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हिमाचल में अवैध खनन पर लगाम लगाने की कोशिश, उद्योग विभाग ने अधिकारियों को जारी किए निर्देश - हिमाचल प्रदेश उद्योग विभाग

प्रदेश में खनन स्थलों से खनन और सामग्री की ढुलाई को व्यवस्थित करने के लिए सभी जिलों में तैनात खनन अधिकारियों द्वारा अनुपालना के लिए अतिरिक्त निर्देश जारी किए गए हैं. विभाग अनुसार इससे अवैध खनन को रोकने में मदद मिलेगी.

Instructions regarding mining in himachal
Instructions regarding mining in himachal
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Published : Feb 28, 2020, 11:35 PM IST

शिमलाः हिमाचल प्रदेश में उद्योग विभाग खनन माफियों पर नकेल कसने के लिए कड़े कदम उठाने जा रहा है. इसे लेकर प्रदेश में खनन स्थलों से खनन और सामग्री की ढुलाई को व्यवस्थित करने के लिए निर्देश जारी किए गए हैं. विभाग का कहना है कि इन निर्देशों से अवैध खनन को रोकने में मदद मिलेगी.

विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि ये सभी जिला अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे सुनिश्चत करे कि खनन पट्टाधारकों द्वारा 25 मार्च 2020 तक सभी लघु खनिजों के डम्प को खनन पट्टा स्थलों से हटा दिए जाए और उन्हें खनन पट्टा स्थल से कम से कम एक किलोमीटर की दूरी पर स्थानांतरित किया जाए.

नए डम्प की अनुमति खनन पट्टा स्थल से कम से कम एक किलोमीटर की दूरी पर ही दी जाए. डम्पिंग स्थलों पर सूचना बोर्ड लगा कर पट्टेदार का नाम, खनन पट्टे का नाम और खनन पट्टे की अवधि को दर्शाया जाना अनिवार्य होगा.

अनाधिकृत खनन करने पर होगी एफआईआर

प्रवक्ता ने कहा कि अगर खनन पट्टाधारक स्वीकृत खनन योजना के नियमों और शर्तों के उल्लंघन करता है और जेसीबी, पोकलेन आदि जैसी यांत्रिक मशीन का उपयोग करके कोई अनाधिकृत खनन या अवैज्ञानिक खनन में लिप्त पाया जाता है, तो संबंधित खनन अधिकारी तुरंत एफआईआर दर्ज करवाकर और अवैध खनन गतिविधियों को बन्द करेगा और सक्षम प्राधिकारी को खनन पट्टे को समाप्त करने के लिए मामले की सिफारिश करेगा.

ऐसे मामले जहां वाहन अवैध खनन सामग्री ले जाते हुए पकड़ा जाता है तो खनन अधिकारी ऐसे वाहनों के पंजीकरण को रद्द करने के लिए संबंधित आरटीओ को लिखेंगे. खनन सामग्री के अवैध परिवहन में बार-बार संलिप्त पाए जाने वाले वाहनों को कोई पारगमन परमिट नहीं दिया जाएगा.

बैरियर और तौल पुल के लिए स्थान किए जाएंगे चिन्हित

उन्होंने बताया कि स्थानीय प्रशासन के सलाह से खनन अधिकारी उन स्थानों की पहचान करेंगे जहां बैरियर और तौल पुल लगाए जाने की जरुरत है ताकि सीमा पार जाने वाले वाहनों का निरीक्षण व तौल और अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सके.

खनन अधिकारी जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट से धन के अनुमोदन और आवंटन के लिए संबंधित उपायुक्तों को प्रस्ताव प्रस्तुत करेंगे ताकि पर्यावरण संरक्षण और खनन गतिविधियों के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए जरुरी कदम उठाए जा सकें.

31 मार्च 2020 प्रस्तावों को करेंगे प्रस्तुत

इन प्रस्तावों को 31 मार्च 2020 तक जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट की गवर्निंग काउंसिल में प्रस्तुत किया जाएगा और उसके बाद जल्द कार्रवाई की जाएगी. प्रवक्ता ने बताया कि सभी खनन अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे इन निर्देशों का तत्काल कार्यान्वयन सुनिश्चित करें.

