शिमला: प्रदेश सरकार द्वारा शिमला शहर को विकसित करने के लिए डेवलेपमेंट प्लान तैयार किया गया है. लेकिन इस प्लान को एनजीटी ने रोक लगा दी है. वहीं, अब शिमला नगर निगम के पूर्व डिप्टी मेयर टिकेंद्र पंवर ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को पत्र लिखकर बिना कोई पैसे लिए डेवलेपमेंट प्लान देने का प्रस्ताव रखा है. टिकेंद्र शिमला नगर निगम के पूर्व डिप्टी मेयर टिकेंद्र पंवर ने 29 मई को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को इसको लेकर पत्र लिखा लेकिन अभी तक सरकार की तरफ से उन्हें कोई जवाब नहीं मिला है.
उन्होंने कहा कि शिमला डेवलपमेंट प्लान (Tikender Panwar on Shimla Development Plan) जो तैयार किया गया है वो खोदा पहाड़ निकला चूहा जैसी कहावत है. इस प्लान को तैयार करने के लिए 80 लाख कंपनी को देकर बर्बादी की है. एनजीटी ने इस पर रोक लगा दी है और रोक लगाने की वजह यह है कि जिस पैरामीटर पर ये प्लान बनना चाहिए था वह नहीं बना है. शहर में किस तरह विकास होना चाहिए यह नहीं बताया गया है. केवल लैंड यूज चेंज बना कर छोड़ दिया गया. ये प्लान कट कॉपी पेस्ट वाला प्लान था और जिस तरह से मैदानों के लिए प्लान होता है वही पहाड़ी क्षेत्र के लिए भी तैयार किया गया था, जबकि मैदानी इलाकों से पहाड़ी क्षेत्र की परिस्थितियां अलग होती हैं.
डेवलपमेंट को लेकर इस प्लान में जरा भी ध्यान नहीं रखा गया है. इस प्लान में छह लाख आबादी होने की बात कही गई है जबकि शिमला में इतनी आबादी हो ही नहीं सकती, क्योंकि शिमला में अधिक वन क्षेत्र आता है जहां निर्माण कार्य नहीं हो सकता है. इस प्लान को तैयार करने में लोगों की भागीदारी नहीं ली गई है ना ही कोई सर्वे किया गया है. जबकि शहर को विकसित करने के लिए सबसे पहले लोगों की भागीदारी सुनिश्चित की जानी चाहिए और उसी आधार पर प्लान भी बनाए जाते हैं.
शिमला शहर फॉरेस्ट एरिया के साथ जोन 5 में भी आता है और उस आधार पर ही यहां पर भवनों का निर्माण और अन्य कार्य किए जाने चाहिए. इसको लेकर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को पत्र लिखा कि वे शिमला के लिए निशुल्क डेवलपमेंट प्लान तैयार (Tikender Panwar on Shimla Development Plan) करके देंगे और इसके लिए विशेषज्ञों की टीम भी है जो युद्ध में ग्रस्त हुए शहरों को बसाने का काम करते हैं और लेह लद्दाख में भी काम कर रहे हैं. उनका हिमाचल के साथ लगाव भी है. लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि 1 माह बीत जाने के बाद भी अभी तक सरकार की तरफ से इसको लेकर कोई भी जवाब नहीं आया. उन्होंने कहा कि लगता है कि मुख्यमंत्री शहर के विकास को लेकर गंभीर नहीं है. यह डेवलपमेंट प्लान केवल चुनावों को देखते हुए जल्दबाजी में तैयार किया गया लेकिन एनजीटी ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है यदि सरकार चाहे तो वह प्लान बना कर देंगे.
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