शिमला: उत्तर भारत के मशहूर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. अरविंद कंदोरिया तीन दशकों तक लोगों की सेवाएं करने के बाद गुरुवार को सेवानिवृत हो गए हैं. इस मौके पर ईटीवी भारत ने डॉ. कंदोरिया से खास बातचीत की है.
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए डॉ. अरविंद ने बताया कि उन्होंने 1985 में कांगड़ा जिले के भरमाड़ इलाके में पहली ज्वाइनिंग हुई थी. पीजीआई चंडीगढ़ से एमडी मेडिसिन करने के बाद पांच साल तक धर्मशाला में लोगों की सेवाएं की. एमडी कार्डियोलॉजी करने के बाद साल 2002 से आईजीएमसी शिमला में लोगों की सेवा कर रहे हैं.
नौ हजार से ज्यादा लोगों का कर चुके हैं इलाज
डॉ. कंदोरिया ने बताया कि आईजीएमसी के कार्डियोलॉजी विभाग में दिल से जुड़ी एक-दो बीमारियों को छोड़कर सभी तरह के रोगों का इलाज किया जाता है. डॉ. कंदोरिया अबतक 9 हजार से ज्यादा लोगों का इलाज कर चुके हैं.
अबतक लगाए जा चुके हैं 16 नि:शुल्क कैंप
डॉ. कंदोरिया अपने माता-पिता की याद में नि:शुल्क कैंप भी लगाते हैं. इस कैंप में दिल से जुड़ी बीमारियों के अलावा सभी तरह के रोगों का इलाज किया जाता है. अब तक लगाए गए 16 कैंपों में हजारों मरीजों का इलाज किया गया. इनमें करीब 800 ऐसे मरीज भी शामिल हैं जिन्हे इलाज के लिए आईजीएसमी, पीजीआई चंडीगढ़ भेजा गया और अब वे पूरी तरह से स्वस्थ्य हैं.
गरीब लोगों को देंगे नि:शुल्क सेवाएं
हिमाचल में मौजूद स्वास्थ्य सुविधाओं पर बात करते हुए डॉ. कंदोरिया ने कहा कि प्रदेश सरकार मरीजों के बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने के लिए प्रयत्न कर रही है. कुछ सालों में प्रदेश में सभी तरह की सुविधाएं मौजूद होगीं, जिनका फायदा शहरी और ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को मिलेगा. उन्होंने कहा कि सेवानिवृत होने के बाद अपने क्षेत्र के लोगों को सेवाएं देते रहेंगे.