शिमला: हर साल स्वच्छता सर्वेक्षण में पिछड़ रही पहाड़ों की रानी शिमला को साफ रखने के लिए नगर निगम हीलिंग हिमालय संस्था की मदद ले रही है ये संस्था लोगों को स्वच्छता को लेकर जागरूक करने के साथ ही घरों से कूड़ा उठाया गया या नहीं, इसके बारे में भी जानकारी लेगी. इसके लिए शहर में कॉल सेंटर स्थापित किया जा रहा है.
हजारों टन कूड़ा एकत्रित करने वाली हीलिंग हिमालय संस्था के सहयोग से नगर निगम शिमला लोगों को जागरूक करने का अभियान शुरू कर दिया है. कंपनी ने ट्रायल के आधार पर लोगों को कॉल करना शुरू कर दिया है और कॉल सेंटर में तैनात कर्मचारी हर वार्ड के लोगों को फोन कर सफाई के बारे में पूछ रहे हैं. लोगों को बताया जाएगा कि सफाई न होने की स्थिति में वे स्वच्छता ऐप पर शिकायत कर सकते हैं. इस ऐप पर शिकायत करते ही 24 घंटे में सफाई कर दी जाएगी. इसके अलावा लोगों को गीला-सूखा कचरा अलग-अलग रखने, सर्वेक्षण के दौरान नगर निगम की मदद करने, शहर को साफ-सुथरा रखने के लिए अपने सुझाव देने को लेकर भी जागरूक किया जा रहा है.
हीलिंग हिमालय संस्था के संस्थापक प्रदीप सांगवान ने कहा कि उनकी संस्था शिमला में पिछले चार सालों से काम कर रही है. अब शहर में लोगों को सफाई के प्रति जागरूक करने के लिए नगर निगम के साथ मिल कर कार्य कर रही है और लोगों को जागरूक करने के लिए कॉल सेंटर स्थापित किया जा रहा है. स्वच्छता कॉलिंग के नाम से कॉल की जा रही है. लोगों को जहां गीला-सूखा कूड़े को लेकर जागरूक किया जाएगा, वहीं स्वच्छता ऐप के बारे में भी जानकारी दी जा रही है.
इसके अलावा लोगों को स्वच्छता सर्वेक्षण में भी हिस्सा लेने को लेकर प्रेरित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इसके लिए कॉल सेंटर तैयार किया जा रहा है और ट्रायल के आधार पर कॉलिंग शुरू कर दी गई है. एक सप्ताह के बाद रिव्यू किया जाएगा. प्रदीप सांगवान ने कहा कि स्वच्छता सर्वेक्षण में लोगों के फीडबैक का बहुत बड़ा रोल रहता है. ऐसे में लोगों को सफाई के साथ-साथ सर्वेक्षण में हिस्सा लेने के लिए भी प्रेरित किया जाएगा, ताकि शिमला शहर की स्वच्छता रैंकिंग (Ranking of Shimla in cleanliness) में सुधार हो सके.
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