शिमला: जीएसटी के अन्तर्गत विभाग ने जनवरी, 2022 में 427.72 करोड़ रुपये एकत्रित किए हैं, जो कि जनवरी, 2021 में एकत्रित 346.30 करोड़ रुपये की तुलना में 24 प्रतिशत अधिक है. चालू वित्त वर्ष में जनवरी, 2022 तक संचयी जीएसटी संग्रह 3745.32 करोड़ रुपये जबकि गत वर्ष इसी अवधि के दौरान यह 2716.75 करोड़ रुपये था.
विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि जनवरी, 2022 तक संचयी जीएसटी में 38 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई है. जीएसटी राजस्व में सकारात्मक वृद्धि विभाग द्वारा रिटर्न फाइल करने वालों पर विशेष निगरानी, इन-ट्रांजिट वस्तुओं के सत्यापन में वृद्धि, विश्लेषणात्मक रिपोर्ट (GST COLLECTION IN HIMACHAL) का बेहतर उपयोग और राज्य मुख्यालय द्वारा फील्ड के अधिकारियों के प्रदर्शन की निगरानी के परिणामस्वरूप हुई है.
जीएसटीएन की बिजनेस इंटेलिजेंस टूल आधारित रिपोर्टों द्वारा राज्य और केंद्रीय कर प्रशासन को कर की चोरी करने वाले लोगों पर कार्रवाई करने में मदद मिली है, जिसके परिणामस्वरूप राजस्व में वृद्धि हुई है. विभाग जीएसटी राजस्व वृद्धि के लिए स्वैच्छिक अनुपालना बढ़ाने पर भी ध्यान केंद्रित कर रहा है.
विभाग ने हितधारकों के अनुपालन संबंधी प्रश्नों और मुद्दों के समयबद्ध निष्पादन एवं जीएसटी कानून और प्रक्रियाओं में हो रहे परिवर्तनों के बारे में उन्हें जागरूक करने के लिए हाल ही में टैक्स हाट कार्यक्रम शुरू किया है. वहीं, नवंबर 2021 में 17 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ कुल जीएसटी कलेक्शन 332.64 करोड़ रुपए रही थी.
इसके अलावा नवंबर 2020 में यह 329.64 करोड़ रुपए रही थी. पिछले वित्त वर्ष में नवंबर 2021 तक जीएसटी कलेक्शन 2815.53 करोड़ रुपए रही थी यह इससे पूर्व के वित्त वर्ष में 2023.70 करोड़ रुपए थी ऐसे में समान अवधि में एक वित्त वर्ष में जीएसटी में उस दौरान 39 फीदसी बढ़ोतरी हुई थी.
अगर जुलाई 2021 की बात करें तो जुलाई में राज्य में मासिक जीएसटी संग्रहण में 50.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है. इस माह में एकत्रित जीएसटी 473.81 करोड़ रुपये है जो जीएसटी लागू होने के बाद अब तक का सबसे अधिक जीएसटी संग्रहण है.
उन्होंने कहा कि जुलाई 2021 तक संचयी जीएसटी संग्रहण 1301.03 करोड़ रुपये हो गया है. पिछले वित्तीय वर्ष में इस अवधि के दौरान राज्य में 705.26 करोड़ संग्रहण हुए थे. प्रवक्ता ने कहा कि राज्य में बेहतर जीएसटी संग्रहण व्यापारिक गतिविधियों, करदाताओं की बेहतर निगरानी के कारण रिटर्न फाइलिंग में सुधार तथा विभाग द्वारा अधिक प्रभावी प्रवर्तन गतिविधियों के कारण सम्भव हो पाया है.
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