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हिमाचल में स्किल रजिस्टर पोर्टल शुरू, 14 हजार युवाओं ने किया पंजीकरण

राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कौशल उन्नयन पर बल देते हुए कहा कि प्रदेश के सभी जिलों में जन शिक्षण संस्थान स्थापित किए जाने चाहिए. साथ ही युवाओं के कौशल उन्नयन के साथ-साथ गुणवत्तायुक्त प्रशिक्षण पर अधिक ध्यान दिया जाना चाहिए, ताकि उन्हें बेहतर रोजगार के अवसर प्राप्त हो सकें.

Governor Bandaru Dattatreya
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय
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Published : Jul 16, 2020, 12:20 PM IST

शिमलाः सरकार ने राज्य में कोरोना महामारी के कारण बाहरी राज्यों से आए युवाओं को रोजगार देने के लिए स्किल रजिस्टर पोर्टल शुरू किया है. अभी तक इस पोर्टल में 14 हजार युवाओं के अतिरिक्त 74 नियोक्ताओं ने पंजीकरण करवाया है.

इस दौरान उद्योग मंत्री विक्रम सिंह ने कहा कि राज्य सरकार युवाओं के कौशल विकास के लिए हर संभव प्रयास कर रही है, जिसके कारण बेहतर परिणाम सामने आ रहें हैं. उन्होंने कहा कि एशियन विकास बैंक की ओर से वित्तपोषित हिमाचल प्रदेश कौशल विकास परियोजना के तहत 68 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से सोलन जिला के कंडाघाट में उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया जा रहा है. इस केंद्र के तहत युवाओं को आतिथ्य, पर्यटन, सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण दिया जाएगा.

वीडियो रिपोर्ट

राज्यपाल और उद्योग मंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सिरमौर, सोलन, कांगड़ा और ऊना जिलों के कौशल विकास निगम के विद्यार्थियों के साथ बातचीत की और छात्रों ने राज्पाल से अपने अनुभव सांझा किया.

इस अवसर पर राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कौशल उन्नयन पर बल देते हुए कहा कि प्रदेश के सभी जिलों में जन शिक्षण संस्थान स्थापित किए जाने चाहिए. साथ ही युवाओं के कौशल उन्नयन के साथ-साथ गुणवत्तायुक्त प्रशिक्षण पर अधिक ध्यान दिया जाना चाहिए, ताकि उन्हें बेहतर रोजगार के अवसर प्राप्त हो सकें.

राज्यपाल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम इस उद्देश्य को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है. उन्होंने कहा कि कौशल और तकनीक युवाओं की सोच को बदलने के लिए महत्वपूर्ण है और दोनों का ज्ञान होने से युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार की दिशा में स्थिरता दे सकता है.

पारंपारिक तरीके से काम करने से रोजगार के अवसर कम हैं. युवाओं की सोच में परिवर्तन लाकर उनके कौशल में वृद्धि होगी. उन्होंने कहा कि श्रम आधारित प्रणाली को कौशल आधारित प्रणाली में बदल सकते हैं.

राज्यपाल ने कहा कि भारत युवाओं का देश है, जहां 15 से 30 वर्ष की आयु वर्ग की आबादी में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2036 तक यह आबादी लगभग 65 प्रतिशत तक पहुंच जाएगी, जबकि अन्य देशों में यह घट रही है.

उन्होंने कहा कि जनसांख्यिकीय लाभांश पूरी तरह से केवल तभी पूरा किया जा सकेगा जब भारत अपने युवाओं को सभी तरह की गुणायुक्त शिक्षा देने में सक्षम होगा. इस दौरान उन्होंने उद्यमशीलता को बढ़ावा देने पर बल दिया. कौशल के माध्यम से युवा अपना व्यवसाय शुरू कर सकते हैं तभी वे दूसरों को भी रोजगार दे सकेंगे.

इसके अलावा दत्तात्रेय ने संबंधित विभागों को समन्वय स्थापित कर कौशल प्रशिक्षण देने को कहा. उन्होंने कहा कि गरीब कल्याण रोजगार अभियान के माध्यम से कर्मियों को ग्रामीण स्तर पर रोजगार दिया जा सकता है. उन्होंने कौशल और रोजगार के बीच के अन्तर को कम करने पर बल दिया.

राज्यपाल ने प्रदेश में स्थापित आईटीआई की शिक्षा गुणवत्ता पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि वे कौशल विकास में बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्होंने स्कूली स्तर पर कौशल शिक्षा की वकालत की और कहा कि यह शिक्षा 9वीं और बारहवीं श्रेणियों के लिए दो स्तरों पर दी जा सकती है. साथ ही अन्य दो चरण जमीनी स्तर पर किए जाने चाहिए. जिस पर राज्यपाल ने प्रसन्नता व्यक्त की.

