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स्टोन फ्रूट के कारोबार पर संकट! कर्फ्यू और लॉकडाउन ने बढ़ाई बागवानों की चिंता - हिमाचल बागवानों की चिंता बढ़ी

स्टोन फ्रूट्स रामपुर बुशहर और आसपास के क्षेत्रों में तैयार होने शुरू हो गए हैं. 14 अप्रैल के बाद इन्हें मार्केट में भेजना शुरू कर दिया जाता है, लेकिन इस बार लॉकडाउन की वजह से बागवानों को डर सता रहा है. स्टोन फ्रूट्स में चेरी, बादाम, प्लम, खुमानी, आड़ू इत्यादी आते हैं.

gardeners upset due to lockdown and curfew in rampur
कर्फ्यू और लॉकडाउन ने बढ़ाई बागवानों की चिंता
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Published : Apr 7, 2020, 4:48 PM IST

रामपुरः लॉकडाउन और कर्फ्यू ने बागवानों की चिंता बढ़ा दी है. स्टोन फ्रूट्स के करोड़ों के कारोबार पर संकट गहरा सकता है. बागवानों का कहना है कि जल्द ही देश व प्रदेश की स्थिति सामान्य नहीं हुई तो उन्हें इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है. फिलहाल बागवान यह आस लगाए बैठे हैं कि 14 अप्रैल के बाद स्थिति सामान्य हो जाए. अगर लॉकडाउन और अधिक आगे बढ़ता है तो बागवानों को और अधिक दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.

स्टोन फ्रूट्स रामपुर बुशहर और आसपास के क्षेत्रों में तैयार होने शुरू हो गए हैं. 14 अप्रैल के बाद इन्हें मार्केट में भेजना शुरू कर दिया जाता है, लेकिन इस बार लॉकडाउन की वजह से बागवानों को डर सता रहा है. स्टोन फ्रूट्स में चेरी, बादाम, प्लम, खुमानी, आड़ू इत्यादी आते हैं.

राजधानी शिमला के कोटगढ़ बेल्ट में चेरी के करीब 15 लाख से अधिक बॉक्स होते हैं और बादाम की भी अच्छी फसल होती है. इसके अलावा रामपुर में पल्म के करीब डेढ़ लाख से अधिक बॉक्स होते हैं. रामपुर और कोटगढ़ में स्टोन फ्रूट्स का करोड़ों का कारोबार होता है.

बागबानों का कहना है कि स्टोन फ्रूट्स शिमला, सोलन व चंडीगढ़ भेजे जाते हैं. इस बार चेरी, बादाम व पल्म की फसल कम है. मौसम ने इस बार बागवानों का साथ नहीं दिया, लेकिन जो भी फसल है उस पर भी अभी संशय कायम है कि तैयार स्टोन फ्रूट्स मार्केट में पहुंचेगें या नहीं. ऐसे में बागवानों ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है.

बागवानों ने कहा कि अगर स्थिति सामान्य हो जाती है तो वे नुकसान से बच सकते हैं अन्यथा बड़ा नुकसान हो सकता है. बागवानों ने राज्य सरकार अलग विकल्प तैयार करने की मांग की है.

ये भी पढ़ें- बेघरों और श्रमिकों के लिए लॉकडाउन बना मुसीबत, हिमाचल सरकार कर रही मदद

रामपुरः लॉकडाउन और कर्फ्यू ने बागवानों की चिंता बढ़ा दी है. स्टोन फ्रूट्स के करोड़ों के कारोबार पर संकट गहरा सकता है. बागवानों का कहना है कि जल्द ही देश व प्रदेश की स्थिति सामान्य नहीं हुई तो उन्हें इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है. फिलहाल बागवान यह आस लगाए बैठे हैं कि 14 अप्रैल के बाद स्थिति सामान्य हो जाए. अगर लॉकडाउन और अधिक आगे बढ़ता है तो बागवानों को और अधिक दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.

स्टोन फ्रूट्स रामपुर बुशहर और आसपास के क्षेत्रों में तैयार होने शुरू हो गए हैं. 14 अप्रैल के बाद इन्हें मार्केट में भेजना शुरू कर दिया जाता है, लेकिन इस बार लॉकडाउन की वजह से बागवानों को डर सता रहा है. स्टोन फ्रूट्स में चेरी, बादाम, प्लम, खुमानी, आड़ू इत्यादी आते हैं.

राजधानी शिमला के कोटगढ़ बेल्ट में चेरी के करीब 15 लाख से अधिक बॉक्स होते हैं और बादाम की भी अच्छी फसल होती है. इसके अलावा रामपुर में पल्म के करीब डेढ़ लाख से अधिक बॉक्स होते हैं. रामपुर और कोटगढ़ में स्टोन फ्रूट्स का करोड़ों का कारोबार होता है.

बागबानों का कहना है कि स्टोन फ्रूट्स शिमला, सोलन व चंडीगढ़ भेजे जाते हैं. इस बार चेरी, बादाम व पल्म की फसल कम है. मौसम ने इस बार बागवानों का साथ नहीं दिया, लेकिन जो भी फसल है उस पर भी अभी संशय कायम है कि तैयार स्टोन फ्रूट्स मार्केट में पहुंचेगें या नहीं. ऐसे में बागवानों ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है.

बागवानों ने कहा कि अगर स्थिति सामान्य हो जाती है तो वे नुकसान से बच सकते हैं अन्यथा बड़ा नुकसान हो सकता है. बागवानों ने राज्य सरकार अलग विकल्प तैयार करने की मांग की है.

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