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अब अस्पताल में रहने को मजबूर नहीं होंगे मानसिक रोगी, सरकार करेगी ये पहल

सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग मानसिक रोग से ठीक होने के बाद भी अस्पताल में रहने के लिए मजबूर लोगों के लिए पुनर्वास केंद्रों की स्थापना करेगा.

mental patients in shimla
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Published : Nov 25, 2019, 8:56 PM IST

शिमलाः प्रदेश में मानसिक रोगों से पीड़ित व्यक्तियों की पुर्नावास के लिए प्रदेश सरकार के पास अभी तक कोई योजना नहीं है. ठीक होने के बाद रोगी को अस्पताल में रहने के लिए मजबूर होना पड़ता है. अब इस समस्या से निपटने के लिए सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग मानसिक रोग से ठीक हुए लोगों के लिए पुनर्वास केंद्रों की स्थापना करेगा.

इसके लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने बैठक का आयोजन किया. बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्य सचिव श्रीकांत बाल्दी ने कहा कि प्रदेश सरकार मानसिक रोगियों के लिए पुनर्वास केंद्रों की स्थापना के लिए धनराशि उपलब्ध करवाएगी.

मुख्य सचिव श्रीकांत बाल्दी ने कहा कि प्रदेश सरकार 'हॉफवे होमस' स्थापित करने और स्वस्थ होने के बाद फिर से रोगी इस बीमारी की चपेट में न आए, इसके लिए बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाएगी. सरकार सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग के सहयोग से प्रदेश में प्रस्तावित दो पुनर्वास केंद्रों की स्थापना करेगी.

वीडियो.

मुख्य सचिव ने कहा कि इस बीमारी से छुटकारा पाने के बाद भी लोग समाज की संकीर्ण सोच के कारण विभिन्न मानसिक अस्पतालों और संस्थानों में रहने के लिए मजबूर होते हैं, ऐसे लोगों के लिए यह प्रस्तावित 'हॉफवे होमस' उन्हें स्वस्थ वातावरण उपलब्ध करवायेंगे.

ये भी पढ़ें- 142 वर्षों के बाद वाहनों के भार से मुक्त होगा ऐतिहासिक विक्टोरिया पुल, नये पुल के उद्घाटन के लिए सीएम का इंतजार

शिमलाः प्रदेश में मानसिक रोगों से पीड़ित व्यक्तियों की पुर्नावास के लिए प्रदेश सरकार के पास अभी तक कोई योजना नहीं है. ठीक होने के बाद रोगी को अस्पताल में रहने के लिए मजबूर होना पड़ता है. अब इस समस्या से निपटने के लिए सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग मानसिक रोग से ठीक हुए लोगों के लिए पुनर्वास केंद्रों की स्थापना करेगा.

इसके लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने बैठक का आयोजन किया. बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्य सचिव श्रीकांत बाल्दी ने कहा कि प्रदेश सरकार मानसिक रोगियों के लिए पुनर्वास केंद्रों की स्थापना के लिए धनराशि उपलब्ध करवाएगी.

मुख्य सचिव श्रीकांत बाल्दी ने कहा कि प्रदेश सरकार 'हॉफवे होमस' स्थापित करने और स्वस्थ होने के बाद फिर से रोगी इस बीमारी की चपेट में न आए, इसके लिए बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाएगी. सरकार सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग के सहयोग से प्रदेश में प्रस्तावित दो पुनर्वास केंद्रों की स्थापना करेगी.

वीडियो.

मुख्य सचिव ने कहा कि इस बीमारी से छुटकारा पाने के बाद भी लोग समाज की संकीर्ण सोच के कारण विभिन्न मानसिक अस्पतालों और संस्थानों में रहने के लिए मजबूर होते हैं, ऐसे लोगों के लिए यह प्रस्तावित 'हॉफवे होमस' उन्हें स्वस्थ वातावरण उपलब्ध करवायेंगे.

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Intro:अब अस्पताल में रहने को मजबूर नहीं होंगे मानसिक रोगी

शिमला. प्रदेश में मानसिक रोगों से पीड़ित व्यक्तियों की पुर्नस्थापना के लिए प्रदेश सरकार के पास अभी तक कोई योजना नहीं है जिसके कारण इस रोग से पीड़ित रहे व्यक्तियों को बाद में भी अस्पताल में रहने के लिए मजबूर होना पड़ता है Body:मानसिक रोग से ठीक होने के बाद भी अस्पताल में रहने के लिए मजबूर लोगों के लिए पुनर्वास केंद्रों की स्थापना की जाएगी. इसके लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा बैठक का आयोजन किया गया. बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्य सचिव सचिव श्रीकांत बाल्दी ने कहा कि प्रदेश सरकार गैर सरकारी संस्थानों को इस रोग से छुटकारा दिलाने को पुनर्वास केंद्रों की स्थापना के लिए धनराशि उपलब्ध करवाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ‘हाॅफवे होमस’ स्थापित करने तथा स्वस्थ होने के बाद पुनः इस बीमारी की चपेट में न आए, इसके लिए बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाएगी। सरकार सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग द्वारा प्रदेश में प्रस्तावित दो पुनर्वास केंद्रों की स्थापना करेगी।

उन्होंने कहा कि इस बीमारी से छुटकारा पाने के बाद जो लोग समाज की संकीर्ण सोच के कारण विभिन्न मानसिक अस्पतालों और संस्थानों में रहने के लिए मजबूर होते हैं, ऐसे लोगों के लिए यह प्रस्तावित ‘हाॅफवे होमस’, उन्हें स्वस्थ वातावरण उपलब्ध करवायेंगे।

Conclusion:अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) आर.डी.धीमान, अतिरिक्त मुख्य सचिव सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग निशा सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस बैठक में मौजूद थे।
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