शिमला: गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत इन दिनों हिमाचल प्रदेश दौरे पर हैं. हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक खेती के जनक के तौर पर आचार्य देवव्रत की पहचान है. प्रदेश की राजधानी शिमला में उत्कृष्ट किसान सम्मेलन के कार्यक्रम के लिए पहुंचे आचार्य देवव्रत कार्यक्रम के बाद राजधानी शिमला के रिज मैदान पर टहलते हुए नजर आए.
इस दौरान आचार्य देवव्रत ने हिमाचल प्रदेश में राज्यपाल रहते हुए बिताए गए पलों को याद किया. इस दौरान काफी तादाद में लोग भी उनसे मिलने रिज मैदान पर पहुंच गए और आचार्य देवव्रत लोगों से मिलते हुए और बातचीत करते हुए नजर आए. आचार्य देवव्रत ने आशियाना में इस दौरान चाय पी. राज्यपाल देवव्रत ने कहा कि शिमला में बिताए हुए दिनों को याद करते हुए कहा कि जब वह यहां पर राज्यपाल थे तो उनकी गाड़ी में फावड़ा तक ले साथ रहते थे और जहां भी गंदगी मिलती थी उसे साफ करते थे और यहां रहते हुए हिमाचल के लोगों ने उन्हें काफी प्यार दिया और उन पलों को याद करते हुए आज भी रिज मैदान पर पहुंचे हैं.
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में राज्यपाल रहते हुए उन्होंने कई कार्य (Acharya Devvrat in Shimla) किए हैं, लेकिन प्राकृतिक खेती एक प्रमुख कार्य था. उन्होंने एक किसान से इसकी शुरुआत की थी, लेकिन आज प्रदेश के पौने दो लाख किसान प्राकृतिक खेती कर रहे हैं. आचार्य देवव्रत ने कहा कि सभी को प्राकृतिक और ऑर्गेनिक खेती में भी अंतर समझने की जरूरत है. यह दोनों प्रकार की खेती अलग है. ऑर्गेनिक खेती में किसान की लागत कम नहीं होती, जबकि प्राकृतिक खेती में लागत कम और लाभ ज्यादा मिलता है.
उन्होंने कहा कि एक देसी गाय पालकर किसान 25 एकड़ तक की प्राकृतिक खेती कर सकता है. इस प्राकृतिक खेती में पहले ही साल में किसानों की आय दोगुनी हो जाती है. आचार्य देवव्रत ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के किसानों की आय दोगुनी करने की योजना की भी बात की. इस दौरान आचार्य देवव्रत के साथ उनके सलाहकार रहे प्रोफेसर शशिकांत शर्मा भी मौजूद थे.