम उठाते हुए अपने स्टाफ के लिए 7 निर्देश जारी किए हैं.

स्टाफ के तीन बैच बनाने को कहा गया है जो एक के बाद एक 31 मार्च तक ड्यूटी पर रहेंगे. इससे न तो कोर्ट का कार्य प्रभावित होगा और न ही भीड़ बढ़ेगी. उपलब्ध स्टाफ में से कम से कम दो कर्मियों का काम होगा कि वह पूरे कोर्ट कॉम्प्लेक्स को निस्संक्रामक करे और यह सुनिश्चित करे कि हर टॉयलेट में लिक्विड साबुन मौजूद हो.

टॉयलेट के हर एक नल भी निस्संक्रामक होने चाहिए. कार्यालय से घर पहुंचने पर हर कर्मी को साबुन से नहाने की सलाह भी दी गयी है. ड्राइवरों को गाड़ियों के हैंडल व स्टीयरिंग उपयोग के समय निस्संक्रामक करने को कहा गया है.

कोर्ट के सभी दरवाजों के हैंडल, कुर्सियों की बाहें, लिफ्ट के सभी बटन, स्विच, नलके और वह सभी वस्तुएं जिन्हें आगन्तुक सामान्य तौर पर छू लेते हैं उन्हें भी दिन में तीन बार सुबह 8 से 9, दोपहर 12 से 1 व शाम 3 से 4 बजे के बीच निस्संक्रामक करने को कहा गया है. उपरोक्त निस्संक्रमण का काम करने वाले सभी कर्मियों व ड्राइवरों को दस्ताने व मास्क उपलब्ध कराने के निर्देश भी जारी किए गए हैं.

ये भी पढ़ेंः कोरोना वायरस के चलते शिमला पार्किंग स्थलों को किया सेनेटाइज, लोगों को किया जा रहा जागरूक

शिमलाः प्रदेश हाईकोर्ट ने कोरोना वायरस संक्रमण से निपटने के लिए एहतियात के तौर पर निवारण व उपचारात्मक कदम उठाते हुए अपने स्टाफ के लिए 7 निर्देश जारी किए हैं.

स्टाफ के तीन बैच बनाने को कहा गया है जो एक के बाद एक 31 मार्च तक ड्यूटी पर रहेंगे. इससे न तो कोर्ट का कार्य प्रभावित होगा और न ही भीड़ बढ़ेगी. उपलब्ध स्टाफ में से कम से कम दो कर्मियों का काम होगा कि वह पूरे कोर्ट कॉम्प्लेक्स को निस्संक्रामक करे और यह सुनिश्चित करे कि हर टॉयलेट में लिक्विड साबुन मौजूद हो.

टॉयलेट के हर एक नल भी निस्संक्रामक होने चाहिए. कार्यालय से घर पहुंचने पर हर कर्मी को साबुन से नहाने की सलाह भी दी गयी है. ड्राइवरों को गाड़ियों के हैंडल व स्टीयरिंग उपयोग के समय निस्संक्रामक करने को कहा गया है.

कोर्ट के सभी दरवाजों के हैंडल, कुर्सियों की बाहें, लिफ्ट के सभी बटन, स्विच, नलके और वह सभी वस्तुएं जिन्हें आगन्तुक सामान्य तौर पर छू लेते हैं उन्हें भी दिन में तीन बार सुबह 8 से 9, दोपहर 12 से 1 व शाम 3 से 4 बजे के बीच निस्संक्रामक करने को कहा गया है. उपरोक्त निस्संक्रमण का काम करने वाले सभी कर्मियों व ड्राइवरों को दस्ताने व मास्क उपलब्ध कराने के निर्देश भी जारी किए गए हैं.

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