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मास्टर स्ट्रोक: क्या गिरिपार की जनता के खुश होने से सिरमौर की पांच सीटों में 'सिरमौर' साबित होगी भाजपा - पांच सीटों में सिरमौर साबित होगी भाजपा

BJP benefits from Hatti community: ऐन चुनाव के समय पीएम नरेंद्र मोदी की कैबिनेट (modi cabinet decisions) ने हिमाचल के सिरमौर जिला की तीन लाख आबादी को खुश कर दिया है. शिमला के सांसद रहे प्रोफेसर वीरेंद्र कश्यप से लेकर मौजूदा सांसद सुरेश कश्यप सहित शिलाई के भाजपा नेता बलदेव तोमर इस फैसले के बाद अपने-अपने तरीके से जनता के बीच जाएंगे. वहीं, हाटी समुदाय को जनजातीय का दर्जा देने के खिलाफ भी आंदोलन चल रहा था. पढ़ें पूरी खबर...

hatti community in Himachal
पीएम मोदी से मिलते हुए हाटी समुदाय के लोग.
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Published : Sep 14, 2022, 7:52 PM IST

शिमला: ऐन चुनाव के समय पीएम नरेंद्र मोदी की कैबिनेट (modi cabinet decisions) ने हिमाचल के सिरमौर जिला की तीन लाख आबादी को खुश कर दिया है. केंद्रीय कैबिनेट ने गिरिपार इलाके के हाटी समुदाय को जनजातीय का दर्जा मंजूर कर दिया है. करीब छह दशक पुरानी मांग पूरी होने से हाटी समुदाय बेशक खुश है, लेकिन लाख टके का सवाल ये है कि क्या इस फैसले से भाजपा को मिशन रिपीट में (modi cabinet decision on hatti ST) लाभ मिलेगा? जिला सिरमौर की पांच सीटों का गणित अब क्या बनेगा? हाटी समुदाय की तीन लाख की आबादी इस फैसले के बाद भाजपा को सिर माथे पर बिठा रही है.

शिमला के सांसद रहे प्रोफेसर वीरेंद्र कश्यप से लेकर मौजूदा सांसद सुरेश कश्यप सहित शिलाई के भाजपा नेता बलदेव तोमर इस फैसले के बाद अपने-अपने तरीके से जनता के बीच जाएंगे. वहीं, हाटी समुदाय को जनजातीय का दर्जा देने के खिलाफ भी आंदोलन चल रहा था. अनुसूचित जाति के लोग इसका विरोध भी कर रहे थे. भाजपा को उन्हें भी मनाना पड़ेगा. हाल ही के समय में हिमाचल प्रदेश में हाटी समुदाय ने जनजातीय दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन किया. सिरमौर सहित अन्य स्थानों पर प्रदर्शन किए गए. बड़ी बात ये थी कि इस आंदोलन में हाटी समुदाय की महिलाएं भी बड़ी संख्या में आगे आई थी. चुनाव के बहिष्कार तक का ऐलान किया गया. हाटी समुदाय की नाराजगी को लेकर भाजपा व कांग्रेस में बेचैनी नजर आई थी.

hatti community in Himachal
पीएम मोदी से मिलते हुए हाटी समुदाय के लोग.

राजनीतिक दलों से जुड़े लोग जब आंदोलन (hatti community Fighting for Tribal status) करने वाले लोगों के बीच गए तो उन्हें मंच तक नहीं आने दिया गया. हाटी समुदाय इस बार आर-पार के मूड में था. उधर, भाजपा नेता बलदेव तोमर निरंतर ये कह रहे थे कि हाटी समुदाय को चुनाव से पहले जरूर जनजातीय दर्जा दिया जाएगा. केंद्रीय हाटी समिति के लोग भी इस बार आश्वस्त थे कि उनका केस मजबूत है. आरजीआई के समक्ष रखे गए तथ्य भी अकाट्य थे. वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की तरफ से भी सकारात्मक संकेत मिले थे. कुछ ही दिन पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय ने संकेत दिया था कि अगली कैबिनेट में ये मामला आएगा. उधर, आरजीआई के पास भी हाटी समुदाय की मांग को नकारने का कोई सॉलिड तर्क नहीं था. लिहाजा, आज केंद्रीय कैबिनेट ने इस मांग पर मुहर लगा दी.

hatti community in Himachal
हाटी समुदाय की पारंपरिक वेशभूषा.

