शिमला: मोदी सरकार द्वारा कृषि कानून वापसी लेनें ओर किसान को राहत देने के बाद किसानों में खुशी की लहर (Farmers organizations in Shimla) है. देशभर में किसान आंदोलन की जीत को लेकर शनिवार को विभिन्न किसान संगठनों ने जश्न मनाया. इसी कड़ी में शिमला में भी हिमाचल किसान सभा व अन्य किसान संगठनों ने शेर ए पंजाब पर एकत्रित होकर (Farmers Protest victory celebration shimla) जीत का जश्न मनाया व लड्डू बांटे.
माकपा के बैनर तले किसान सभा ने शेरे पंजाब के पास नारे बाजी की ओर किसानों की जीत पर खुशी जाहिर की. किसानों का कहना था कि अभी किसानों ने एक लड़ाई जीती है. किसानों की मुख्य समस्या न्यूनतम समर्थन मूल्य का समाधान अभी बाकी है. हिमाचल किसान सभा के सचिव ओंकार शाद ने बताया कि संयुक्त किसान मोर्चा के आवाहन पर देशभर के किसान पिछले 1 साल से संघर्ष कर रहे थे. वहीं, किसानों की मांगों को केंद्र सरकार ने अब मान लिया (MSP on Fruits in Himachal) है. जिसके बाद यह आंदोलन स्थगित कर दिया गया है.
उन्होंने कहा कि इस उपलक्ष्य पर जश्न मनाया गया है और लड्डू बांटे गए हैं. उन्होंने कहा कि किसानों की मुख्य मांग न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर कानून बनाना अभी बाकि है, जिसके लिए एक कमेटी भी बनाई गई है. उन्होंने कहा कि किसानों का संघर्ष न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर तब तक जारी रहेगा, जब तक सरकार कानून नहीं बना देती.
उन्होंने कहा कि हिमाचल में बागवानों को उनकी फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिल (Crops under MSP in Himachal) पाता है. जिसके कारण किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने हमेशा किसान विरोधी फैसले ही लिए हैं. लेकिन किसान भी पीछे हटने वाला नहीं है और वह अपने हक की लड़ाई लड़ता रहेगा.
ये भी पढ़ें: हिमाचल पुलिस की कार्रवाई, मोबाइल पर अश्लील बातें व फोटो भेजने वाला आरोपी बिहार से गिरफ्तार