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शारदीय नवरात्र: शक्तिपीठों में मां के दर्शन से पहले जान लें जरूरी दिशा-निर्देश

हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में स्थित विश्व प्रसिद्ध शक्तिपीठ श्री ज्वालामुखी में शारदीय नवरात्र में मां ज्वाला की पवित्र ज्योतियों के दर्शन करने के लिए श्रद्धालु बाहरी राज्यों से भारी संख्या में हर साल पहुंचते हैं. शक्तिपीठ श्री ज्वालामुखी में नवरात्र के दौरान कोविड-19 नियमों की पालना के अनुसार श्रद्धालुओं को दर्शन की व्यवस्था की गई है. बिना मास्क के दर्शनों की अनुमति नहीं होगी.

शारदीय नवरात्र
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Published : Oct 7, 2021, 1:12 PM IST

Updated : Oct 7, 2021, 2:17 PM IST

शिमला:आज से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो गई है. हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है. नवरात्र के पहले दिन सुबह से ही मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी है. हालांकि इस बार पाबंदियों के बीच ही मां के दर्शन करने होंगे. श्रद्धालुओं को RT-PCR निगेटिव रिपोर्ट तथा दोनों वैक्सीन की डोज का प्रमाण दिखाना होगा, तभी उन्हें मंदिर में प्रवेश मिलेगा. अगर रैपिड एंटीजन टेस्ट की जरूरत पड़ेगी तो वह भी मौके पर ही किया जाएगा. हालांकि, नवरात्रि के दौरान इस बार भी मंदिर में नारियल और कड़ाह प्रसाद चढ़ाने पर मनाही रहेगी.

दर्शन पर्ची अनिवार्य

हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में स्थित विश्व प्रसिद्ध शक्तिपीठ श्री ज्वालामुखी में शारदीय नवरात्र में मां ज्वाला की पवित्र ज्योतियों के दर्शन करने के लिए श्रद्धालु बाहरी राज्यों से भारी संख्या में हर साल पहुंचते हैं. शक्तिपीठ श्री ज्वालामुखी में नवरात्र के दौरान कोविड-19 नियमों की पालना के अनुसार श्रद्धालुओं को दर्शन की व्यवस्था की गई है. बिना मास्क के दर्शनों की अनुमति नहीं होगी. इसके अलावा दर्शन पर्ची भी अनिवार्य की गई है. इसके साथ ही प्रदेश सरकार द्वारा जारी की गई एसओपी की पालना की जाएगी. उसके अनुसार ही नवरात्र में श्रद्धालुओं को दर्शन करवाए जाएंगे. मंदिर प्रशासन की ओर तैयारियां पूरी हो गई हैं और श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की कोई समस्या नहीं होगी.

RT-PCR निगेटिव रिपोर्ट आवश्यक

जिला ऊना स्थित मां चिंतपूर्णी मंदिर में कोविड प्रोटोकॉल के तहत दर्शन पर्ची लेना आवश्यक होगा. उसके बाद ही मंदिर परिसर में प्रवेश मिलेगा. कोविड प्रोटोकॉल के तहत मंदिर में श्रद्धालुओं को चलते-चलते दर्शन करना पड़ेगा. मंदिर परिसर में किसी को रुकने व बैठने की अनुमति नहीं होगी. मैहतपुर, आशादेवी व मरवाड़ी में बैरियर तैनात किए गए हैं, जहां श्रद्धालु अपनी कोविड वैक्सीन के दोनों डोज या रैपिड एंटीजन या आरटीपीसीआर रिपोर्ट दिखाकर ऊना जिले में प्रवेश कर सकेंगे. नवरात्र के दौरान प्रदेश सहित हरियाणा-पंजाब से बड़ी संख्या में धर्मालु मां के दर्शन करने पहुंचते हैं.