इस फैसले के बाद भाजपा को कांग्रेस पर हमला करने (Tribal status to Giripar of Sirmaur) का एक और मौका मिल गया है. भाजपा नेताओं सुरेश कश्यप, बलदेव तोमर व राजीव बिंदल सहित सुखराम चौधरी का कहना है कि कांग्रेस ने इतने समय तक शासन किया, लेकिन गिरिपार की जनता को न्याय नहीं मिला. उधर, पूर्व भाजपा सांसद वीरेंद्र कश्यप का कहना है कि उन्होंने अपने दस साल के सांसद के कार्यकाल के दौरान कई बार तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के समक्ष इस मसले को उठाया. केंद्रीय हाटी समिति के प्रमुख पदाधिकारी अमीचंद का कहना है कि आरजीआई के समक्ष सभी मापदंडों के अनुसार प्रतिवेदन दिया गया था, जिस पर कोई भी आपत्ति नहीं उठाई जा सकती थी.

hatti community in Himachal
राजनाथ सिंह से मिलते हुए प्रोफेसर वीरेंद्र कश्यप

खैर, अब सवाल ये है कि हाटी समुदाय (who is hatti community) को जनजातीय का दर्जा मिलने के सियासी मायने क्या होंगे? भाजपा को सिरमौर जिला की पांच सीटों में क्या लाभ होगा? क्या सिरमौर की सभी सीटें भाजपा की झोली में आएंगी. हाटी समुदाय का प्रभाव पांच में से चार सीटों पर है. शिलाई, पच्छाद, रेणुका व पांवटा साहिब विधानसभा में इस फैसले का असर होगा. बाकी नाहन सीट पर भी इसका लाभ भाजपा को मिलेगा. कारण ये है कि हाटी समुदाय के बहुत से लोग विभिन्न कारणों से नाहन में रहते हैं.

hatti community in Himachal
गिरिपार में सुविधाओं का अभाव. (फाइल फोटो).

ये सही है कि अनुसूचित जाति के लोग इस (BJP benefits from Hatti community) फैसले से असहज हैं, लेकिन भाजपा नेता सुरेश कश्यप का कहना है कि सभी समुदायों के लोग अपने हैं और सभी को साथ लेकर चला जाएगा. वरिष्ठ मीडिया कर्मी डॉ. रमेश सिंगटा का कहना है कि हाटी समुदाय की छह दशक पुरानी मांग पूरी हुई है. इसका लाभ जरूर भाजपा को मिलेगा. दुर्गम इलाकों का विकास होगा. केंद्र से अधिक योजनाएं व फंड मिलेगा. युवाओं को आरक्षण का लाभ हासिल होगा. कुल मिलाकर भाजपा के लिए चुनावी बेला में ये मास्टर स्ट्रोक साबित होगा.

ये भी पढ़ें- हाटी समुदाय को ST का दर्जा, नाटियों पर झूम रहे लोग, देखें वीडियो

शिमला: ऐन चुनाव के समय पीएम नरेंद्र मोदी की कैबिनेट (modi cabinet decisions) ने हिमाचल के सिरमौर जिला की तीन लाख आबादी को खुश कर दिया है. केंद्रीय कैबिनेट ने गिरिपार इलाके के हाटी समुदाय को जनजातीय का दर्जा मंजूर कर दिया है. करीब छह दशक पुरानी मांग पूरी होने से हाटी समुदाय बेशक खुश है, लेकिन लाख टके का सवाल ये है कि क्या इस फैसले से भाजपा को मिशन रिपीट में (modi cabinet decision on hatti ST) लाभ मिलेगा? जिला सिरमौर की पांच सीटों का गणित अब क्या बनेगा? हाटी समुदाय की तीन लाख की आबादी इस फैसले के बाद भाजपा को सिर माथे पर बिठा रही है.

शिमला के सांसद रहे प्रोफेसर वीरेंद्र कश्यप से लेकर मौजूदा सांसद सुरेश कश्यप सहित शिलाई के भाजपा नेता बलदेव तोमर इस फैसले के बाद अपने-अपने तरीके से जनता के बीच जाएंगे. वहीं, हाटी समुदाय को जनजातीय का दर्जा देने के खिलाफ भी आंदोलन चल रहा था. अनुसूचित जाति के लोग इसका विरोध भी कर रहे थे. भाजपा को उन्हें भी मनाना पड़ेगा. हाल ही के समय में हिमाचल प्रदेश में हाटी समुदाय ने जनजातीय दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन किया. सिरमौर सहित अन्य स्थानों पर प्रदर्शन किए गए. बड़ी बात ये थी कि इस आंदोलन में हाटी समुदाय की महिलाएं भी बड़ी संख्या में आगे आई थी. चुनाव के बहिष्कार तक का ऐलान किया गया. हाटी समुदाय की नाराजगी को लेकर भाजपा व कांग्रेस में बेचैनी नजर आई थी.

hatti community in Himachal
पीएम मोदी से मिलते हुए हाटी समुदाय के लोग.

