शिमलाः वैसे तो बुधवार को हनुमान जयंती रही, लेकिन शास्त्रों और नक्षत्र के अनुसार मंगलवार को हनुमान जयंती के शुभ संयोग को देखते हुए जाखू मंदिर में हनुमान जयंती मनाई गई. हर साल मंदिर में हनुमान जयंती पर काफी संख्या में श्रद्धालु वीर बजरंगबली का आशीर्वाद लेने के लिए पहुंचते थे, लेकिन इस बार कोरोना की वजह से मंदिर के कपाट बंद हैं.
ऐसे में मंदिर के पुजारियों ने विधि-विधान से बजरंगबली की पूजा-अर्चना की. सुबह चार बजे मंदिर में पहले बजरंगबली का श्रृंगार किया गया और उसके बाद मंदिर में वीर हनुमान की आराधना की गई.
भगवान हनुमान को विशेष रूप से हलवा और रोट का भोग लगाया गया. हर वर्ष हनुमान जयंती पर जाखू मंदिर में सवा क्विंटल रोट का भोग और हलवे का भोग लगाया जाता है. इस बार भी यह भोग पूरे विधि-विधान से लगाया गया.
शिमला के जाखू मंदिर को हनुमान जयंती के अवसर पर विशेष रूप से सजाया जाता था. विशेष फूलों से मंदिर का श्रृंगार किया जाता था, लेकिन इस बार जब मंदिर के कपाट ही बंद थे तो साधारण तरीके से यहां हनुमान जयंती मनाई गई.
जाखू मंदिर के मुख्य पुजारी वीपी शर्मा ने बताया कि हनुमान जयंती मंगलवार, 7 अप्रैल को ही मंदिर में साधारण तरीके से मनाई गई है. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के चलते प्रशासन ने निर्देश दिए हैं कि मंदिर आगामी निर्देशों तक बंद रहेंगे. उन्होंने कहा कि हर बार मंदिर में हनुमान जयंती पर भंडारे का आयोजन किया जाता था, लेकिन इस बार प्रशासन के आदेशों के देखते हुए भंडारे का आयोजन भी नहीं किया गया है.
बता दें कि शिमला का यह जाखू मंदिर प्रसिद्ध मंदिर है और यहां प्रतिदिन भक्तों के साथ ही शिमला आने वाले पर्यटकों का तांता लगा रहता है, लेकिन इस बार कोरोना की वजह से हनुमान जयंती पर भी मंदिर पूरी तरह से वीरान रहा.
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