ETV Bharat / city

शिमलाः राज्यपाल का पुलिस विभाग में अलग साइबर अपराध विभाग स्थापित करने पर जोर - हिमाचल राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय न्यूज

प्रदेश के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने महिलाओं और बच्चों के प्रति अपराध विषय को लेकर हुई समीक्षा बैठक के दौरान कहा कि बढ़ते साइबर अपराध को लेकर इन मामलों की जांच के लिए पुलिस विभाग में अलग साइबर अपराध विभाग स्थापित किया जाना चाहिए.

Bandaru Dattatreya on cyber crime
Bandaru Dattatreya on cyber crime
author img

By

Published : Oct 29, 2020, 9:35 PM IST

शिमलाः हिमाचल के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने ‘महिलाओं और बच्चों के प्रति अपराध’ विषय को लेकर गुरुवार को राजभवन में समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की. इस दौरान राज्यपाल ने शहरी क्षेत्रों में सीसीटीवी कैमरे स्थापित करने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि बढ़ते साइबर अपराध को लेकर इन मामलों की जांच के लिए पुलिस विभाग में अलग साइबर अपराध विभाग स्थापित किया जाना चाहिए.

राज्यपाल ने महिलाओं और बच्चों से जुड़े अपराध के मामले में प्रदेश के आंकड़ों पर संतोष व्यक्त करते हुए पुलिस विभाग के प्रयासों की सराहना की. उन्होंने कहा कि विभाग ने ऐसे अनेक प्रयास किए हैं जो इन अपराधों को रोकने में कारगर सिद्ध हुए हैं. उन्होंने पुलिस महानिदेशक की सराहना की कि एक अगस्त से प्रदेश के सभी पुलिस थानों में महिलाओं और बच्चों के प्रति अपराधियों के लिए 26 नम्बर रजिस्टर जारी किया है. ऐसा करने वाला हिमाचल देश का पहला राज्य है और दूसरे राज्य इसका अनुसरण कर रहे हैं. उन्होंने इस नई पहल के लिए पुलिस महानिदेशक की प्रशंसा की.

राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि महिलाओं के प्रति अपराध एक संवेदनशील मामला है, जिसे रोकने में पुलिस की भूमिका अहम है. राहत और पुनर्वास व जागरूकता का कार्य सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग व अन्य संबंधित विभागों की जिम्मेदारी है. पुलिस को ऐसा वातावरण तैयार करना चाहिए कि अपराधी के मन में कानून का डर हो और उन्हें लगे कि वे अपराध करने के बाद बच नहीं सकते. उन्होंने कहा कि समाज का भी यह कर्तव्य है कि वह इस विषय में जागरूकता फैलाएं.

उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग में महिला अधिकारियों को प्रतिष्ठित जिम्मेदारी दी जानी चाहिए और उनकी संख्या भी बढ़नी चाहिए ताकि महिलाएं अपनी समस्याएं बेझिझक बता सकें. उन्होंने विभाग में सूचना प्रौद्योगिकी विशेषज्ञों की अलग टीम गठित करने पर भी बल दिया. उन्होंने सभी संबंधित विभागों से समन्वय के साथ कार्य करने और नियमित बैठकों के आयोजन पर जोर दिया.

इस मौके पर अतिरिक्त मुख्य सचिव निशा सिंह ने कहा कि महिलाओं के प्रति अपराध हो रहे हैं. सबसे पहले यह स्वीकार करना जरूरी है. तभी हम सक्रियता से कार्य कर सकते हैं. उन्होंने जागरूकता और साइबर अपराध पर कार्य करने पर बल दिया. उन्होंने सुझाव दिया कि शहर में ऐसे हाॅट-स्पाॅट चिन्हित किए जाने चाहिए, जहां सक्रियता ज्यादा हो.

पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध के मामले पर पुलिस प्रशासन द्वारा की जा रही कार्रवाई और विभिन्न प्रयासों से अवगत करवाया. उन्होंने कहा कि महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध के मुद्दे महत्वपूर्ण हैं और साइबर क्राईम का ग्राफ बढ़ रहा है.

उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग विवाहितों के खिलाफ उत्पीड़न, साइबर अपराध और किशोरी को अगवा करने के मामलों पर विशेष ध्यान केंद्रित कर रही है. ऐसे मामलों में न्यायालयों से भी अपराधी किसी प्रकार की राहत न पा सकते. इसके लिए ठोस प्रयास किए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त महिला साइबर हेल्पलाइन शुरू करने पर विचार कर रही है.