जिला बिलासपुर स्थित मां नैना देवी के दरबार में नवरात्रि के दौरान हजारों की संख्या में बाहरी राज्यों से भी श्रद्धालु पहुंचते हैं. कुछ पाबंदियों के बीच श्रद्धालुओं को यहां मां के दर्शन होंगे. श्रद्धालु हवन कुंड में आहुतियां तो डाल सकेंगे, लेकिन यहां पर बैठकर हवन करने पर मनाही होगी. इसके अलावा पुजारियों द्वारा श्रद्धालुओं को हाथ में जो धागा बांधा जाता है, उस पर भी प्रतिबंध रहेगा. श्री नयना देवी मंदिर में प्रसाद चढ़ाने पर मनाही रहेगी. हाथ में डोरी बांधने, मुंडन करने, लंगर लगाने और प्रसाद चढ़ाने पर भी पूरी तरह से पाबंदी रहेगी.

नवरात्रि को लेकर प्रशासन की ओर से विभिन्न जिलों में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं. कोविड-19 महामारी के बीच एहतियात बरतते हुए इस बार भी नवरात्र मेला में 'नो मास्क नो दर्शन' नियम सख्ती से लागू होगा. मेले के दृष्टिगत सभी विभागों विद्युत, पेयजल, चिकित्सा, परिवहन, लोक निर्माण विभाग, नगर परिषद ने तैयारियां पूर्ण कर ली है.

जरूरी दिशा-निर्देश

सरकार की ओर से जारी की गई एसओपी की पालना की जाएगी.

कोविड-19 नियमों की पालना के अनुसार दर्शन की व्यवस्था.

प्रसाद चढ़ाने पर मनाही रहेगी.

श्रद्धालु कुंड में बैठकर हवन नहीं कर पाएंगे.

प्रसाद की आहूति डाल सकेंगे.

मुंडन करने और लंगर लगाने पर पूरी तरह से पाबंदी.

मंदिर में मूर्तियों के छूने पर पाबंदी रहेगी.

मंदिर में ज्यादा देर तक रूकने की मनाही.

बिना मास्क के दर्शनों की अनुमति नहीं होगी.

मां चिंतपूर्णी मंदिर में कोविड प्रोटोकॉल के तहत दर्शन पर्ची लेना आवश्यक.

मंदिर परिसर में किसी को रुकने व बैठने की अनुमति नहीं.

आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य.

ये भी पढ़ें: शारदीय नवरात्र का पहला दिन, मां नैना देवी के दरबार में उमड़ी भक्तों की भीड़

शिमला:आज से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो गई है. हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है. नवरात्र के पहले दिन सुबह से ही मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी है. हालांकि इस बार पाबंदियों के बीच ही मां के दर्शन करने होंगे. श्रद्धालुओं को RT-PCR निगेटिव रिपोर्ट तथा दोनों वैक्सीन की डोज का प्रमाण दिखाना होगा, तभी उन्हें मंदिर में प्रवेश मिलेगा. अगर रैपिड एंटीजन टेस्ट की जरूरत पड़ेगी तो वह भी मौके पर ही किया जाएगा. हालांकि, नवरात्रि के दौरान इस बार भी मंदिर में नारियल और कड़ाह प्रसाद चढ़ाने पर मनाही रहेगी.

दर्शन पर्ची अनिवार्य

हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में स्थित विश्व प्रसिद्ध शक्तिपीठ श्री ज्वालामुखी में शारदीय नवरात्र में मां ज्वाला की पवित्र ज्योतियों के दर्शन करने के लिए श्रद्धालु बाहरी राज्यों से भारी संख्या में हर साल पहुंचते हैं. शक्तिपीठ श्री ज्वालामुखी में नवरात्र के दौरान कोविड-19 नियमों की पालना के अनुसार श्रद्धालुओं को दर्शन की व्यवस्था की गई है. बिना मास्क के दर्शनों की अनुमति नहीं होगी. इसके अलावा दर्शन पर्ची भी अनिवार्य की गई है. इसके साथ ही प्रदेश सरकार द्वारा जारी की गई एसओपी की पालना की जाएगी. उसके अनुसार ही नवरात्र में श्रद्धालुओं को दर्शन करवाए जाएंगे. मंदिर प्रशासन की ओर तैयारियां पूरी हो गई हैं और श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की कोई समस्या नहीं होगी.