बता दें कि प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना दो के अन्तर्गत अब तक प्रदेश के 16000 युवाओं को 22 विभिन्न क्षेत्रों में प्रशिक्षण के लिए पंजीकृत किया गया है. साथ ही 9000 से ज्यादा युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा चुका है.

ये भी पढ़ेंः सोलन में 17.97 ग्राम चिट्टे के साथ दो युवक गिरफ्तार

शिमलाः सरकार ने राज्य में कोरोना महामारी के कारण बाहरी राज्यों से आए युवाओं को रोजगार देने के लिए स्किल रजिस्टर पोर्टल शुरू किया है. अभी तक इस पोर्टल में 14 हजार युवाओं के अतिरिक्त 74 नियोक्ताओं ने पंजीकरण करवाया है.

इस दौरान उद्योग मंत्री विक्रम सिंह ने कहा कि राज्य सरकार युवाओं के कौशल विकास के लिए हर संभव प्रयास कर रही है, जिसके कारण बेहतर परिणाम सामने आ रहें हैं. उन्होंने कहा कि एशियन विकास बैंक की ओर से वित्तपोषित हिमाचल प्रदेश कौशल विकास परियोजना के तहत 68 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से सोलन जिला के कंडाघाट में उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया जा रहा है. इस केंद्र के तहत युवाओं को आतिथ्य, पर्यटन, सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण दिया जाएगा.

वीडियो रिपोर्ट

राज्यपाल और उद्योग मंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सिरमौर, सोलन, कांगड़ा और ऊना जिलों के कौशल विकास निगम के विद्यार्थियों के साथ बातचीत की और छात्रों ने राज्पाल से अपने अनुभव सांझा किया.

इस अवसर पर राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कौशल उन्नयन पर बल देते हुए कहा कि प्रदेश के सभी जिलों में जन शिक्षण संस्थान स्थापित किए जाने चाहिए. साथ ही युवाओं के कौशल उन्नयन के साथ-साथ गुणवत्तायुक्त प्रशिक्षण पर अधिक ध्यान दिया जाना चाहिए, ताकि उन्हें बेहतर रोजगार के अवसर प्राप्त हो सकें.

राज्यपाल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम इस उद्देश्य को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है. उन्होंने कहा कि कौशल और तकनीक युवाओं की सोच को बदलने के लिए महत्वपूर्ण है और दोनों का ज्ञान होने से युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार की दिशा में स्थिरता दे सकता है.

पारंपारिक तरीके से काम करने से रोजगार के अवसर कम हैं. युवाओं की सोच में परिवर्तन लाकर उनके कौशल में वृद्धि होगी. उन्होंने कहा कि श्रम आधारित प्रणाली को कौशल आधारित प्रणाली में बदल सकते हैं.

राज्यपाल ने कहा कि भारत युवाओं का देश है, जहां 15 से 30 वर्ष की आयु वर्ग की आबादी में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2036 तक यह आबादी लगभग 65 प्रतिशत तक पहुंच जाएगी, जबकि अन्य देशों में यह घट रही है.

उन्होंने कहा कि जनसांख्यिकीय लाभांश पूरी तरह से केवल तभी पूरा किया जा सकेगा जब भारत अपने युवाओं को सभी तरह की गुणायुक्त शिक्षा देने में सक्षम होगा. इस दौरान उन्होंने उद्यमशीलता को बढ़ावा देने पर बल दिया. कौशल के माध्यम से युवा अपना व्यवसाय शुरू कर सकते हैं तभी वे दूसरों को भी रोजगार दे सकेंगे.

इसके अलावा दत्तात्रेय ने संबंधित विभागों को समन्वय स्थापित कर कौशल प्रशिक्षण देने को कहा. उन्होंने कहा कि गरीब कल्याण रोजगार अभियान के माध्यम से कर्मियों को ग्रामीण स्तर पर रोजगार दिया जा सकता है. उन्होंने कौशल और रोजगार के बीच के अन्तर को कम करने पर बल दिया.

राज्यपाल ने प्रदेश में स्थापित आईटीआई की शिक्षा गुणवत्ता पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि वे कौशल विकास में बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्होंने स्कूली स्तर पर कौशल शिक्षा की वकालत की और कहा कि यह शिक्षा 9वीं और बारहवीं श्रेणियों के लिए दो स्तरों पर दी जा सकती है. साथ ही अन्य दो चरण जमीनी स्तर पर किए जाने चाहिए. जिस पर राज्यपाल ने प्रसन्नता व्यक्त की.

बता दें कि प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना दो के अन्तर्गत अब तक प्रदेश के 16000 युवाओं को 22 विभिन्न क्षेत्रों में प्रशिक्षण के लिए पंजीकृत किया गया है. साथ ही 9000 से ज्यादा युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा चुका है.

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