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निजी संस्थान ने नहीं दी छात्रों को डिग्री, विवि से मान्यता रद्द होने के बाद भी करवाया कोर्स

हैरिटेज इंस्टिट्यूट ऑफ होटल एंड टूरिज्म संस्थान से पास आउट हुए बैच के अलावा अन्य बैच के 500 के करीब छात्रों को नहीं मिल रही डिग्री. छात्रों ने सोमवार को एक साथ उपायुक्त और एसपी शिमला के पास भी अपनी शिकायत दी. उन्होंने सरकार और शिक्षा मंत्री से मांग की है कि वह इस मामले में हस्तक्षेप करें.

Heritage Institute of Hotel Management not given degrees to students
हैरिटेज इंस्टिट्यूट ऑफ होटल एंड टूरिज्म
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Published : Aug 17, 2020, 7:14 PM IST

शिमलाः हैरिटेज इंस्टिट्यूट ऑफ होटल एंड टूरिज्म संस्थान की ओर 2017 में पास आउट हुए बैच के छात्रों को अभी तक डिग्रियां ही नहीं दी गई हैं. संस्थान ने छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है. साथ ही अब छात्र अपनी डिग्री और अपने अंतिम समेस्टर के रिजल्ट के लिए दर दर भटकने को मजबूर हो गए हैं. संस्थान की ओर से डिग्री और सर्टिफिकेट न मिलने से छात्रों का भविष्य खराब हो रहा है.

छात्रों को नौकरी में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. जिन छात्रों को नौकरियां मिली थीं उन्हें भी डिग्री न होने की वजह से बाहर निकाला जा रहा हैं. यहीं, हाल 2017 के पास आउट हुए बैच के अलावा अन्य बैच के 500 के करीब छात्रों का भी है. इन छात्रों ने प्रोफेशनल कोर्स करने के लिए तीन लाख के करीब की फीस दी है. बावजूद इसके छात्रों को डिग्री के लिए भटकना पड़ रहा है.

वीडियो रिपोर्ट

वहीं, छात्रों ने संस्थान से मांग की है कि उनकी डिग्रियां जल्द सौंपी जाएं. छात्रों के लगातार दबाव बनाने के बाद संस्थान ने यह स्पष्ट किया कि छात्र कुछ भी कर लें उन्हें संस्थान उनकी डिग्रियां नहीं देगा. मजबूरी में अब छात्र कभी पुलिस थाने तो कभी निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग में शिकायतें दर्ज करवाने के लिए भटक रहे हैं. वहां से भी किसी तरह की कोई कार्रवाई न होने के बाद आज छात्र अपनी समस्या को लेकर जिला उपायुक्त और एसपी से भी गुहार लगाने के लिए पहुंचे.

इस दौरान संस्थान से पास आउट हुए छात्र अजय ने कहा कि छात्रों ने बेहतर रोजगार पाने के लिए हैरिटेज इंस्टिट्यूट और होटल एंड टूरिज्म से यह कोर्स किया. 3 लाख से अधिक की फीस भी दी, लेकिन जब डिग्री देने के बात आयी तो संस्थान ने मना कर दिया है.

पहले दो से तीन साल तक छात्रों को हफ्ते, 15 दिन का समय डिग्री का इंतजार करने के लिए दिया जाता था, लेकिन अब संस्थान उनकी कोई बात नहीं सुन रहा है. डिग्रियां देने से भी इन्कार कर रहा है. छात्रों को यह तक कहा जा रहा है कि जो करना है कर लो, लेकिन डिग्री नहीं दी जाएगी. हालांकि सोमवार को इस मामले को लेकर छात्रों ने संजौली थाने में भी शिकायत दी, लेकिन वहां भी एफआईआर दर्ज नहीं कि गई.

वहीं, निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग में दी गई शिकायत पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है. यही, वजह है कि आज छात्र एक साथ उपायुक्त और एसपी शिमला के पास भी अपनी शिकायत देने के लिए पहुंचे हैं. उन्होंने सरकार और शिक्षा मंत्री से मांग की है कि वह इस मामले में हस्तक्षेप करें. ताकि युवाओं के भविष्य को सुरक्षित कर संस्थान के फर्जीवाड़े के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जा सके.

बता दें की हैरिटेज इंस्टिट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट संस्थान को होटल मैनेजमेंट का कोर्स करवाने के लिए मान्यता मदुरई कामराज यूनिवर्सिटी से प्राप्त थी, लेकिन इस यूनिवर्सिटी ने 2017 में संस्थान से अपनी मान्यता वापस ले ली थी. यह भी एक वजह मानी जा रही है कि जब यूनिवर्सिटी ने अपनी मान्यता ही वापस ले ली है तो डिग्रियां कहां और कैसे छात्रों को दी जा सकती है. संस्थान ने इसके बावजूद भी छात्रों को गुमराह किया और नए बैच संस्थान में बैठाए. जिससे छात्रों से करोडों रुपये तो संस्थान ने ऐंठ लिए. छात्रों को उनके रिजल्ट और डिग्रियां ना दे कर उनके भविष्य को अंधकार में डाल दिया है. हालांकि, अभी संस्थान ने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से मान्यता ले ली है.