उन्होंने कहा कि राज्य भूविज्ञानी एक प्रारूप तैयार करेंगे, जिसके माध्यम से खनन अधिकारी हर महीने निदेशक उद्योग को मासिक रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे. उन्होंने कहा कि इस योजना को लागू करने के लिए खनन अधिकारियों द्वारा की गई कार्रवाई की निगरानी निदेशक उद्योग और राज्य भूविज्ञानी द्वारा की जाएगी.

ये भी पढ़ें- प्रदेश सरकार ने लिया 9811 करोड़ 76 लाख रुपए का कर्ज, CM ने सदन में दी जानकारी

शिमलाः हिमाचल प्रदेश में उद्योग विभाग खनन माफियों पर नकेल कसने के लिए कड़े कदम उठाने जा रहा है. इसे लेकर प्रदेश में खनन स्थलों से खनन और सामग्री की ढुलाई को व्यवस्थित करने के लिए निर्देश जारी किए गए हैं. विभाग का कहना है कि इन निर्देशों से अवैध खनन को रोकने में मदद मिलेगी.

विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि ये सभी जिला अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे सुनिश्चत करे कि खनन पट्टाधारकों द्वारा 25 मार्च 2020 तक सभी लघु खनिजों के डम्प को खनन पट्टा स्थलों से हटा दिए जाए और उन्हें खनन पट्टा स्थल से कम से कम एक किलोमीटर की दूरी पर स्थानांतरित किया जाए.

नए डम्प की अनुमति खनन पट्टा स्थल से कम से कम एक किलोमीटर की दूरी पर ही दी जाए. डम्पिंग स्थलों पर सूचना बोर्ड लगा कर पट्टेदार का नाम, खनन पट्टे का नाम और खनन पट्टे की अवधि को दर्शाया जाना अनिवार्य होगा.

अनाधिकृत खनन करने पर होगी एफआईआर

प्रवक्ता ने कहा कि अगर खनन पट्टाधारक स्वीकृत खनन योजना के नियमों और शर्तों के उल्लंघन करता है और जेसीबी, पोकलेन आदि जैसी यांत्रिक मशीन का उपयोग करके कोई अनाधिकृत खनन या अवैज्ञानिक खनन में लिप्त पाया जाता है, तो संबंधित खनन अधिकारी तुरंत एफआईआर दर्ज करवाकर और अवैध खनन गतिविधियों को बन्द करेगा और सक्षम प्राधिकारी को खनन पट्टे को समाप्त करने के लिए मामले की सिफारिश करेगा.

ऐसे मामले जहां वाहन अवैध खनन सामग्री ले जाते हुए पकड़ा जाता है तो खनन अधिकारी ऐसे वाहनों के पंजीकरण को रद्द करने के लिए संबंधित आरटीओ को लिखेंगे. खनन सामग्री के अवैध परिवहन में बार-बार संलिप्त पाए जाने वाले वाहनों को कोई पारगमन परमिट नहीं दिया जाएगा.

बैरियर और तौल पुल के लिए स्थान किए जाएंगे चिन्हित

उन्होंने बताया कि स्थानीय प्रशासन के सलाह से खनन अधिकारी उन स्थानों की पहचान करेंगे जहां बैरियर और तौल पुल लगाए जाने की जरुरत है ताकि सीमा पार जाने वाले वाहनों का निरीक्षण व तौल और अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सके.

खनन अधिकारी जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट से धन के अनुमोदन और आवंटन के लिए संबंधित उपायुक्तों को प्रस्ताव प्रस्तुत करेंगे ताकि पर्यावरण संरक्षण और खनन गतिविधियों के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए जरुरी कदम उठाए जा सकें.

31 मार्च 2020 प्रस्तावों को करेंगे प्रस्तुत

इन प्रस्तावों को 31 मार्च 2020 तक जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट की गवर्निंग काउंसिल में प्रस्तुत किया जाएगा और उसके बाद जल्द कार्रवाई की जाएगी. प्रवक्ता ने बताया कि सभी खनन अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे इन निर्देशों का तत्काल कार्यान्वयन सुनिश्चित करें.

उन्होंने कहा कि राज्य भूविज्ञानी एक प्रारूप तैयार करेंगे, जिसके माध्यम से खनन अधिकारी हर महीने निदेशक उद्योग को मासिक रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे. उन्होंने कहा कि इस योजना को लागू करने के लिए खनन अधिकारियों द्वारा की गई कार्रवाई की निगरानी निदेशक उद्योग और राज्य भूविज्ञानी द्वारा की जाएगी.

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