रामपुर बुशहरः ऊपरी शिमला में एक माह के स्वर्ग प्रवास के बाद कई देवी-देवता वापस लौट आए हैं. स्वर्ग प्रवास से लौटे देवताओं के दर्शन के लिए मंदिरों में भारी भीड़ जुट रही है. वहीं, रामपुर, आनी, निरमंड, कुमारसैन क्षेत्र में गढ़ाई पर्व भी संपन्न हुआ है.
इस मौके पर स्वर्ग प्रवास से लौटे देवी देवताओं ने अपने-अपने क्षेत्र के भविष्य में होने वाली घटनाओं के बारे में भविष्यवाणी की. इस अवसर पर भारी संख्या में ग्रामीणों ने देवताओं का ढोल नगाड़ों के साथ स्वागत किया. साथ ही लोग आने वाले समय के बारे में जानने के लिए मंदिर के प्रांगण में पहुंचे. इसके अलावा मंदिरों में अब देवताओं की नियमित आरती उतारी जाएगी. वहीं, अब शुभ कार्य भी किए जा सकेंगे.
देश पर नहीं कोई संकट
इस दौरान निरमंड के इतिहासकार दीपक शर्मा का कहना है कि देवता अब स्वर्ग प्रवास से वापस लौट चुके हैं. उन्होंने कहा कि देवताओं ने भविष्यवाणी की है कि अब देश पर किसी भी तरह का कोई संकट नहीं आएगा. उन्होंने कहा कि आगामी साल में बारिश की कमी रहेगी.
देवताओं ने की थी भविष्यवाणी
गौर हो की पिछले वर्ष भी स्वर्ग प्रवास से लौटने के बाद देवताओं ने भविष्यवाणी कर दी थी की देश में जीवाणु संक्रमण फैलेगा. जो सही साबित हुआ और देश में कोरोना जैसी माहामारी फैली.
देवी-देवताओं का स्वर्गलोक प्रस्थान
बता दें कि परंपरा के अनुसार देवी-देवता मकर संक्रांति को स्वर्गलोक प्रस्थान करते हैं. देवी-देवताओं के जाने के बाद उनकी मूर्तियां शक्तिविहीन हो जाती हैं और गुरों को खेल भी नहीं आती. देवताओं के स्वर्ग चले जाने पर उनके मंदिर सूने हो जाते हैं.
फिर से शुरू होंगे धार्मिक कार्य
इस दौरान मंदिरों में देवताओं की मूर्तियों की आरती नहीं उतारी जाती. लोग अपने आराध्यों को खुले आकाश की ओर धूप और जल अर्पित करते हैं. देवताओं के स्वर्ग प्रवास पर रहने के दौरान क्षेत्र में शादी समारोह और धार्मिक अनुष्ठान जैसे शुभ कार्य नहीं होते हैं. वहीं, अब देवता स्वर्ग प्रवास से वापस लौट चुके हैं. जिसके बाद क्षेत्र में सभी धार्मिक कार्य फिर से शुरू होंगे.
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