शिमलाः हैरिटेज इंस्टिट्यूट ऑफ होटल एंड टूरिज्म संस्थान की ओर 2017 में पास आउट हुए बैच के छात्रों को अभी तक डिग्रियां ही नहीं दी गई हैं. संस्थान ने छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है. साथ ही अब छात्र अपनी डिग्री और अपने अंतिम समेस्टर के रिजल्ट के लिए दर दर भटकने को मजबूर हो गए हैं. संस्थान की ओर से डिग्री और सर्टिफिकेट न मिलने से छात्रों का भविष्य खराब हो रहा है.

छात्रों को नौकरी में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. जिन छात्रों को नौकरियां मिली थीं उन्हें भी डिग्री न होने की वजह से बाहर निकाला जा रहा हैं. यहीं, हाल 2017 के पास आउट हुए बैच के अलावा अन्य बैच के 500 के करीब छात्रों का भी है. इन छात्रों ने प्रोफेशनल कोर्स करने के लिए तीन लाख के करीब की फीस दी है. बावजूद इसके छात्रों को डिग्री के लिए भटकना पड़ रहा है.

वीडियो रिपोर्ट

वहीं, छात्रों ने संस्थान से मांग की है कि उनकी डिग्रियां जल्द सौंपी जाएं. छात्रों के लगातार दबाव बनाने के बाद संस्थान ने यह स्पष्ट किया कि छात्र कुछ भी कर लें उन्हें संस्थान उनकी डिग्रियां नहीं देगा. मजबूरी में अब छात्र कभी पुलिस थाने तो कभी निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग में शिकायतें दर्ज करवाने के लिए भटक रहे हैं. वहां से भी किसी तरह की कोई कार्रवाई न होने के बाद आज छात्र अपनी समस्या को लेकर जिला उपायुक्त और एसपी से भी गुहार लगाने के लिए पहुंचे.

इस दौरान संस्थान से पास आउट हुए छात्र अजय ने कहा कि छात्रों ने बेहतर रोजगार पाने के लिए हैरिटेज इंस्टिट्यूट और होटल एंड टूरिज्म से यह कोर्स किया. 3 लाख से अधिक की फीस भी दी, लेकिन जब डिग्री देने के बात आयी तो संस्थान ने मना कर दिया है.

पहले दो से तीन साल तक छात्रों को हफ्ते, 15 दिन का समय डिग्री का इंतजार करने के लिए दिया जाता था, लेकिन अब संस्थान उनकी कोई बात नहीं सुन रहा है. डिग्रियां देने से भी इन्कार कर रहा है. छात्रों को यह तक कहा जा रहा है कि जो करना है कर लो, लेकिन डिग्री नहीं दी जाएगी. हालांकि सोमवार को इस मामले को लेकर छात्रों ने संजौली थाने में भी शिकायत दी, लेकिन वहां भी एफआईआर दर्ज नहीं कि गई.

वहीं, निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग में दी गई शिकायत पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है. यही, वजह है कि आज छात्र एक साथ उपायुक्त और एसपी शिमला के पास भी अपनी शिकायत देने के लिए पहुंचे हैं. उन्होंने सरकार और शिक्षा मंत्री से मांग की है कि वह इस मामले में हस्तक्षेप करें. ताकि युवाओं के भविष्य को सुरक्षित कर संस्थान के फर्जीवाड़े के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जा सके.

बता दें की हैरिटेज इंस्टिट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट संस्थान को होटल मैनेजमेंट का कोर्स करवाने के लिए मान्यता मदुरई कामराज यूनिवर्सिटी से प्राप्त थी, लेकिन इस यूनिवर्सिटी ने 2017 में संस्थान से अपनी मान्यता वापस ले ली थी. यह भी एक वजह मानी जा रही है कि जब यूनिवर्सिटी ने अपनी मान्यता ही वापस ले ली है तो डिग्रियां कहां और कैसे छात्रों को दी जा सकती है. संस्थान ने इसके बावजूद भी छात्रों को गुमराह किया और नए बैच संस्थान में बैठाए. जिससे छात्रों से करोडों रुपये तो संस्थान ने ऐंठ लिए. छात्रों को उनके रिजल्ट और डिग्रियां ना दे कर उनके भविष्य को अंधकार में डाल दिया है. हालांकि, अभी संस्थान ने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से मान्यता ले ली है.

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