RT-PCR निगेटिव रिपोर्ट आवश्यक

जिला ऊना स्थित मां चिंतपूर्णी मंदिर में कोविड प्रोटोकॉल के तहत दर्शन पर्ची लेना आवश्यक होगा. उसके बाद ही मंदिर परिसर में प्रवेश मिलेगा. कोविड प्रोटोकॉल के तहत मंदिर में श्रद्धालुओं को चलते-चलते दर्शन करना पड़ेगा. मंदिर परिसर में किसी को रुकने व बैठने की अनुमति नहीं होगी. मैहतपुर, आशादेवी व मरवाड़ी में बैरियर तैनात किए गए हैं, जहां श्रद्धालु अपनी कोविड वैक्सीन के दोनों डोज या रैपिड एंटीजन या आरटीपीसीआर रिपोर्ट दिखाकर ऊना जिले में प्रवेश कर सकेंगे. नवरात्र के दौरान प्रदेश सहित हरियाणा-पंजाब से बड़ी संख्या में धर्मालु मां के दर्शन करने पहुंचते हैं.

जिला बिलासपुर स्थित मां नैना देवी के दरबार में नवरात्रि के दौरान हजारों की संख्या में बाहरी राज्यों से भी श्रद्धालु पहुंचते हैं. कुछ पाबंदियों के बीच श्रद्धालुओं को यहां मां के दर्शन होंगे. श्रद्धालु हवन कुंड में आहुतियां तो डाल सकेंगे, लेकिन यहां पर बैठकर हवन करने पर मनाही होगी. इसके अलावा पुजारियों द्वारा श्रद्धालुओं को हाथ में जो धागा बांधा जाता है, उस पर भी प्रतिबंध रहेगा. श्री नयना देवी मंदिर में प्रसाद चढ़ाने पर मनाही रहेगी. हाथ में डोरी बांधने, मुंडन करने, लंगर लगाने और प्रसाद चढ़ाने पर भी पूरी तरह से पाबंदी रहेगी.

नवरात्रि को लेकर प्रशासन की ओर से विभिन्न जिलों में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं. कोविड-19 महामारी के बीच एहतियात बरतते हुए इस बार भी नवरात्र मेला में 'नो मास्क नो दर्शन' नियम सख्ती से लागू होगा. मेले के दृष्टिगत सभी विभागों विद्युत, पेयजल, चिकित्सा, परिवहन, लोक निर्माण विभाग, नगर परिषद ने तैयारियां पूर्ण कर ली है.

जरूरी दिशा-निर्देश

सरकार की ओर से जारी की गई एसओपी की पालना की जाएगी.

कोविड-19 नियमों की पालना के अनुसार दर्शन की व्यवस्था.

प्रसाद चढ़ाने पर मनाही रहेगी.

श्रद्धालु कुंड में बैठकर हवन नहीं कर पाएंगे.

प्रसाद की आहूति डाल सकेंगे.

मुंडन करने और लंगर लगाने पर पूरी तरह से पाबंदी.

मंदिर में मूर्तियों के छूने पर पाबंदी रहेगी.

मंदिर में ज्यादा देर तक रूकने की मनाही.

बिना मास्क के दर्शनों की अनुमति नहीं होगी.

मां चिंतपूर्णी मंदिर में कोविड प्रोटोकॉल के तहत दर्शन पर्ची लेना आवश्यक.

मंदिर परिसर में किसी को रुकने व बैठने की अनुमति नहीं.

आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य.

ये भी पढ़ें: शारदीय नवरात्र का पहला दिन, मां नैना देवी के दरबार में उमड़ी भक्तों की भीड़

Last Updated : Oct 7, 2021, 2:17 PM IST
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