ये भी पढ़ें- शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर की कोरोना रिपोर्ट आई पॉजिटिव

ये भी पढ़ें- सभी वार्डों में जल्द शुरू होगी डोर-टू-डोर गार्बेज कलेक्शन योजना, नगर परिषद की तैयारी पूरी

शिमलाः हिमाचल के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने ‘महिलाओं और बच्चों के प्रति अपराध’ विषय को लेकर गुरुवार को राजभवन में समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की. इस दौरान राज्यपाल ने शहरी क्षेत्रों में सीसीटीवी कैमरे स्थापित करने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि बढ़ते साइबर अपराध को लेकर इन मामलों की जांच के लिए पुलिस विभाग में अलग साइबर अपराध विभाग स्थापित किया जाना चाहिए.

राज्यपाल ने महिलाओं और बच्चों से जुड़े अपराध के मामले में प्रदेश के आंकड़ों पर संतोष व्यक्त करते हुए पुलिस विभाग के प्रयासों की सराहना की. उन्होंने कहा कि विभाग ने ऐसे अनेक प्रयास किए हैं जो इन अपराधों को रोकने में कारगर सिद्ध हुए हैं. उन्होंने पुलिस महानिदेशक की सराहना की कि एक अगस्त से प्रदेश के सभी पुलिस थानों में महिलाओं और बच्चों के प्रति अपराधियों के लिए 26 नम्बर रजिस्टर जारी किया है. ऐसा करने वाला हिमाचल देश का पहला राज्य है और दूसरे राज्य इसका अनुसरण कर रहे हैं. उन्होंने इस नई पहल के लिए पुलिस महानिदेशक की प्रशंसा की.

राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि महिलाओं के प्रति अपराध एक संवेदनशील मामला है, जिसे रोकने में पुलिस की भूमिका अहम है. राहत और पुनर्वास व जागरूकता का कार्य सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग व अन्य संबंधित विभागों की जिम्मेदारी है. पुलिस को ऐसा वातावरण तैयार करना चाहिए कि अपराधी के मन में कानून का डर हो और उन्हें लगे कि वे अपराध करने के बाद बच नहीं सकते. उन्होंने कहा कि समाज का भी यह कर्तव्य है कि वह इस विषय में जागरूकता फैलाएं.

उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग में महिला अधिकारियों को प्रतिष्ठित जिम्मेदारी दी जानी चाहिए और उनकी संख्या भी बढ़नी चाहिए ताकि महिलाएं अपनी समस्याएं बेझिझक बता सकें. उन्होंने विभाग में सूचना प्रौद्योगिकी विशेषज्ञों की अलग टीम गठित करने पर भी बल दिया. उन्होंने सभी संबंधित विभागों से समन्वय के साथ कार्य करने और नियमित बैठकों के आयोजन पर जोर दिया.

इस मौके पर अतिरिक्त मुख्य सचिव निशा सिंह ने कहा कि महिलाओं के प्रति अपराध हो रहे हैं. सबसे पहले यह स्वीकार करना जरूरी है. तभी हम सक्रियता से कार्य कर सकते हैं. उन्होंने जागरूकता और साइबर अपराध पर कार्य करने पर बल दिया. उन्होंने सुझाव दिया कि शहर में ऐसे हाॅट-स्पाॅट चिन्हित किए जाने चाहिए, जहां सक्रियता ज्यादा हो.

पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध के मामले पर पुलिस प्रशासन द्वारा की जा रही कार्रवाई और विभिन्न प्रयासों से अवगत करवाया. उन्होंने कहा कि महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध के मुद्दे महत्वपूर्ण हैं और साइबर क्राईम का ग्राफ बढ़ रहा है.

उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग विवाहितों के खिलाफ उत्पीड़न, साइबर अपराध और किशोरी को अगवा करने के मामलों पर विशेष ध्यान केंद्रित कर रही है. ऐसे मामलों में न्यायालयों से भी अपराधी किसी प्रकार की राहत न पा सकते. इसके लिए ठोस प्रयास किए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त महिला साइबर हेल्पलाइन शुरू करने पर विचार कर रही है.

ये भी पढ़ें- शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर की कोरोना रिपोर्ट आई पॉजिटिव

ये भी पढ़ें- सभी वार्डों में जल्द शुरू होगी डोर-टू-डोर गार्बेज कलेक्शन योजना, नगर परिषद की तैयारी पूरी

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.