राजनीतिक दलों से जुड़े लोग जब आंदोलन (hatti community Fighting for Tribal status) करने वाले लोगों के बीच गए तो उन्हें मंच तक नहीं आने दिया गया. हाटी समुदाय इस बार आर-पार के मूड में था. उधर, भाजपा नेता बलदेव तोमर निरंतर ये कह रहे थे कि हाटी समुदाय को चुनाव से पहले जरूर जनजातीय दर्जा दिया जाएगा. केंद्रीय हाटी समिति के लोग भी इस बार आश्वस्त थे कि उनका केस मजबूत है. आरजीआई के समक्ष रखे गए तथ्य भी अकाट्य थे. वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की तरफ से भी सकारात्मक संकेत मिले थे. कुछ ही दिन पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय ने संकेत दिया था कि अगली कैबिनेट में ये मामला आएगा. उधर, आरजीआई के पास भी हाटी समुदाय की मांग को नकारने का कोई सॉलिड तर्क नहीं था. लिहाजा, आज केंद्रीय कैबिनेट ने इस मांग पर मुहर लगा दी.

hatti community in Himachal
हाटी समुदाय की पारंपरिक वेशभूषा.

इस फैसले के बाद भाजपा को कांग्रेस पर हमला करने (Tribal status to Giripar of Sirmaur) का एक और मौका मिल गया है. भाजपा नेताओं सुरेश कश्यप, बलदेव तोमर व राजीव बिंदल सहित सुखराम चौधरी का कहना है कि कांग्रेस ने इतने समय तक शासन किया, लेकिन गिरिपार की जनता को न्याय नहीं मिला. उधर, पूर्व भाजपा सांसद वीरेंद्र कश्यप का कहना है कि उन्होंने अपने दस साल के सांसद के कार्यकाल के दौरान कई बार तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के समक्ष इस मसले को उठाया. केंद्रीय हाटी समिति के प्रमुख पदाधिकारी अमीचंद का कहना है कि आरजीआई के समक्ष सभी मापदंडों के अनुसार प्रतिवेदन दिया गया था, जिस पर कोई भी आपत्ति नहीं उठाई जा सकती थी.

hatti community in Himachal
राजनाथ सिंह से मिलते हुए प्रोफेसर वीरेंद्र कश्यप

खैर, अब सवाल ये है कि हाटी समुदाय (who is hatti community) को जनजातीय का दर्जा मिलने के सियासी मायने क्या होंगे? भाजपा को सिरमौर जिला की पांच सीटों में क्या लाभ होगा? क्या सिरमौर की सभी सीटें भाजपा की झोली में आएंगी. हाटी समुदाय का प्रभाव पांच में से चार सीटों पर है. शिलाई, पच्छाद, रेणुका व पांवटा साहिब विधानसभा में इस फैसले का असर होगा. बाकी नाहन सीट पर भी इसका लाभ भाजपा को मिलेगा. कारण ये है कि हाटी समुदाय के बहुत से लोग विभिन्न कारणों से नाहन में रहते हैं.

hatti community in Himachal
गिरिपार में सुविधाओं का अभाव. (फाइल फोटो).

ये सही है कि अनुसूचित जाति के लोग इस (BJP benefits from Hatti community) फैसले से असहज हैं, लेकिन भाजपा नेता सुरेश कश्यप का कहना है कि सभी समुदायों के लोग अपने हैं और सभी को साथ लेकर चला जाएगा. वरिष्ठ मीडिया कर्मी डॉ. रमेश सिंगटा का कहना है कि हाटी समुदाय की छह दशक पुरानी मांग पूरी हुई है. इसका लाभ जरूर भाजपा को मिलेगा. दुर्गम इलाकों का विकास होगा. केंद्र से अधिक योजनाएं व फंड मिलेगा. युवाओं को आरक्षण का लाभ हासिल होगा. कुल मिलाकर भाजपा के लिए चुनावी बेला में ये मास्टर स्ट्रोक साबित होगा.

ये भी पढ़ें- हाटी समुदाय को ST का दर्जा, नाटियों पर झूम रहे लोग, देखें वीडियो

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