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कोटखाई गुड़िया बर्बरता मामले में परिजन CBI जांच से नाखुश, केंद्र से दोबारा जांच की मांग

गुड़िया के परिजन और प्रदेश की जनता आज भी गुड़िया के साथ हुई बर्बरता मामले में इंसाफ की मांग कर रहे हैं. परिजन सीबीआई की जांच से संतुष्ट नहीं है. उनका कहना है कि इस जघन्य अपराध में और भी लोग शामिल हैं. ये किसी अकेले व्यक्ति का काम नहीं है.

gudia rape and murder case
कोटखाई गुड़िया दुष्कर्म
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Published : Jul 24, 2020, 4:57 PM IST

शिमला: प्रदेश को झकझोर कर रख देने वाले कोटखाई गुड़िया प्रकरण मामले को आज चार साल बीत गए हैं, लेकिन ये मामला अभी भी लोगों के जहन से उतर नहीं पा रहा. हिमाचल की राजनीति में खलबली मचाने वाले इस प्रकरण में समूचे प्रदेश के लोग बार-बार फिर से जांच करवाने की मांग कर रहे हैं.

गुड़िया के परिजन और प्रदेश की जनता इंसाफ के इंतजार में हैं. गुड़िया के पिता आज भी इंसाफ की मांग कर रहे हैं. गुड़िया के पिता और बहन ने एक बार फिर सीबीआई जांच पर सवाल उठाते हुए केंद्र सरकार से दोबारा जांच करवाने की मांग की है. गुड़िया के पिता ने सीबीआई जांच को अधूरा बताते हुए कहा कि उन्हें विश्वास ही नहीं हो रहा है कि अकेला चार फुट का व्यक्ति इस जघन्य अपराध को अंजाम दे सकता है.

वीडियो रिपोर्ट

गुड़िया की बहन मनु ने कहा कि इसमें एक से ज्यादा लोग शामिल हैं और हम सीबीआई जांच से संतुष्ट नहीं हैं. उन्होंने कहा कि इस मामले में कुछ अहम साक्ष्य छूट गए हैं. गुड़िया की क्लिप और जुराब अब तक नहीं मिली है, जिससे काफी जानकारी मिल सकती थी. गुड़िया की बहन ने लोगों और केंद्र सरकार से न्याय की गुहार लगाई है. परिजनों ने केंद्र सरकार से फिर से मामले की जांच करवाने की मांग की है.

बता दें कि गुजरात फोरेंसिक लैब के एक्सपर्ट के हल्फनामे और बयान के बाद कोटखाई गुड़िया प्रकरण में फिर जांच करने की मांग उठी थी. विधानसभा चुनाव से पहले तत्कालीन कांग्रेस सरकार के खिलाफ गुड़िया मामला एक बहुत बड़ा मुद्दा बना था. दसवीं कक्षा की नाबालिग छात्रा गुड़िया अपने स्कूल से 4 जुलाई, 2017 को करीब साढे़ चार बजे घर को निकली, लेकिन वह घर नहीं पहुंची. उसका मृत शरीर निर्वस्त्र अवस्था में छह जुलाई को हलाइला के पास जंगल में मिला.

इस मामले की जांच सीबीआई की दिल्ली से आई विशेष अपराध शाखा को सौंपी गई. सीबीआई ने इस मामले में करीब सवा चार फुट के एक चिरानी अनिल को अपराधी बताते हुए कोर्ट में चालान पेश किया. इसी मामले से जुडे़ पुलिस हिरासत में हुए सूरज हत्याकांड में आईजी, एसपी समेत कई पुलिस अधिकारी और कर्मचारी गिरफ्तार हो चुके हैं.

ये भी पढ़ें: सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में छात्रों की एडमिशन शुरू, सोशल डिस्टेंसिंग का रखा जा रहा ध्यान

शिमला: प्रदेश को झकझोर कर रख देने वाले कोटखाई गुड़िया प्रकरण मामले को आज चार साल बीत गए हैं, लेकिन ये मामला अभी भी लोगों के जहन से उतर नहीं पा रहा. हिमाचल की राजनीति में खलबली मचाने वाले इस प्रकरण में समूचे प्रदेश के लोग बार-बार फिर से जांच करवाने की मांग कर रहे हैं.

गुड़िया के परिजन और प्रदेश की जनता इंसाफ के इंतजार में हैं. गुड़िया के पिता आज भी इंसाफ की मांग कर रहे हैं. गुड़िया के पिता और बहन ने एक बार फिर सीबीआई जांच पर सवाल उठाते हुए केंद्र सरकार से दोबारा जांच करवाने की मांग की है. गुड़िया के पिता ने सीबीआई जांच को अधूरा बताते हुए कहा कि उन्हें विश्वास ही नहीं हो रहा है कि अकेला चार फुट का व्यक्ति इस जघन्य अपराध को अंजाम दे सकता है.

वीडियो रिपोर्ट

गुड़िया की बहन मनु ने कहा कि इसमें एक से ज्यादा लोग शामिल हैं और हम सीबीआई जांच से संतुष्ट नहीं हैं. उन्होंने कहा कि इस मामले में कुछ अहम साक्ष्य छूट गए हैं. गुड़िया की क्लिप और जुराब अब तक नहीं मिली है, जिससे काफी जानकारी मिल सकती थी. गुड़िया की बहन ने लोगों और केंद्र सरकार से न्याय की गुहार लगाई है. परिजनों ने केंद्र सरकार से फिर से मामले की जांच करवाने की मांग की है.

बता दें कि गुजरात फोरेंसिक लैब के एक्सपर्ट के हल्फनामे और बयान के बाद कोटखाई गुड़िया प्रकरण में फिर जांच करने की मांग उठी थी. विधानसभा चुनाव से पहले तत्कालीन कांग्रेस सरकार के खिलाफ गुड़िया मामला एक बहुत बड़ा मुद्दा बना था. दसवीं कक्षा की नाबालिग छात्रा गुड़िया अपने स्कूल से 4 जुलाई, 2017 को करीब साढे़ चार बजे घर को निकली, लेकिन वह घर नहीं पहुंची. उसका मृत शरीर निर्वस्त्र अवस्था में छह जुलाई को हलाइला के पास जंगल में मिला.

इस मामले की जांच सीबीआई की दिल्ली से आई विशेष अपराध शाखा को सौंपी गई. सीबीआई ने इस मामले में करीब सवा चार फुट के एक चिरानी अनिल को अपराधी बताते हुए कोर्ट में चालान पेश किया. इसी मामले से जुडे़ पुलिस हिरासत में हुए सूरज हत्याकांड में आईजी, एसपी समेत कई पुलिस अधिकारी और कर्मचारी गिरफ्तार हो चुके हैं.

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